मानेसर और नाहरपुर कासन में जलभराव से मिलेगी मुक्ति, 36 करोड़ की लागत से एसटीपी तैयार
मानेसर और नाहरपुर कासन में जलभराव की समस्या से निजात पाने के लिए नगर निगम और जीएमडीए ने संयुक्त रूप से 36 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी का निर्माण किया है। इस एसटीपी से दोनों गांवों का कनेक्शन शुरू हो गया है, जिससे गलियों में गंदा पानी जमा नहीं होगा। ट्रीटेड पानी का उपयोग हरित क्षेत्र में किया जाएगा।
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जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए तैयार एसटीपी। जागरण
जागरण संवाददाता, मानेसर। नगर निगम मानेसर क्षेत्र के दो बड़े गांव मानेसर और नाहरपुर कासन के जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान हो गया है। नगर निगम और जीएमडीए की तरफ से 36 करोड़ रुपये की लागत से एसटीपी तैयार किया है। बृहस्पतिवार से दोनों गांवों का कनेक्शन एसटीपी से शुरू हो गया है। कनेक्शन होने से इन गांवों की गलियों में अब गंदा पानी जमा नहीं होगा।
निगम की तरफ से इस पानी की निकासी का स्थायी समाधान कर दिया गया है। नगर निगम की तरफ से करीब ढाई करोड़ रुपये की लागत से 14 सौ मीटर लंबी पाइप लाइन डाल दी गई है। नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा ने बताया कि पाइप लाइन डालने का कार्य पूरा किया जा चुका है। सेक्टर छह स्थित एसटीपी प्लांट का निर्माण जीएमडीए ने करीब 36 करोड़ रुपये की लागत से किया है।
पाइप लाइन की मदद से गांव मानेसर और नाहरपुर का गंदा पानी जीएमडीए द्वारा आइएमटी सेक्टर छह में निर्मित 25 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी प्लांट में पहुंचाया गया। निगम की ओर से 14 सौ मीटर की 12 सौ एमएम पाइप लाइन डाल दी गई है। करीब 150 मीटर लाइन ट्रेंचलैस की गई है। इस कार्य पर करीब ढ़ाई करोड़ रुपये की लागत आई है। इस काम के पूरा होने से दोनों गांवों से गंदे पानी की निकासी का स्थायी समाधान कर दिया गया है।
हरित क्षेत्र में प्रयोग किया जाएगा ट्रीटेड पानी
एसटीपी प्लांट से साफ हुआ पानी औद्योगिक क्षेत्र की ग्रीन बेल्ट में डाला जाएगा। निगम क्षेत्र के पार्कों और निर्माणाधीन साइटों पर निर्माण के लिए इस पानी का इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे साफ पानी का प्रयोग कम होगा और जल बचाओ अभियान को सहारा मिलेगा। इसके लिए औद्योगिक एसोसिएशन की तरफ से भी मांग की जा चुकी है।
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