DLF फेज-1 से पांच की सीलिंग पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा निर्णय, 4500 मकानों को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने डीएलएफ फेज-1 में सीलिंग के मामले में अहम फैसला सुनाया है। 4500 से ज्यादा मकानों को अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों के कारण सीलिंग से राहत मिली है। कोर्ट ने मामले को हाईकोर्ट में वापस भेज दिया है, जहां मकान मालिक 14 दिनों के भीतर याचिका दायर कर सकते हैं। हाईकोर्ट को छह महीने में सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया गया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। डीएलएफ फेज-1 से पांच की सीलिंग पर सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को सुनवाई हुई। 4500 से अधिक मकानों में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों को सीलिंग से राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट ने केस हाईकोर्ट में वापस भेज दिया है। नोटिस प्राप्त करने वाले मकान मालिक हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए 14 दिन में याचिका दायर कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट को छह माह के भीतर सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 13 फरवरी को डीएलएफ फेज एक से पांच में रिहायशी क्षेत्रों में अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की इन्फोर्समेंट टीम ने व्यापक सर्वे कर 4500 से अधिक मकानों को मार्क किए, जिनमें अवैध निर्माण या व्यावसायिक गतिविधियां पाई गईं।
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विभाग की ओर से इन मकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए और सात दिन में जवाब मांगा गया। संतोषजनक जवाब न मिलने पर विभाग ने रेस्टोरेशन के आदेश जारी करते हुए आक्यूपेशन सर्टिफिकेट (ओसी) रद करने और पानी, सीवर व बिजली कनेक्शन काटने के लिए डीटीपी (प्लानिंग) को सिफारिश भेज दी। विभाग के रिकार्ड के अनुसार, 2111 मकानों के विरुद्ध रेस्टोरेशन आदेश जारी किए जा चुके हैं।

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