Gurugram News: एनबीसीसी ने मांगी ग्रीन व्यू सोसायटी के बाकी टावरों को तोड़ने की मंजूरी, डीटीपीई को लिखा लेटर
एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से ग्रीन व्यू हाउसिंग प्रोजेक्ट के असुरक्षित टावरों को गिराने की अनुमति मांगी है। फरवरी 2022 में प्रोजेक्ट को असुरक्षित घोषित किया गया था। एनबीसीसी ने जिला नगर योजनाकार से टावर-ए बी सी और डी को गिराने की मंजूरी देने का अनुरोध किया है।

गौरव सिंगला, नया गुरुग्राम। सरकारी कंपनी एनबीसीसी (इंडिया) लिमिटेड ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग से सेक्टर-37डी स्थित एनबीसीसी ग्रीन व्यू हाउसिंग प्रोजेक्ट में बचे हुए असुरक्षित टावर और ढांचों को गिराने की अनुमति मांगी है। कंपनी पहले ही इस प्रोजेक्ट का एक हिस्सा तोड़ चुकी है क्योंकि फरवरी 2022 में इसे रहने लायक नहीं पाया गया था।
9 सितंबर 2025 को लिखे पत्र में एनबीसीसी ने जिला नगर योजनाकार इन्फोर्समेंट (डीटीपीई) से टावर-ए, बी, सी और डी के साथ-साथ दो ईडब्ल्यूएस ब्लॉक, स्कूल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और अंडरग्राउंड टैंक को गिराने की मंजूरी देने का अनुरोध किया है। इससे पहले इसी साल टावर ई, एफ और जी को तोड़ने की इजाजत मिली थी जिनका काम अब आखिरी चरण में है।
एनबीसीसी अधिकारियों का कहना है कि समय पर मंजूरी मिलना जरूरी है ताकि किसी तरह की दुर्घटना न हो। कंपनी ने लिखा है कि ढांचे बेहद जर्जर हालत में हैं इसलिए जीवन और संपत्ति को खतरे से बचाने के लिए तुरंत नियंत्रित तरीके से ध्वस्तीकरण होना चाहिए।
ग्रीन व्यू प्रोजेक्ट 2009 में लाइसेंस नंबर-11 के तहत शुरू हुआ था जिसमें 700 से ज्यादा फ्लैट थे। इनमें से 255 बेचे गए थे। फरवरी 2022 में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने प्रोजेक्ट को असुरक्षित घोषित कर सभी परिवारों को बाहर निकलने के आदेश दिए थे। तब से एनबीसीसी उन खरीदारों को किराया दे रही है जिन्होंने पुनर्निर्माण का विकल्प चुना।
अब तक 255 खरीदारों में से 160 ने रिफंड, 78 ने पुनर्निर्माण और 17 अभी फैसला कर रहे हैं। ईडब्ल्यूएस श्रेणी के ज्यादातर लोगों ने पुनर्निर्माण को मंजूरी दी है। कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि नए फ्लैट मिलने तक किराया मिलता रहेगा।
एनबीसीसी अधिकारियों ने बताया कि पुनर्निर्माण का काम तभी शुरू हो सकेगा जब सभी असुरक्षित इमारतें गिरा दी जाएंगी। डीटीसीपी ने इस साल जून में प्रोजेक्ट का लाइसेंस मई 2027 तक बढ़ा दिया है। अगर मंजूरी मिल जाती है तो बाकी टावरों का ध्वस्तीकरण चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा और तीन साल से अटके इस प्रोजेक्ट का पुनर्निर्माण शुरू हो पाएगा।
एनबीसीसी का पत्र मिला है और मामले पर विचार किया जा रहा है। फैसला जल्द लिया जाएगा ताकि खरीदारों को राहत मिल सके।
अमित मधोलिया, डीटीपीई, टाउन प्लानिंग
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