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    Organic Cotton Fabric: ऑर्गेनिक कपड़ों की खूबियां आपको कर देंगी हैरान, दिल्ली-NCR में बढ़ी मांग

    By JP YadavEdited By:
    Updated: Thu, 24 Sep 2020 01:37 PM (IST)

    Organic Cotton Fabric ऑर्गेनिक या हर्बल फैशन लाइन में कार्बनिक कॉटन बैंबू फेब्रिक हाथ से बुनी खादी आदि का उपयाग किया जाता है। इसमें रंग भी प्राकृतिक तत्वों से निकाले जाते हैं। यह वस्त्र त्वचा पर किसी प्रकार की एलर्जी नहीं करते।

    ऑर्गेनिक परिधान पहने महिला की फाइल फोटो।

    गुरुग्राम [प्रियंका दुबे मेहता]। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो रहे लोगों में अब खानपान के साथ पहनावे को लेकर भी एक नई सोच विकसित हुई है। ऐसे में एक वर्ग फिर से पुराने समय के कपड़ों की तरफ रुख कर रहा है। अब लोग उस फैशन से विमुख हो रहे हैं जहां कि गहरे रासायनिक रंग व कैमिकली ट्रीट किए हुए फेब्रिक से बने कपड़े बन रहे हैं। अब हैंडमेड कॉटन, बांस की छाल से बने फेब्रिक, बिना अनुवांशिक रूप से संशोधित किए गए बीजों से तैयार इकोफ्रेंडली कपड़े फैशन बाजार को नए आयाम दे रहे हैं। इसके लाभ देखकर लोग अब ऑर्गेनिक व इकोफ्रेंडली कपड़ों की मांग कर रहे हैं। कुछ लोग इसे फैशन के नए स्टेटमेंट की तरह ले रहे हैं तो कुछ लोग जागरूकता के चलते सराह रहे हैं।

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    पर्यावरण सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध डिजाइनर्स

    ऑर्गेनिक फैशन से प्रदूषण पर भी नियंत्रण लग रहा है। दिल्ली की ऑर्गेनिक फैशन स्टोर संचालक ममता के मुताबिक टेक्सटाइल डाइंग प्रक्रिया में ग्लोबल वॉर्मिंग तक का खरा बढ़ रहा है। ऐसे में डिजाइनर्स अब इस समस्या के समाधान के तौर पर आर्गेनिक रंगों को प्रयोग में ला रहे हैं। हर्बल चीजों से बने वस्त्र शहरी लोगों के लिए नई चीज हैं और लोग तेजी से इसे अपना रहे हैं।

    क्या हैं आर्गेनिक वस्त्र

    ऑर्गेनिक या हर्बल फैशन लाइन में कार्बनिक कॉटन, बैंबू फेब्रिक, हाथ से बुनी खादी आदि का उपयाग किया जाता है। इसमें रंग भी प्राकृतिक तत्वों से निकाले जाते हैं। यह वस्त्र त्वचा पर किसी प्रकार की एलर्जी नहीं करते व गर्मियों में यह वस्त्र स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित होते हैं। इस बारे में दिल्ली की डिजाइनर अंकिता का कहना है कि कोरोना महामारी के बाद से ऑर्गेनिक फैशन बाजार ने जबरदस्त गति पकड़ी है और बड़े शहरों में लोग इस फैशन हो हाथोंहाथ ले रहे हैं।

    पर्यावरण जागरूकता

    लोग इन कपड़ों को आराम के साथ साथ पर्यावरण से भी जोड़कर देखते हैं। ऐसे में फैशन बाजार के साथ साथ लोग भी पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में शामिल हो गए हैं। डिजाइन नीता के मुताबिक अब लोग थोड़ा अधिक पैसे खर्च करने में गुरेज नहीं करते क्योंकि वे आने वाले समय में पर्यावरण के खतरे को टालना चाहते हैं।

    अंकिता (डिजाइनर, साज बाय अंकिता, दिल्ली) का कहना है कि ऑर्गेनिक प्रोसेस (प्रक्रिया) स्लो होती हैं लेकिन प्रकृति के लिए अच्छी होती है। फैशन पर्यावरण के के लिए काफी खतरनाक साबित होता है। ऑर्गेनिक फेब्रिक को लेकर डिजाइनर्स से लेकर उपभोक्ता तक में जागरूकता आई है। यह एक एक सकारात्मकता बदलाव है। फैशन जगत इसे बहुत सपोर्ट कर रहा है। इसकी प्रक्रिया बेहद धीमी है ऐसे में यह महंगा है लेकिन लोग जो कि जागरूक हो रहे हैं वे इसे सराह रहे हैं। ऑर्गेनिक प्रिंट भारतीय संस्कृति में यह बहुत समय से चले आ रहे हैं। मैं इसे उपयोग में लाना पसंद करती हूं।

    ममता गुप्ता (फैशन स्टोर संचालक, बजरिया दुकान, दिल्ली) के मुताबिक, सॉफ्ट व आरामदायक होने की वजह से लोगों को पसंद आ रहा है। इसके अलावा लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आई है। अब लोग इस तरह के फैशन को तरजीह दे रहे हैं। दिल्ली-एनसीआर में इसकी मांग बढ़ी है।

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