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    हरियाणा सरकार ने लागू की नई नियमावली, वृद्धों को मिलेगा लाभ; पढ़ें पूरी डिटेल्स

    Updated: Tue, 12 Nov 2024 04:54 PM (IST)

    हरियाणा सरकार ने वृद्धों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रिटायरमेंट हाउसिंग के लिए एक नई नियमावली लागू की है। इस नीति का उद्देश्य वृद्ध नागरिकों को सुरक्षित और सुसज्जित आवास सुविधा प्रदान करना है जहां वे स्वतंत्र और गरिमामय जीवन जी सके। नियमावली में परियोजनाओं के लिए मापदंड अनिवार्य सेवाएं और सुविधाएं निरीक्षण और शिकायत निवारण प्रणाली विशेष प्रविधान और स्वीकृति प्रक्रिया का उल्लेख है।

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    टाउन प्लानिंग ने वृद्धों के लिए रिटायरमेंट हाउसिंग की नई नियमावली लागू की है। फाइल फोटो

    गौरव सिंगला, नया गुरुग्राम। हरियाणा सरकार ने वृद्धों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रिटायरमेंट हाउसिंग के लिए एक नई नियमावली लागू की है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अरुण गुप्ता की तरफ से इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है।

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    इस नीति का उद्देश्य वृद्ध नागरिकों को सुरक्षित और सुसज्जित आवास सुविधा प्रदान करना है, जहां वे स्वतंत्र और गरिमामय जीवन जी सके।

    नियमावली का उद्देश्य बढ़ती उम्र और एकल परिवारों के चलन को देखते हुए वरिष्ठ नागरिकों को ऐसी जगह की आवश्यकता है जहां वे अपने दैनिक जीवन में निर्भर न रहें। इस नियमावली के अनुसार रिटायरमेंट हाउसिंग परियोजनाओं को व्यावसायिक और व्यवस्थित रूप से संचालित करना है ताकि वृद्ध नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा की जा सके।

    नियमावली के मापदंड

    परियोजना केवल रिहायशी जोन में स्वीकृत होगी और इसका क्षेत्र 0.5 से 10 एकड़ के बीच होना चाहिए। साइट के लिए कम से कम 12 मीटर चौड़ी सडक़ से पहंच की सुविधा होनी चाहिए।

    प्लानिंग और डिजाइन नियम

    - अधिकतम एफएआर 225 तक की अनुमति है।

    - अधिकतम 40 प्रतिशत क्षेत्र ग्राउंड कवरेज किया जा सकता है।

    - कुल एफएआर का चार प्रतिशत हिस्सा दुकानों के लिए हो सकता है जो केवल दैनिक जरूरतों को पूरा करने वाली होंगी।

    - किसी भी प्रोजेक्ट में 100 वर्ग मीटर का भोजनालय, मेडिकल रूम, और 500 वर्ग मीटर का जिम, इंडोर गेम्स, और सामान्य कक्ष होना अनिवार्य है।

    अनिवार्य सेवाएं और सुविधाएं

    - 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा, फिजियोथेरेपी, नर्सिंग सुविधा, और नजदीकी अस्पताल से आपातकालीन सेवाओं के लिए टाई-अप अनिवार्य है।

    - सीसीटीवी, ट्रेंड गार्ड, और अलार्म सिस्टम की व्यवस्था होगी ताकि निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

    - सभी अपार्टमेंट्स में पावर बैकअप और आवश्यक क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति का प्रबंध होना चाहिए।

    - निवासियों के लिए सामुदायिक सेवा में भाग लेने और एक दूसरे की मदद करने की संभावनाएं होंगी।

    निरीक्षण और शिकायत निवारण प्रणाली

    - एक मानिटरिंग कमेटी का गठन होगा, जो परियोजना की समय-समय पर जांच करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि पालिसी के प्रविधानों का पालन हो रहा है।

    - आनलाइन पोर्टल पर आवासीय जानकारी और शिकायत दर्ज की जा सकेगी जिनका निपटान उपायुक्त या नगर निगम आयुक्त द्वारा किया जाएगा।

    विशेष प्रविधान

    - निवासियों, डेवलपर्स, और सर्विस प्रोवाइडर के बीच एक तीन पक्षीय करार अनिवार्य है ताकि सभी पक्षों के अधिकार और जिम्मेदारियां स्पष्ट हों।

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    रिटायरमेंट हाउसिंग परियोजनाओं पर रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) अधिनियम, 2016 (रेरा) और हरियाणा अपार्टमेंट एक्ट 1983 के नियम लागू होंगे।

    परियोजना की स्वीकृति और शुल्क

    प्रोजेक्ट के लिए लाइसेंस शुल्क, ईडीसी (एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्ज) और भूमि परिवर्तन शुल्क भी अनिवार्य है जिसकी दरें सामान्य ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं के बराबर होंगी।

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