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    सरकारी डाॅक्टर के इंजेक्शन के बाद गई डेढ़ साल के मासूम की जान! पत्नी की पॉलीक्लीनिक में कर रहे थे इलाज

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 05:44 PM (IST)

    फरुखनगर में एक पॉलीक्लीनिक में इंजेक्शन लगने के बाद डेढ़ साल के बच्चे की मौत हो गई। बुखार उल्टी और दस्त की शिकायत पर डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया था। बच्चे के पिता ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है। स्वास्थ्य विभाग मेडिकल जांच करेगा।

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    इंजेक्शन के बाद डेढ़ साल के बच्चे की मौत, डाॅक्टर के खिलाफ लापरवाही की शिकायत।

    जागरण संवाददाता, फरुखनगर। फरुखनगर थाना क्षेत्र स्थित एक पाॅलीक्लीनिक में बुखार, उल्टी दस्त से पीड़ित एक बच्चे को इलाज के दौरान इंजेक्शन लगाने के तीन घंटे के बाद उसकी मौत हो गई।

    बच्चे के पिता ने थाने में पाॅलीक्लीनिक के डाॅक्टर के खिलाफ लापरवाही की शिकायत की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

    मूल रूप से मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले के राजू ने पुलिस को दी शिकायत में कहा कि वह फरुखनगर में कुछ सालों से परिवार के साथ किराये से रहते हैं। वह यहां निजी कंपनी में काम करते हैं।

    कुछ दिनों से उनके डेढ़ साल के बच्चे आशू की तबीयत खराब थी। उसे बुखार उल्टी दस्त की शिकायत थी। रविवार सुबह वह बच्चे को इलाज के लिए फरुखनगर में सिविल अस्पताल के पास स्थित सुदेश पाॅलीक्लीनिक ले गए थे।

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    यहां डाॅक्टर ने बच्चे को इंजेक्शन लगाया था। इसके बाद वह घर आ गए। थोड़ी देर बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। वह फिर से वापस क्लीनिक गए। इस पर डाॅक्टर ने बच्चे को किसी बड़े अस्पताल ले जाने की सलाह दी।

    जब वह दूसरे नर्सिंग होम पहुंचे तो डाॅक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया। पिता राजू ने पुलिस से कहा कि डाॅक्टर की लापरवाही की वजह से बच्चे की जान गई है।

    फरुखनगर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने बताया कि बच्चे के शव को पोस्टमार्टम के बाद स्वजन को सौंप दिया गया है। बच्चे के पिता ने लिखित में शिकायत दी है। मामले की जांच की जा रही है।

    वहीं इस मामले में जिला स्वास्थ्य विभाग मेडिकल कमेटी का गठन कर इसकी जांच करेगा। उनकी रिपोर्ट पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

    सरकारी डाॅक्टर की पत्नी का है क्लीनिक, इलाज के दौरान था मौजूद

    बताया जाता है कि सुदेश पाॅलीक्लीनिक फरुखनगर के सिविल अस्पताल के सरकारी डाॅ. राजपाल नैन की पत्नी का है। इस बारे में जब डाॅ. राजपाल से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि क्लीनिक में उनकी पत्नी बैठती हैं।

    रविवार सुबह उनकी पत्नी की तबीयत खराब थी, इसलिए वह कुछ समय के लिए वहां गए थे। इसी दौरान वह बच्चा वहां आया था। उन्होंने उसे रेफर कर दिया था। वहीं बच्चे के पिता ने कहा कि दवाई डाॅक्टर ने ही दी थी।

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