Haryana Crime: नूंह में हरियाणा पुलिस का अधिकारी एक लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार, पहले भी डकार चुका है मोटी रकम
हरियाणा के नूंह जिले में आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के इंचार्ज सब इंस्पेक्टर यशपाल को एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी यशपाल पर पहले भी 8 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। एसीबी ने आरोपी के खिलाफ गुरुग्राम पुलिस थाने में मामला दर्ज कर लिया है।

जागरण संवाददाता नूंह। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने आर्थिक अपराध शाखा नूंह में तैनात सब इंस्पेक्टर यशपाल को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपित सब इंस्पेक्टर ने पीड़ित पक्ष के खिलाफ दर्ज एक मामले से उसका नाम जांच से निकालने की एवज में रिश्वत ली थी। आरोपित की गिरफ्तारी इंस्पेक्टर नन्ही देवी के नेतृत्व वाली टीम ने की है।
वर्ष 2021 में तत्कालीन डीसी धीरेंद्र खड़गटा द्वारा दर्ज करवाए गए सरकारी फंड के गबन के मामले के आरोपितों का नाम जांच से निकालने के एवज में पैसे मांग रहा था। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सब इंस्पेक्टर इससे पहले उनसे आठ लाख रुपये ले चुका है।
साल 2021 तत्कालीन उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने नूंह सिटी थाने में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी और उसके सहायक पर विभिन्न मदों में आई करीब कई करोड़ रुपये की राशि डकारने का आरोप लगाया था।
मामले की जांच दी गई आर्थिक अपराध शाखा को
इनमें कुछ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं तो कुछ उपरोक्त दोनों अधिकारियों के रिश्तेदार व सगे संबंधी हैं। सिटी थाने में एफआईआर के बाद इस मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई थी। आर्थिक अपराध शाखा का सब इंस्पेक्टर यशपाल इस मामले की जांच कर रहा था जिसने कई आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
आरोप है कि एसआई यशपाल शेष आरोपियों और इनके स्वजन को भी इस मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दे रहा था। इस मामले की एक महिला आरोपित ने एसीबी अधिकारियों को सब इंस्पेक्टर के खिलाफ लगातार रिश्वत का दबाव दिए जाने की शिकायत दी थी।
एक लाख रुपये और नहीं देने पर उसके पति, भाई और दोनों बेटियों को भी गिरफ्तार करने की धमकी दी जा रही है। शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एसीबी टीम ने जाल बिछाकर सब इंस्पेक्टर को रिश्वत का पैसा लेने के लिए गुरुग्राम के राजीव चौक पर बुलाया, जहां टीम ने उक्त राशि लेते हुए सब इंस्पेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
'एक लाख रुपए दे दे नहीं तो उसके परिजनों को गिरफ्तार कर लेगा'
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि इस मामले में आरोपी द्वारा शिकायतकर्ता से 8 लाख की रिश्वत पहले ही ली जा चुकी है। आरोप है कि यशपाल ने शिकायतकर्ता पर दबाव बनाया कि वह या तो एक लाख रुपए उसे दे दे अन्यथा वह उसके परिजनों को गिरफ्तार कर लेगा।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन ब्यूरो की गुरुग्राम टीम से संपर्क किया और उन्हें मामले की पूरी जानकारी दी। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सभी पहलुओं की जांच पड़ताल करते हुए आरोपी यशपाल को पकड़ने के लिए योजना बनाई।
क्या था मामला
जिला बाल विकास विभाग में 2013 से 2020 तक तत्कालीन अधिकारी विरेंद्र व रविंद्र ने विभिन्न मदों में आई राशि को अपने रिश्तेदारों के खातों में डलवा दिया था। इनमें कई खाते तो दूसरे राज्य के बताए गए है। मामले पर तत्कालीन उपायुक्त धीरेंद्र खड़गटा ने 13 अप्रैल 2024 को 21 व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी।
पुलिस ने इस मामले में 19 अप्रैल 2021 को तत्कालीन डीपीओ व उसके सहायक के अलावा कीर्ती, बबीता, पुष्पा, सुमन, शारदा रानी, पूनम, सावित्रि देवी, गीता, सीमा, चंचल, अरसीदा, साबरा, नीरमा, अमित कुमार, संजय, विरेंद्र सिंह व कालू राम के विरुद्ध गबन व जालसाजी का केस दर्ज किया था। फिर जांच शुरू हुई थी।
पुष्पा को मिल चुकी है मामले में जमानत
जानकारी के अनुसार आरोपित पुष्पा को इस मामले में जमानत मिल चुकी है। पकड़े गए आरोपित व जांच अधिकारी यशपाल ने मामले में अन्य व्यक्तियों को निकालने के लिए दस लाख रुपये मांगे थे, जिसमें से शिकायतकर्ता का कहना था कि आठ लाख रुपये दिए भी जा चुके हैं। बचे दो लाख रुपये के लिए यशपाल दबाव बना रहा था।
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