गुरुग्राम में DLF फेज-1 के 4500 मकान मालिकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, पंजाब एवं हरियाणा HC का आदेश रद
सुप्रीम कोर्ट ने डीएलएफ फेज एक से पांच में अवैध निर्माण के मामले में हाई कोर्ट के पूर्व आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने प्रभावित पक्षों को दोबारा सुनवाई का मौका देने का निर्देश दिया है। अब प्रभावित व्यक्ति दो सप्ताह के भीतर हाई कोर्ट में आवेदन कर सकते हैं। इस फैसले से लगभग 4500 मकान मालिकों को राहत मिली है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुग्राम के DLF फेज-1 की सोसाटियों को लेकर सुनाया फैसला।
जागरण संवाददाता, नया गुरुग्राम। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुग्राम के DLF फेज-1 में पांच रिहायशी काॅलोनियों में अवैध निर्माण और मकानों के व्यावसायिक उपयोग से जुड़े एक अहम मामले में बड़ा फैसला सुनाया है।
कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व आदेश को रद करते हुए मामले की दोबारा सुनवाई के निर्देश दिए हैं। इस मामले में सुनवाई 28 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन लिखित आदेश मंगलवार को जारी किया गया।
यह मामला उन कई घर मालिकों और निवासियों से जुड़ा है, जिन्होंने कहा था कि उन्हें पहले चल रही सुनवाई में पक्षकार नहीं बनाया गया था और बिना सुने ही उनके विरुद्ध आदेश जारी कर दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि बिना प्रभावित पक्षों को सुने कोई भी निर्णय देना उचित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध निर्माण और रिहायशी क्षेत्रों में व्यावसायिक गतिविधियां किसी भी तरह से जायज नहीं हैं, लेकिन ऐसे मामलों में कार्रवाई तभी की जा सकती है, जब सभी संबंधित पक्षों को अपनी बात रखने का पूरा मौका दिया जाए।
कोर्ट की माने तो हाई कोर्ट के पहले आदेश में कई लोगों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, जबकि उन्हें न तो सुना गया और न ही पक्षकार बनाया गया था। यह प्रक्रिया न्यायसंगत नहीं थी।
जारी किए गए निर्देश
- सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट का पुराना आदेश रद कर दिया है और संबंधित याचिकाओं को बहाल कर दिया है।
 - सभी प्रभावित व्यक्ति, जिनमें अपीलकर्ता भी शामिल हैं, अब आदेश की तारीख से दो सप्ताह के भीतर हाईकोर्ट में आवेदन कर सकते हैं।
 - राज्य सरकार को निर्देश दिया गया है कि इस आदेश की जानकारी व्यापक रूप से सार्वजनिक की जाए ताकि अन्य प्रभावित लोग भी सुनवाई में शामिल हो सकें।
 - हाई कोर्ट से कहा गया है कि वह इन जनहित याचिकाओं की सुनवाई जल्द पूरी करें, संभव हो तो छह महीने के भीतर।
 
4500 मकान मालिकों को मिली राहत
यह फैसला इस बात पर जोर देता है कि किसी भी व्यक्ति के संपत्ति अधिकार या आजीविका पर असर डालने वाले मामलों में सुनवाई का अधिकार अत्यंत आवश्यक है। अब गुरुग्राम के वे मकान मालिक और निवासी, जिन पर पहले की कार्रवाई का असर पड़ा था, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकेंगे।
वहीं, प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि आगे की कार्रवाई से पहले सभी प्रभावित पक्षों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर मिले। हाई कोर्ट के फैसले से लगभग 4500 प्रभावित मकान मालिकों को फिलहाल राहत मिल गई हैं।

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