Radhika Yadav News: राधिका के पिता के बयानों तक सीमित रह गई पुलिस की कहानी, कब सामने आएगी असली वजह?
राधिका यादव हत्याकांड में पुलिस जांच पिता के बयानों तक सीमित है। राधिका के पिता ने बेटी को गोली मारकर हत्या करने की बात कही थी। पुलिस ने राधिका और उसके पिता के मोबाइल फोन व रिवाल्वर को जांच के लिए भेजा है। राधिका के सह-कलाकार इनामुल ने सोशल मीडिया पर स्पष्टीकरण दिया है।

विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। नेशनल टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की उसी के पिता द्वारा चार गोलियां मारकर हत्या करने के मामले में पुलिस अभी उलझी हुई है। पुलिस की जांच पिता के बयानों तक सीमित रह गई है। पिता ने हत्या के बाद पुलिस को दिए बयान में कहा था कि गांव के लोग उसे बेटी की कमाई खाने और गिरा हुआ बाप का ताना मारते थे।
इस पर उसने बेटी को एकेडमी की ट्रेनिंग बंद करने को कहा था, उसके मना करने पर उसने चार गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। राधिका की हत्या दस जुलाई को उस समय हुई जब वह सुबह 11 बजे घर के किचन में खाना बना रही थी। पिता दीपक यादव ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से किचन के पास जाकर राधिका की पीठ पर चार गोलियां मारीं।
दीपक के भाई कुलदीप ने पुलिस को दी शिकायत में कहा था कि घर दो मंजिल का है। नीचे वह रहते हैं और ऊपर वाले तल पर दीपक का परिवार रहता है। जब गोली चलने की आवाज उन्हें सुनाई दी तो वह फौरन ऊपर की तरफ भागे। वहां किचन में राधिका लहूलुहान हालत में पड़ी थी।
सवाल यह उठता है कि जब कुलदीप को गोली चलने की आवाज नीचे सुनाई पड़ सकती है तो ऊपर कमरे में आराम कर रही राधिका की मां को क्या सुनाई नहीं दी? जब पुलिस ने राधिका की मां से इस बारे में पूछताछ करनी चाही तो उन्होंने लिखित बयान देने से भी इनकार कर दिया।
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उन्होंने कहा था कि उन्हें कोई जानकारी नहीं कि बाहर क्या हुआ। उन्हें बुखार था और वह अंदर कमरे में आराम कर रही थीं। उनके बयान न देने और कोई जानकारी न होने की बात भी हजम होने वाली नहीं है।
दूसरी ओर हत्या के बाद सोशल मीडिया पर राधिका और इनामुल का म्यूजिक वीडियो वायरल होने व राधिका द्वारा घर में बंदिश होने की बात अपने कोच अजय से साझा करने, आजादी के साथ विदेश घूमने की भी जानकारी सामने आई थी।
इस मामले में हत्या के बाद कई सवाल खड़े हुए, लेकिन पुलिस ने सभी को खारिज किया था। पुलिस ने दीपक के एक दिन के रिमांड के दौरान गांव के लोगों और रिश्तेदारों को बुलाकर हत्या के कारणों की पूछताछ की थी, लेकिन कोई और जानकारी पुलिस को नहीं मिल सकी।
कुछ वरिष्ठ वकीलों और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारियों का भी मानना है कि पुलिस को अपनी जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए। आरोपित के बयान कोर्ट में मायने नहीं रखते, ऐसे में कुछ गवाह और ठोस सुबूत के आधार पर ही आरोपित को सजा दिलाई जा सकती है।
सेक्टर 56 थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विनोद कुमार ने बताया कि राधिका व उसके पिता के मोबाइल फोन और हत्या में इस्तेमाल रिवाल्वर को जांच के लिए मधुबन लैब भेजा गया है। एक महीने में जांच रिपोर्ट आ सकती है। पुलिस भी अपनी जांच कर रही है। जांच पूरी होने के बाद इस मामले में चार्जशील दाखिल की जाएगी।
इनामुल ने तीसरी बार रखी अपनी बात
तीसरी बार भी सोशल मीडिया पर लाइव आकर राधिका के को-एक्टर रहे इनामुल ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इसे लव जिहाद से जोड़ना ठीक नहीं है। वह सिर्फ दो ही बार मिले थे। उन्होंने लोगों के साथ लाइव बातचीत भी की। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इन्हें जांच में शामिल नहीं किया है।
अगर एफएसएल रिपोर्ट में साक्ष्य आरोपित के खिलाफ होते हैं तो रीजन कुछ भी हो, आरोपित को सजा हो सकती है। पुलिस टेक्निकल एविडेंस के आधार पर आरोपित को सजा दिला सकती है। हालांकि, पुलिस को 360 डिग्री एंगल पर जांच करनी चाहिए। इससे केस में मदद मिलती है।
- राहुल चौहान, वरिष्ठ वकील
किन्ही परिस्थितियों में जहां आपके पास कोई डायरेक्ट साक्ष्य गवाह न हो, उन परिस्थितियों में हमारा कानून यह कहता है कि परिस्थितियों की गवाही के आधार पर आरोपित को सजा हो सकती है। मसलन हत्या में इस्तेमाल हथियार या रिवाल्वर किसके नाम पर है? जो बुलेट बाडी से रिकवर हुए, वह उस रिवाल्वर के हैं या नहीं? बैलिस्टिक रिपोर्ट मैच हो रही है या नहीं? इसके बाद वेपन पर फिंगर प्रिंट किसके हैं?। इनके आधार पर आरोपित को सजा दिलाई जा सकती है। हालांकि, सबसे बड़ी बात हत्या के पीछे उद्देश्य होता है। यह कोर्ट में साबित करना जरूरी होता है। - अजय दायमा, वरिष्ठ वकील
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