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    Mobikwik App से 2017 में भी हुई थी इसी तरह की धोखाधड़ी, साइबर एक्सपर्ट जानें धोखाधड़ी से बचने का तरीका

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 10:40 AM (IST)

    मोबिक्विक ऐप में एक बार फिर तकनीकी खामी के चलते 41 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आई है जिसके बाद तीन हजार खाते होल्ड कर दिए गए हैं। 2017 में भी इसी तरह 19 करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी हुई थी। साइबर एक्सपर्ट्स का कहना है कि सॉफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट करना चाहिए अन्यथा हैकर्स इसका फायदा उठा सकते हैं।

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    मोबाइल एप मोबिक्विक में आई तकनीकी खराबी का ठगों ने फायदा उठाया।

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। बीते दिनों मोबिक्विक एप वॉलेट से 41 करेाड़ रुपये की धोखाधड़ा का मामला आया, लेकिन यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी 2017 में इसी तरह की धोखाधड़ी इसी मोबिक्विक एप के सिस्टम से हो चुकी है। तब डिजिटल वॉलेट के खाते से 19 करोड़ 60 लाख रुपये की बड़ी रकम ऑनलाइन उड़ाई गई थी। इस दौरान भी तकनीकी खामी सामने आई थी।

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    कंपनी की तरफ से इस धांधली के बारे पुलिस को शिकायत दी गई थी। पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ साइबर क्राइम की धाराओं के तहत केस दर्ज कर कई आरोपितों को गिरफ्तार किया था। शुरुआती जांच में सामने आया था की ये पूरी रकम 6000 खातों में भेजी गई थी। इसमें से सौ खाते ऐसे थे, जिसमें 16 से 17 करोड़ की राशि गई थी।

    वहीं 5900 खाते ऐसे पाए गए थे, जिनमें दो से तीन करोड़ रुपये भेजे गए थे। पुलिस ने खातों को सीज कर मामले की जांच की थी। वहीं अब दोबारा से इस तरह से इसी एप के साथ धोखाधड़ी होना सामने आया है।

    इसके साथ ही 2021 में मोबिक्विक एप के 10 करोड़ यूजर्स का डाटा डार्क वेब पर लीक होने का भी मामला चर्चा में रहा था। इस मामले में साइबर एक्सपर्ट का मानना है कि या तो कंपनी अधिकारी सुरक्षा पर तवज्जो नहीं दे रहे हैं या फिर कंपनी के अंदर ही कोई लू फोल्स है।

    समय-समय पर अपडेट करना चाहिए सॉफ्टवेयर

    साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन का कहना है कि अगर सॉफ्टवेयर के अपडेट पर ध्यान नहीं दिया गया तो हैकर इसे हैक कर सकते हैं। रोज नई-नई टेक्नोलोजी आ रही है। कोई लू फोल्स का लाभ हैकर उठा ले जाते हैं। इसे रोकना तभी संभव होगा, जब समय-समय पर चीजें अपडेट होंगी।

    कंपनी को इसका ध्यान रखना चाहिए। ये समस्याएं तभी आती हैं, जब कंपनी अधिकारी इसे बाद में कर लेने की बात पर यानी फारग्राटेंड ले लेते थे। मोबिक्विक के मामले में या तो कंपनी अधिकारी सुरक्षा पर तवज्जो नहीं दे रहे हैं या तो कोई अंदरूनी मामला हो सकता है। जांच के दौरान ये चीजें सामने आ सकती हैं।