Nishant Ketu Passed Away: नहीं रहे वरिष्ठ साहित्यकार आचार्य निशांत केतु, गुरुग्राम में ली अंतिम सांस
वरिष्ठ साहित्यकार निशांत केतु का 90 वर्ष की आयु में गुरुग्राम स्थित उनके निवास पर निधन हो गया। वे कुछ समय से बीमार थे। बहुभाषी विद्वान के रूप में प्रसिद्ध निशांत केतु ने हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें साहित्य भूषण सम्मान सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उन्होंने उपन्यास कहानियां निबंध और आलोचना सहित 100 से अधिक पुस्तकें लिखीं।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। जाने माने साहित्यकार निशांत केतु ने रविवार सुबह साढ़े छह बजे पालम विहार स्थित अपने निवास स्थान पर 90 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। बहुभाषी विद्वान के रूप में पहचान बनाने वाले निशांत केतु का मूल नाम चंद्रकिशोर पांडेय था। उन्होंने कई भाषाओं में पुस्तकें लिखीं।
उन्हें श्रेष्ठ हिंदी साहित्य लेखन सम्मान एवं साहित्य भूषण सम्मान सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। 100 से अधिक मौलिक और संपादित पुस्तकें लिखीं। पुस्तकों में उपन्यास, कहानियां, निबंध, संस्मरण एवं आलोचना शामिल हैं। उनकी पहचान एक ज्योतिषी की भी रही। उनके व्यक्तित्व व लेखनी के ऊपर काफी शोध भी किए गए हैं।
कई विश्वविद्यालयों में उनकी पुस्तकें पढ़ाई जाती हैं। वह हिंदी, संस्कृत एवं अंग्रेजी के अलावा बांग्ला, तमिल एवं तेलगु भाषा के भी जानकार थे। मूल रूप से बिहार के रहने वाले निशांत केतु ने मगध विश्वविद्यालय में अध्यापन का भी काम किया था। उनकी पत्नी सुखदा पांडेय बिहार की प्रदेश भाजपा सरकार में मंत्री रहीं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।