Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    NIA ने आतंकी डॉ. मुजम्मिल से कराई निशानदेही, सोहना में दो दुकानों से खरीदा था 1600 किलो अमोनियम नाइट्रेट

    By Satish RaghavEdited By: Kushagra Mishra
    Updated: Tue, 25 Nov 2025 11:15 PM (IST)

    दिल्ली धमाका मामले में शामिल आतंकी मुजम्मिल ने सोहना से भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट खरीदा था। एनआईए टीम उसे लेकर सोहना पहुंची और दुकानों की पहचान कराई। मुजम्मिल ने 2023 में दो दुकानों से अमोनियम नाइट्रेट खरीदने की बात स्वीकारी। एनआईए ने दुकानदारों को फिर से पूछताछ के लिए बुलाया है।

    Hero Image

    सतीश राघव, सोहना। दिल्ली में धमाके के मामले में शामिल आतंकी डाॅ. मुजम्मिल शकील विस्फोटक सामग्री तैयार करने के लिए सोहना अनाज मंडी में स्थिति उर्वरक की दो दुकानों के मालिकों के संपर्क में था। इन दोनों दुकानों से उसने भारी मात्रा में अमोनियम नाइट्रेट खरीदा था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उसे यह पदार्थ वर्ष 2023 के जनवरी और फरवरी में लिया था। इसकी पेमेंट कश्मरी से ऑनलाइन की गई थी। सोमवार शाम को एनआईए टीम काफिले के साथ आतंकी डाॅ. मुजम्मिल को लेकर सोहना अनाज मंडी स्थित मदान बीज भंडार और लक्ष्मी बीज भंडार की दुकान पर पहुंची। आतंकी ने दोनों दुकानों की पहचान की। विस्फोट के लिए मसौदा तैयार करने की सामग्री अमोनियम नाइट्रेट खरीदने की पुष्टि भी की।

    सोमवार शाम को अनाज मंडी में एनआईए जांच अधिकारियों का काफिला आतंकी को लेकर पहुंचा था। बड़ी संख्या में आए अधिकारियों को देखकर मंडी में हड़कंप मच गया। टीम ने जांच पड़ताल के बाद दोनों दुकानदारों को दोबारा जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है। 15 दिन पहले भी एनआईए टीम ने दोनों दुकानदारों को हिरासत में लिया था।

    तीन दिन तक पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। सोमवार शाम एनआईए की टीम ने सोहना में करीब 45 मिनट तक गहनता से जांच की। आतंकी के लोकेशन के बारे में विस्तृत जानकारी भी जुटाई।

    आतंकी मुजम्मिल ने लक्ष्मी बीज भंडार और मदान बीज भंडार की शिनाख्त की। उसने जांच टीम को बताया कि वर्ष 2023 के जनवरी फरवरी माह में इन्हीं दुकानों से अमोनियम नाइट्रेट खरीदा था। सूत्रों के अनुसार मुजम्मिल ने लक्ष्मी बीज भंडार से एक हजार किलोग्राम और मदान बीज भंडार से 600 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट खरीदा था।

    वीडियो बनाने से लोगों को रोका

    दिल्ली धमाके के दो दिन बाद फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने इन दोनों दुकानों के संचालकों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था। हालांकि, पूछताछ करने के तीन दिन बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था।

    जब टीम मुजम्मिल को इन दुकानों पर पहुंची तो कुछ लोगों ने मोबाइल फोन से वीडियो बनाने का प्रयास किया, इस पर एजेंसी के अधिकारियों ने आपत्ति जताई और हिदायत दी कि यह संगीन व गंभीर मामला आतंक से जुड़ा है। इसलिए कोई वीडियोग्राफी न करें।

    यह भी पढ़ें- 9 भाषाएं जानने वाला ‘डॉ. उमर’ कैसे बना मौत का सौदागर? गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे