स्टिंग ऑपरेशन कर मेडिकल स्टोर से एमटीपी किट की अवैध बिक्री का खुलासा, विभाग ने महिला को ग्राहक बनाकर भेजा
गुरुग्राम में स्वास्थ्य विभाग ने एक मेडिकल स्टोर में एमटीपी किट की अवैध बिक्री का खुलासा किया। टीम ने छापेमारी कर किट बरामद की और पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया। एक गर्भवती महिला को ग्राहक बनाकर भेजा गया जिसने 1500 रुपये में किट खरीदी। जांच में एमआरपी से छेड़छाड़ पाई गई। स्वास्थ्य विभाग ने अवैध बिक्री पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बीती रात सेक्टर-48 में एक मेडिकल स्टोर में एमटीपी किट की अवैध बिक्री का खुलासा किया। टीम ने मैसर्ज इंडियन फार्मेसी पर छापा मारकर मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी (एमटीपी) किट्स बरामद किए। विभाग की शिकायत पर पुलिस ने दुकान के मैनेजर जावेद और मालिक मोहम्मद आरिफ सहित अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
संयुक्त टीम का गठन किया
स्वास्थ्य विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि टिकरी गांव रोड पर मैसर्ज इंडियन फार्मेसी में रिटेल सेल ड्रग्स लाइसेंस की आड़ में एमटीपी किट की अवैध बिक्री में लिप्त है। सिविल सर्जन डा. अलका सिंह ने निर्देश पर पीसी पीएनडीटी नोडल अधिकारी डा. प्रदीप कुमार, एमटीपी नोडल अधिकारी डाॅ. जय प्रकाश राजरीवाल, मेडिकल अधिकारी डाॅ. हरीश कुमार और ड्रग्स कंट्रोल अधिकारी अमनदीप चौहान की संयुक्त टीम का गठन किया गया।
खुराक संबंधी परामर्श भी दिया
टीम ने एक डिकाय गर्भवती को तैयार किया, जिनकी गर्भावस्था की पुष्टि अल्ट्रासाउंड से की गई थी। टीम ने आशा को दुकान पर भेजा। आशा ने 11 सप्ताह की गर्भावस्था का हवाला देते हुए गर्भपात के लिए दवा मांगी। दुकान पर मौजूद जावेद ने अल्ट्रासाउंड देखने के बाद 1500 रुपये में एमटीपी किट दी। साथ ही] दवा की खुराक व समय संबंधी परामर्श भी दिया।
दुकान पर छापा मारा
एमटीपी नोडल अधिकारी डाॅ. जय प्रकाश रजलीवाल ने बताया कि आशा ने 500 रुपये के तीन नोट दिए, जिन पर सीएमओ ने साइन किए थे। आशा ने दुकान से बाहर आकर पूरी घटना टीम को बताई। इसके बाद टीम ने दुकान पर छापा मारा और दुकान से 1500 रुपये के नोट बरामद किए गए, जो डिकाॅय ने दिए थे।
उन्होंने बताया कि कार्रवाई के दौरान जावेद ने खुद को दुकान का मैनेजर बताया। उसने एमटीपी किट बेचने की बात भी स्वीकार की। पूछताछ में सामने आया कि पंजीकृत फार्मासिस्ट नहीं है और दुकान का पंजीकृत फार्मासिस्ट मोहम्मद आफताब है। दुकान के मालिक मोहम्मद आरिफ को इस किट की खरीद की जानकारी है। जावेद एमटीपी किट की बिक्री या खरीद का कोई रिकार्ड प्रस्तुत नहीं कर सका।
किट की एमआरपी को मार्कर से छिपाया
टीम की जांच में सामने आया कि किट की एमआरपी को काले मार्कर से मिटाया गया था। डीकाय से एक किट के 1500 रुपये वसूले गए। यह अनियमितता ड्रग्स प्राइस कंट्रोल आर्डर 2013 और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 और 7 का उल्लंघन है। घटनास्थल पर कई लोग एकत्र हुए, लेकिन कोई भी गवाह बनने के लिए सहमत नहीं हुआ। टीम द्वारा बतौर साक्ष्य नकदी की बरामदगी और नोटों के नंबरों की जांच के दौरान वीडियोग्राफी कराई गई। दुकान के शटर पर एक ताले पर दो सील लगाई गईं और चाबियां एक लिफाफे में सील करके जावेद को सौंप दी गईं।
सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी
"जिले के एमटीपी किट की अवैध बिक्री पर रोक के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है। अगर किसी को अवैध एमटीपी किट बिक्री की जानकारी मिले तो स्वास्थ्य विभाग को सूचना दें। सूचना देने वाला का नाम गुप्त रखा जाएगा। छापामार कार्रवाई करके आरोपितों के खिलाफ मुकदमा व सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।"
- डाॅ. जयप्रकाश राजरीवाल, एमटीपी नोडल अधिकारी व डिप्टी सिविल सर्जन, गुरुग्राम।
यह भी पढ़ें- गुरुग्राम में सामने आया दुर्लभ मामला, 30 दिन की नवजात के पेट में पल रहे जुड़वां भ्रूण
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।