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    गुरुग्राम में कचरा प्रबंधन को सख्ती से लागू करने की तैयारी, अब पांच रंग के डस्टबिन रखना अनिवार्य

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 02:00 AM (IST)

    गुरुग्राम नगर निगम ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए नया नियम लागू करने की तैयारी की है जिसके तहत कचरा प्रबंधन को सख्त किया जाएगा। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग बायलाज 2025 के मसौदे में नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। घरों और संस्थानों के लिए पांच रंगों के डस्टबिन अनिवार्य किए गए हैं और थोक कचरा जनरेटरों के लिए भी विशेष नियम बनाए गए हैं।

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    गुरुग्राम में कचरा प्रबंधन पर सख्ती, अब पांच रंग के डस्टबिन अनिवार्य

    संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। शहर में स्वच्छता व्यवस्था को सख्ती से लागू करने की तैयारी तेज हो गई है। गुरुग्राम नगर निगम ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए सालिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग बायलाज 2025 का मसौदा तैयार कर सरकार को भेजा है। अनुमति मिलते ही यह नया कानून लागू कर दिया जाएगा। निगम ने नागरिकों से भी इस पर एक सप्ताह के भीतर सुझाव मांगे हैं।

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    अब तक निगम की ओर से कचरे को लेकर नाममात्र की कार्रवाई की जाती थी जिसकी वजह से लोग खुले में कचरा फेंकने और जलाने जैसी आदतों से बाज नहीं आ रहे थे। नए बायलाज लागू होने के बाद नियम तोड़ने वालों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा और थोक कचरा जनरेटरों (अस्पताल, होटल आदि) के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। कचरा न छांटने पर पहली बार 200 रुपये से शुरू होकर बार-बार उल्लंघन पर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। खुले में कचरा जलाने पर 5,000 रुपये से 20,000 रुपये

    तक का जुर्माना लगेगा। वाहन से सड़क या सार्वजनिक स्थल पर कचरा फेंकने पर 25,000 रुपये से एक लाख रुपये तक का जुर्माना और मुकदमा दर्ज होगा। व्यक्तिगत रूप से गंदगी फैलाने पर 500 रुपये का जुर्माना होगा।

    5 रंगों के डस्टबिन अनिवार्य

    नए नियमों के तहत अब घरों और संस्थानों को कचरे को अलग-अलग रखने के लिए दो की बजाय पांच रंग के डस्टबिन रखना अनिवार्य होगा।

    • हरा – गीला कचरा (रसोई, भोजन अवशेष)
    • नीला – सूखा कचरा (प्लास्टिक, कागज, धातु)
    • लाल – घरेलू खतरनाक कचरा (पेंट डिब्बे, कीटनाशक)
    • पीला – बायो-मेडिकल/सैनिटरी कचरा (डायपर, सैनिटरी पैड, दवा)
    • काला – ई-कचरा (बैटरियां, बल्ब, ट्यूब लाइट)

    थोक कचरा जनरेटरों के लिए सख्ती

    अस्पताल, होटल और बड़े संस्थान जहां प्रतिदिन 100 किलो से अधिक कचरा निकलता है, उन्हें परिसर के अंदर ही गीले कचरे का निपटान करना होगा। स्ट्रीट वेंडरों को डिस्पोजेबल वस्तुओं के इस्तेमाल की अनुमति नहीं होगी। वहीं 100 से अधिक लोगों के किसी भी कार्यक्रम के आयोजकों को भी डिस्पोजेबल का उपयोग न करने की शर्त पर निगम को सूचना व शुल्क देना होगा।

    सालिड वेस्ट मैनेजमेंट एंड हैंडलिंग बायलाज 2025 तैयार कर मुख्यालय को भेज दिया गया है। इसमें नागरिकों से भी सुझाव मांगे गए हैं। - प्रदीप दहिया, आयुक्त, नगर निगम आयुक्त गुरुग्राम