डीएलएफ फेज तीन में 300 मकान मालिकों को नोटिस जारी, 7 दिन के भीतर देना होगा जवाब
ग्रुरुग्राम के डीएलएफ फेज तीन में 300 मकान मालिकों को नोटिस जारी किया गया है। मकान मालिकों को यह नोटिस मकानों में अवैध व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करने के लिए किया गया है। नोटिस का संतोषजनक जवाब सात दिन के भीतर नहीं देने पर कार्रवाई की जाएगी। डीएलएफ इलाके में सर्वे कर अवैध गतिविधियों के विरुद्ध नोटिस जारी करने और चस्पा करना शुरू कर दिए गए हैं।

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की एन्फोर्समेंट टीम ने डीएलएफ फेज तीन के रिहायशी मकानों में चल रही अवैध व्यावसायिक गतिविधियों के विरुद्ध शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।
इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रही याचिका में 28 नवंबर की सुनवाई पर सरकारी वकील की तरफ से कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने को लेकर आश्वस्त किया गया था। इसके बाद विभाग की तरफ से ऐसे मकानों का सर्वे शुरू कर 300 से अधिक मकानों में चल रही व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर मकान मालिकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है।
10 जनवरी को होनी है मामले की सुनवाई
साथ ही इमारतों के बाहर नोटिस भी चस्पा कर दिए गए हैं। मामले में और मकानों को नोटिस देने की कार्रवाई अभी जारी है। मामले की सुनवाई अगले साल 10 जनवरी को होनी है।
डीटीपीई कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार डीएलएफ सिटी आरडब्ल्यूए की तरफ से साल 2020 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। पिछली सुनवाई पर उच्च न्यायालय ने डीएलएफ इलाके का सर्वे कर कार्रवाई के आदेश जारी किए थे।
इसके बाद जिला नगर योजनाकार एन्फोर्समेंट (डीटीपीई) की तरफ से डीएलएफ इलाके में चल रही गतिविधियों को लेकर टीम गठित की गई और सर्वे शुरू कराया गया। इस कड़ी में विभाग की तरफ से यू-ब्लाक में अब तक 300 मकान मालिकों को नोटिस जारी किया गया है।
संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो होगी कार्रवाई
इस नोटिस के अनुसार मकान मालिकों को सात दिन के भीतर डीटीपीई कार्यालय में अपने कागजात जमा करने और जवाब मांगा है। यदि सात के भीतर संतोषजनक जवाब नहीं मिलता तो विभाग की तरफ से रेस्टोरेशन के आदेश जारी किए जाएंगे और उसके बाद सीलिंग अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही विभाग की तरफ से नियमों का उल्लंघन करने पर ऐसे मकान मालिकों के विरुद्ध एफआइआर तक दर्ज कराई जाएगी।
बता दें कि डीएलएफ फेज तीन में ईडब्ल्यूएस श्रेणी के 60 वर्ग गज के मकानों में धड़ल्ले से अवैध निर्माण और व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। लोगों ने 100 प्रतिशत प्लाट पर निर्माण करके छह से सात मंजिला मकानों का निर्माण कर लिया है।
इन मकानों में पीजी, गेस्ट हाउस, रेस्टोरेंट, जनरल स्टोर, बुटीक, ब्यूटी पार्लर, सैलून, कमर्शियल आफिस, डाक्टर क्लीनिक समेत विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। विभाग की तरफ से इन गतिविधियों के विरुद्ध पहले भी समय-समय पर सीलिंग कार्रवाई की गई है, लेकिन इन मकान मालिकों को कानून का कोई भय नहीं है।
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