Mobikwik App से 41 करोड़ की धोखाधड़ी में एसआईटी ने फ्रीज किए तीन हजार खाते, आठ करोड़ रुपये होल्ड
मोबिक्विक एप में तकनीकी खामी के चलते हुई धोखाधड़ी के मामले में एसआईटी ने तीन हजार खातों से आठ करोड़ रुपये फ्रीज किए हैं। साइबर पुलिस और राशि वसूलने में जुटी है। कंपनी ने गुरुग्राम के सेक्टर 53 थाने में मामला दर्ज कराया था जिसके बाद छह आरोपी गिरफ्तार हुए। जांच में पता चला कि सॉफ्टवेयर अपडेट के दौरान गड़बड़ी हुई 2017 में भी ऐसी ही घटना हुई थी।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। मोबिक्विक एप वालेट से 41 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एसआईटी जांच में जुट गई है। अभी तक की जांच में होल्ड कराए गए तीन हजार खातों में करीब आठ करोड़ रुपये की राशि सीज की गई है। साइबर पुलिस और भी राशि रिकवर करने के प्रयास कर रही है।
सितंबर के पहले सप्ताह में मोबिक्विक एप में आई तकनीकी खामी का फायदा उठाकर बड़ी संख्या में लोगों ने एप के वाॅलेट से रुपये अपने जानने वालों, दुकानदारों और अन्य लोगों के खाते में भेजकर कंपनी को करोड़ों रुपये का चूना लगाया।
कंपनी की तरफ से गुरुग्राम के सेक्टर 53 थाने में धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज कराया गया था। इसमें उन तीन हजार लोगों को आरोपी बनाया गया, जिनके खातों में रुपये गए थे। गुरुग्राम पुलिस ने मामले में छह आरोपियों को भी पकड़ा था।
मामले में बनाई गई एसआईटी कंपनी कर्मियों और अधिकारियों से पूछताछ कर रही है। अधिकारियों से एप के बारे में और तकनीकी खामी कैसे आई, इसके बारे में जानकारी ले रही है। जांच में सामने आया कि मोबिक्विक कंपनी ने सितंबर में एप के साॅफ्टवेयर को अपडेट किया था।
इसी अपडेट करने के दौरान इसमें तकनीकी खामी आई थी। इसी कारण एप के वाॅलेट से रुपये ट्रांसफर करने पर लोगों के खाते के बजाय कंपनी के खाते से रुपये निकाल रहे थे।
2017 में भी मोबिक्विक कंपनी ने साॅफ्टवेयर अपडेट किया था, उस दौरान भी तकनीकी खामी आने से करीब 19 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी।
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