17 परसेंट कमीशन के लालच में कर रहे थे परिवार और रिश्तेदारों से बदसलुकी, गुरुग्राम पुलिस ने कॉल सेंटर से 8 दबोचे
गुरुग्राम में लोन रिकवरी एजेंटों की गुंडागर्दी का पर्दाफाश हुआ। साइबर पुलिस ने दिल्ली के डाबड़ी में छापा मारकर 8 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया जो लोन न चुकाने वालों को अश्लील मैसेज भेजते और गाली-गलौज करते थे। कॉल सेंटर संचालक मुकेश चौहान 17% कमीशन लेता था और कर्मचारियों को वेतन देता था। पुलिस ने मोबाइल फोन और अन्य उपकरण जब्त किए हैं।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। बैंक से लिए लोन की राशि समय पर न चुकाने को लेकर एक रिकवरी एजेंसी के कर्मचारियों द्वारा लोगों से अभद्र व्यवहार, गाली-गलौज, उन्हें और रिश्तेदारों को अश्लील मैसेज भेजने का मामला सामने आया है। एक महिला की शिकायत पर गुरुग्राम साइबर पुलिस ने दिल्ली के डाबड़ी इलाके से रिकवरी एजेंसी के आठ कर्मचारियों को पकड़ा है। ये आरोपित यहां एक काॅल सेंटर चला रहे थे।
काॅल कर प्रताड़ित किया जा रहा
साइबर पुलिस ने बताया कि 12 सितंबर को एक महिला ने साइबर थाना पूर्वी में शिकायत दी थी कि फोन काॅल पर लोन रिकवरी करने वाले लोगों द्वारा बदतमीजी, गाली-गलोच और आटो डायलर मशीन के माध्यम से बार-बार अलग अलग नंबर से काॅल कर प्रताड़ित किया जा रहा है।
मामले की जांच करते हुए साइबर पूर्वी पुलिस टीम ने दिल्ली के डाबड़ी में बीते दिनों छापेमारी कर एक काॅल सेंटर पकड़ा। यहां से काॅल सेंटर संचालक समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनकी पहचान दिल्ली के उत्तम नगर की गजाला परवीन, नजफगढ़ की ईशा वर्मा, डाबड़ी गांव की कहकशा बानो, सकरावती के मौरिस सिन्हा, एनएसआइटी द्वारका के मुकेश चौहान, पालम गांव की रीना बिष्ट, डाबड़ी गांव की रोशनी और सागरपुर की रोजी के रूप में की गई।
रिश्तेदारों को बार-बार फोन करते
पूछताछ में पता चला कि इस काॅल सेंटर का संचालक मुकेश चौहान है। मुकेश इसे दो साल से चला रहा था। इस काॅल सेंटर पर काम करने वाले लोग बैंक से लोन लेने वाले व्यक्तियों को काॅल करके बैंक लोन रिकवरी करते थे। मुकेश के बताए अनुसार कर्मचारी लोगों को फोन के माध्यम व स्वयं सम्पर्क करते और जिन लोगों ने कभी लोन लिया था या लोन लेने वाले व्यक्तियों के रिश्तेदारों को बार-बार फोन करते थे।
इनसे गाली गलौज और अश्लील वायस नोट्स भेजा जाता था। जो लोग इसके बाद भी राशि नहीं चुकाते तो उनको ऑटो डायलर मशीन (विभिन्न सिम कार्ड क्षमता वाला यंत्र) के माध्यम से अलग-अलग फोन नंबरों से ऑटो-काॅल करके मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता था।
रिकवरी का मिलता था 17 परसेंट
मुकेश प्रत्येक लोन रिकवरी पर बैंक से 17 प्रतिशत कमीशन प्राप्त करता था। कर्मचारियों को लोन रिकवरी के रुपये में से तीन प्रतिशत कमीशन और 15 हजार रुपये प्रति माह सेलरी देता था। इस मामले में भी आरोपितों ने महिला व उसके परिवार को बार-बार फोन कर परेशान किया। अश्लील वायस नोट भेजे, जबकि शिकायकर्ता के परिवार ने कोई लोन नहीं ले रखा था। पुलिस टीम ने आरोपितों के कब्जे से कुल 10 मोबाइल फोन, 26 सिमकार्ड्स, एक डायलर मशीन व लेपटाप बरामद किए हैं।
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