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    'मेक इन हरियाणा से अर्थव्यवस्था पहुंचेगी एक ट्रिलियन', मंत्री राव नरबीर सिंह ने उद्यमियों से किया संवाद

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 02:18 PM (IST)

    उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने मेक इन हरियाणा इंडस्ट्रियल पॉलिसी-2025 पर उद्यमियों के साथ संवाद किया जिसका लक्ष्य 2047 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन तक पहुंचाना है। इस नीति से पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश और दस लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। सरकार उद्योगों को बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।

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    प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह। फोटो- जागरण

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। वर्ष 2047 तक प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन बनाने को लेकर प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह मेक इन हरियाणा इंडस्ट्रियल पॉलिसी-2025 के बारे में शहर के एक होटल में बुधवार को उद्यमियों के साथ संवाद किया।

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    संवाद कार्यक्रम में निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार की योजनाओं से उद्यमियों को अवगत कराया गया। नई पॉलिसी के प्रविधानों की जानकारीउ दी गई। उद्योग जगत ने भी नई नीति में मिलने वाली सुविधाओं और इंसेंटिव को लेकर प्रदेश सरकार की सराहना की।

    मंत्री राव नरबीर सिंह ने उद्यमिों से कहा कि प्रदेश को वर्ष 2047 तक एक ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए मेक इन हरियाणा इंडस्ट्रियल पॉलिसी-2025 एक मजबूत नींव होगी। इस पॉलिसी से प्रदेश में पांच लाख करोड़ रुपये का निवेश तथा रोजगार के 10 लाख नए अवसर पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है।

    वर्ष 2047 में विकसित भारत के संकल्प में हरियाणा एक प्रमुख भागीदार राज्य होगा। देश को आत्मनिर्भर ओर विकसित बनाने में उद्योग जगत की प्रमुख भूमिका होगी। उद्योग जगत आगे बढ़ेगा तो देश भी आगे बढ़ेगा। सरकार आपको सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगी।

    उद्यमियों के सभी आवश्यक सुझावों को नई नीति में शामिल किया जाएगा। उद्योगपतियों की सुविधा के लिए सभी औद्योगिक क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं व अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डा. अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि सरकार अब केवल ईज आफ डूइंग बिजनेस तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि कास्ट आफ डूइंग बिजनेस कम करने और राइट टू बिजनेस जैसी अवधारणाओं को भी आगे बढ़ाएगी।

    नई नीति केवल वित्तीय प्रोत्साहनों तक सीमित नहीं है, बल्कि उद्योगों को एक सक्षम इकोसिस्टम उपलब्ध कराने पर केंद्रित है। सरकार ने व्यवसाय करने में आने वाली 23 प्रमुख बाधाओं की पहचान कर ली है और 31 दिसंबर तक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, श्रम एवं शहरी नियोजन से जुड़ी रुकावटों को दूर करने का लक्ष्य रखा है। हरियाणा की जीडीपी पिछले 10 वर्षों में लगभग 11% की दर से बढ़ी है, जो राष्ट्रीय औसत से 3–4% अधिक है।

    राज्य प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रह में देश में सबसे आगे है और अपने खर्च का 80% खुद अर्जित करने वाला सबसे आत्मनिर्भर राज्य है। सरकार एक एआइ-आधारित पोर्टल अगले दो महीनों में लांच करने जा रही है, जिससे उद्योगों के लिए लाभ और सेवाओं का सरल, पारदर्शी व प्रभावी उपयोग संभव होगा।

    नई नीति में ओपेक्स और कैपेक्स आधारित लचीले प्रोत्साहन, 15–16 क्षेत्रों के लिए सेक्टोरल नीतियां तथा अल्ट्रा मेगा और मेगा परियोजनाओं के लिए स्पष्ट पैकेज शामिल किए गए हैं। उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक डा. यश गर्ग ने कहा कि पॉलिसी 2020 के माध्यम से राज्य में पर्याप्त निवेश आया और उद्योगों का उल्लेखनीय विस्तार हुआ।

    बदलते समय और वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए औद्योगिक संस्थानों के साथ विस्तृत चर्चा के उपरांत नई नीति को और अधिक लचीला, गतिशील और टिकाऊ बनाया गया है। प्रदेश हरियाणा सरकार केवल एक रेगुलेटर की भूमिका नहीं निभाना चाहती, बल्कि उद्योगों की सहयोगी एवं फैसिलिटेटर के रूप में कार्य करना चाहती है।

    सरकार और उद्योगों के संयुक्त प्रयास से ही हरियाणा को औद्योगिक रूप से देश का अग्रणी राज्य बनाया जा सकेगा और वैश्विक स्तर पर यहां के उत्पाद अपनी पहचान स्थापित कर सकेंगे। इस मौके पर चीफ कार्डिनेटर इंडस्ट्रीज सुनील शर्मा, चीफ टेक्नोलाजी आफिसर नितिन बंसल आदि भी मौजूद रहे।