Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    9 भाषाएं जानने वाला ‘डॉ. उमर’ कैसे बना मौत का सौदागर? गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 09:43 PM (IST)

    जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी उमर नबी बट ने धारा-370 हटने के बाद सुरक्षा बलों से नफरत शुरू कर दी थी। उसने फरीदाबाद में विस्फोटक जमा किए ताकि जम्मू-कश्मीर में सैन्य ठिकानों पर हमला कर सके। उमर अपने मॉड्यूल में खुद को 'अमीर' कहता था और धार्मिक बातें करता था। उसने चीनी भाषा में एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया था और उसके पांच सिम कार्ड की जांच चल रही है।

    Hero Image
    delhi blast (2)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। लाल किला के बाहर फिदायीन हमला करने वाला जैश-ए-मोहम्मद का आतंकी डॉ. उमर नबी बट जम्मू-कश्मीर में धारा-370 हटने के बाद से वहां तैनात सुरक्षा बलों से नफरत करने लगा था। सुरक्षा बलों को मारने के मकसद से फरीदाबाद में अपने साथियों की मदद से विस्फोटक जमा कर रहा था, ताकि उसे जम्मू-कश्मीर ले जाकर सैन्य ठिकानों में धमाका कर अधिक से अधिक सैन्य कर्मियों को मार सके।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    धमाके के बाद गिरफ्तार छह आतंकियों से पूछताछ से जांच एजेंसी को यह जानकारी मिली है। जांच एजेंसी अब तक धमाके के तरीके को लेकर अभी इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाई हैं कि आखिर उमर ने कार में धमाके के लिए क्या तरीका अपनाया? माना जा रहा कि हाॅफ प्रीप्रेयर आईईडी टाइमर मैकेनिज्म डिवाइस से धमाका किया गया हो। एसिटोन यानी नेल पॉलिश रिमूवर और पिसी हुई चीनी का भी विस्फोटक बनाने में इस्तेमाल किया गया है।

    आतंकी उमर को आती थीं नौ से ज्यादा भाषाएं

    सूत्रों के मुताबिक, जुलाई 2023 मेवात के नूंह में हुई हिंसा और मार्च 2023 नासिर जुनैद की भिवानी में हुई हत्या ने उमर को खाैफनाक साजिश रचने के लिए प्रेरित किया। उमर के साथ आतंक की साजिश रचने वाले आतंकियों से जांच एजेंसी को पता चला है कि वह अपने डाॅ. माॅड्यूल सर्कल में खुद को अमीर यानी सबसे बड़ा नेता कहता था।

    अमीर को उर्दू में 'राजकुमार', 'सेनापति' या 'शासक' भी कहा जाता है। वह खुद को शासक व राजकुमार मानता था। वह हमेशा दीन की बातें करता था। खुद से ज्यादा काबिल व पढ़ा लिखा किसी को नहीं समझता था। उसे नौ से ज्यादा भाषाओं का ज्ञान था, जिसमें हिंदी, उर्दू, इंग्लिश, पर्सियन, अरबी चाइनीज व फ्रेंच आदि शामिल है।

    गिरफ्तार आतंकी डाॅ. मुज्जमिल ने जांच एजेंसी को बताया कि उमर के सामने उसकी व अन्य की हैसियत और तजुर्बा कुछ भी नहीं था। वह इतने तेज दिमाग का युवा था कि न्यूक्लियर विज्ञानी भी बन सकता था। उमर हमेशा दीन व धर्म की बातें करता था। उसके अंदर लीडरशिप की खूबी थी। वह सभी को एकजुट करके रखता था, जिससे उसकी बात कोई नहीं काट पाता था।

    'देश में जेनोसाइड हो सकता है, हमें तैयार रहना चाहिए'

    उसकी बातों में तथ्य और रिसर्च होती थी। वह डाॅ. मुजम्मिल, डाॅ. अदील, डाॅ. शाहीन और मुफ्ती इरफान को हमेशा यह कहता था कि देश का माहौल खराब हो गया है, जेनोसाइड हो सकता है, इसलिए हम सभी को तैयार रहना चाहिए। सूत्रों के मुताबिक, कबूलनामे में मुजम्मिल ने बताया कि उमर उसके साथ ही नूंह से यूरिया लेकर आता था और उससे विस्फोटक बनाने के लिए टेस्टिंग करता था।ज

    अल फलाह यूनिवर्सिटी के अपने कमरा नंबर चार में वह टेस्टिंग करता था। उमर के एक सूटकेस में रखे दस्तावेज से भी जांच एजेंसी को कई जानकारी मिली है। पूछताछ में मुजम्मिल ने बताया वह, उमर, अदील, शाहीन व मुफ्ती इरफान के साथ मिलकर बड़ी साजिश का तानाबाना बुन रहा था। उसका लीडर उमर ही था।

    चायनीज में बनाया था वॉट्सएप ग्रुप 

    उसने एक वाॅट्सएप ग्रुप बनाया था और जिसे चाइनीज भाषा में बनाया गया था। उसमें सभी बातें चाइनीज भाषा में बातें होती थीं। ग्रुप का नाम भी चाइनीज भाषा में था।

    उमर व अदील पहले से एक दूसरे को जानते थे, क्योंकि अदील उमर का जूनियर था। मुजम्मिल, डाॅ. शाहीन से प्यार करता था। मुजम्मिल की मुलाकात डाॅ. शाहीन से अल फलाह में ही हुई थी। मुजम्मिल और मुफ्ती इरफान की पहली मुलाकात जम्मू कश्मीर में एक बुजुर्ग महिला की बीमारी का इलाज करने के दौरान एक घर में हुई थी।

     2022 में शुरू हुआ था डॉक्टर मॉड्यूल पहला चैप्टर

    मुफ्ती इरफान आतंकी संगठन अंसार उल हिंद के एक आतंकी हाफिज त्रात्रे के साथ पहले से जुड़ा हुआ था। 2021 में त्रात्रे के मुठभेड़ में मारे जाने पर मुजम्मिल ने 2021 में अंसार गजवत उल हिंद आतंकी संगठन ज्वाइन कर लिया था। बातों ही बातों में उसकी और मुफ्ती की दोस्ती हो गई थी।

    2022 में अंसार गजवत उल हिंद आतंकी संगठन डी एक्टिवेट हो गया था। जिसके बाद पहली बार पांचों ने फरवरी 2022 में श्रीनगर में इकट्ठा होकर मीटिंग की थी। वहीं से इस डाॅक्टर माॅड्यूल का पहला चेप्टर शुरू हुआ था।

    2022 में ही एक तौफेल नाम के शख्स से इस माॅड्यूल को एके -47 दी थी। 2022 में उमर से बात कर उसकी सोच और नाॅलेज ने सभी को उसका फैन बना दिया था। सूत्रों के मुताबिक जांच एजेंसी को उमर से पांच सिमकार्ड के बारे में जानकारी मिली, जिनके सीडीआर निकालकर उसके संपर्क के सभी लोगों को नोटिस भेज बुलाकर पूछताछ की जा रही है।

    यह भी पढ़ें- Delhi Blast: आतंकी फंडिग का कानपुर कनेक्शन, कई एनजीओ के संपर्क में थे डा. शाहीन के करीबी