गुरुग्राम में RRTS कॉरिडोर का प्रथम चरण धारूहेड़ा तक नहीं, बावल तक होगा विकसित, तीन चरणों में होना है पूरा
गुरुग्राम में रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर का पहला चरण अब धारूहेड़ा की जगह बावल तक विकसित होगा। हरियाणा सरकार ने इस बारे में एनसीईआरटीसी को सूचित कर दिया है। सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने बावल के औद्योगिक महत्व को देखते हुए कॉरिडोर को वहां तक बढ़ाने की मांग की थी। यह कॉरिडोर दिल्ली से अलवर तक तीन चरणों में बनना है, जिसके पहले चरण में अब बावल तक निर्माण होगा।

आरआरटीएस कॉरिडोर का प्रथम चरण धारूहेड़ा तक नहीं बल्कि बावल तक विकसित होगा।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर प्रथम चरण के दौरान धारूहेड़ा तक नहीं बल्कि बावल तक विकसित किया जाएगा। इस बारे हरियाणा सरकार के निर्णय से एमएमआरटीसी ने एनसीईआरटीसी को अवगत करा दिया है।
धारूहेड़ा तक ही विकसित कराने के बारे में हरियाणा सरकार के निर्णय पर स्थानीय सांसद व केंद्रीय योजना, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह ने पिछले महीने 18 सितंबर को गुरुग्राम में आयोजित अधिकारियों की बैठक में आपत्ति जताई थी।
उन्होंने तर्क दिया था कि रेवाड़ी में बावल बहुत बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। ऐसे में प्रथम चरण के दौरान बावल तक कारिडोर विकसित किया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग सुविधा का लाभ उठा सकें। इस बारे में उन्होंने केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल को भी पत्र लिखकर आपत्ति जताई थी।
दिल्ली में सराये काले खां से लेकर राजस्थान में अलवर तक आरआरटीएस कारिडोर विकसित होना है। इसे तीन चरणों में विकसित किया जाना है। इस प्रोजेक्ट को रफ्तार देने को लेकर मई के दौरान मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। उसमें प्रथम चरण के दौरान धारूहेड़ा तक कारिडोर विकसित करने की बात की गई थी। आपत्ति जाने के बाद अब धारूहेड़ा की जगह बावल कर दिया गया है।
इस बारे में हरियाणा मास रैपिड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (एचएमआरटीसी) के प्रबंध निदेशक डा. चंद्रशेखर खरे ने एनसीईआरटीसी के प्रबंध निदेशक को लिखकर अवगत करा दिया है। पत्र में कहा गया है कि हरियाणा सरकार ने विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया है कि आरआरटीएस कारिडोर को अब धारूहेड़ा की बजाय बावल तक बढ़ाया जाएगा।
बता दें कि पहले नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (एनसीआरटीसी) द्वारा प्रथम चरण में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) तक 106 किलोमीटर का कारिडोर विकसित किया जाएगा। दूसरे चरण में सोतानाला तक और तीसरे चरण में अलवर तक कारिडोर विकसित किया जाएगा। कारिडोर पर 10 से 15 मिनट के अंतराल पर ट्रेन की सुविधा उपलब्ध होगी। ट्रैक पर औसतन 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनें चलेंगी।
धारूहेड़ा से आगे बावल हरियाणा का बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है। बावल के साथ मल्टी लाजिस्टिक हब का भी विस्तार हो रहा है। मेरा मानना है कि बावल तक ही नहीं बल्कि राजस्थान के शाहजहांपुर तक विस्तार करना चाहिए। राजस्थान सरकार को केंद्र सरकार से संपर्क कर अपनी सहमति व्यक्त करनी चाहिए और उसका खर्च वहन करने पर भी अपनी सहमति देनी चाहिए। बावल तक निर्माण को शुरू करने के लिए जल्द से जल्द केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी दिलवाने के लिए भी पैरवी की जाएगी। - राव इंद्रजीत सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
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