सर्दी में जकड़ने लगीं ये बीमारियां, अस्पतालों में बढ़ रही भीड़; इन बातों का रखें विशेष ध्यान
सर्दी बढ़ने से मरीजों की संख्या बढ़नी शुरू हो गई है। अस्पतालों में बीपी और शुगर के मरीजों की भीड़ लग रही है। वहीं सर्दी बढ़ने से कई मरीजों को दवा का असर भी नहीं हो रहा है। ऐसे में मरीजों को ओवर डोज या इंसुलिन का सहारा लेना पड़ रहा है। अब आगे विस्तार से पढ़िए यह पूरी रिपोर्ट।
जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। ठंड बढ़ने के साथ ही बीपी और शुगर के मरीजों की परेशानी में इजाफा हो रहा है। सरकार और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई है। शुगर के रोजाना 30 से 35 नए मरीज मिल रहे हैं।
इनमें कई की शुगर 350 के ऊपर पहुंच रही है। कई मरीजों पर दवाओं का असर नहीं हो रहा, ऐसे में ओवर डोज या इंसुलिन का सहारा लेना पड़ रहा है।
बुधवार को सिविल अस्पताल में 2123 मरीजों ने ओपीडी में जांच कराई। वहीं, रजिस्ट्रेशन और दवा के लिए मरीज लाइनों में खड़े रहे। नौ बजे जांच शुरू हुई और 12 बजे तक अस्पताल में भीड़ रही।
मेडिसिन विभाग से लेकर बाल रोग कक्ष और चर्म रोग कक्ष, गायगी, टीकाकरण और नेत्र रोग जांच कक्ष के बाहर मरीज जांच कराने के लिए खड़े रहे। सबसे ज्यादा मरीज मेडिसिन विभाग और बाल रोग विशेषज्ञ कक्ष में रहें।
वहीं, आंकड़ों पर गौर करें तो मेडिसिन विभाग में 300, बाल रोग विशेषज्ञ 200, ईएनटी वार्ड 150, नेत्र रोग विशेष 90, हड्डी रोग विशेषज्ञ 100, चर्म रोग विशेषज्ञ के पास 90 दिखाया गया। इसके अलावा गायनी वार्ड, टीकाकरण वार्ड आदि मरीजों ने ओपीडी में दिखाया।
क्या बोले वरिष्ठ फिजिशियन
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. काजल कुमुद ने बताया कि दैनिक दिनचर्या अव्यवस्थित होने से शरीर में इंसुलीन बनना कम हो जाता है। इस कारण शुगर के मरीज बढ़ते हैं। 40 साल से अधिक उम्र वालों में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। सर्दियों में वजन बढ़ने के साथ ही शारीरिक श्रम कम होना इसका बड़ा कारण है।
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बच्चों को जकड़ रहा निमोनिया
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. उमेश मेहता ने बताया कि मौसम में ठंडक के साथ बच्चों को निमोनिया चपेट में ले रहा है। रोजाना तीन से चार बच्चों को भर्ती किया जा रहा है। इसके अलावा सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या भी बढ़ी है। उन्होंने परिजनों से बच्चों को बाहर का फास्ट फूड, जंक फूड और ठंडे पानी का सेवन से परहेज कराने और उन्हें हरी सब्जी और गर्म पानी का सेवन कराने की सलाह दी।
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सांसों पर संकट जारी
नागरिक अस्पताल की इमरजेंसी में रोजाना 10 से ज्यादा सांस के रोगी पहुंच रहे हैं। इसमें पांच से छह मरीजों को सांस के अटैक पड़ने से उन्हें नेबुलाइजर देना पड़ रहा है ।प्रधान चिकित्साधिकारी डा. जयमाला ने बताया कि मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा बेहतर इंतजार किए जा रहे है।
शुगर को नियंत्रित रखने के लिए ये बरतें सावधानियां
- एक घंटा रोजाना तेज गति से टहलें, साइकिल चलाएं।
- भोजन में हरी सब्जी, दाल और मौसमी फल खाएं।
- योग करें, तनाव दूर करने के लिए अपनी खुश रहें।
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