बिजली बिल पर सीजीआरएफ का बड़ा फैसला, सनसिटी एवेन्यू सोसायटी के निवासियों को मिलेगी राहत
गुरुग्राम के सेक्टर-102 स्थित सनसिटी एवेन्यू सोसायटी के निवासियों को बिजली बिलों में राहत मिली है। उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (सीजीआरएफ) ने माना कि उनसे निर्धारित टैरिफ से अधिक राशि वसूली गई। फोरम ने आरडब्ल्यूए को निर्देश दिया कि बिल दोबारा जारी किए जाएं और अतिरिक्त वसूली गई राशि लौटाई जाए। यह फैसला निवासियों के लिए बड़ी जीत है।

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। सेक्टर-102 स्थित सनसिटी एवेन्यू सोसायटी के फ्लैट मालिकों को दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएनएल) की ओर से गलत तरीके से वसूले गए बिजली बिलों से राहत मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
उपभोक्ता शिकायत निवारण फोरम (सीजीआरएफ) ने निवासियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए माना कि उनसे निर्धारित टैरिफ से अधिक राशि वसूली गई थी।
सोसायटी के कुछ निवासियों ने 6 अगस्त को फोरम में शिकायत दर्ज कराई थी। उनका कहना था कि तीन किलोवाट घरेलू लोड स्वीकृत होने के बावजूद उनसे छह किलोवाट टैरिफ के आधार पर बिल लिया जा रहा है।
इस कारण हर माह 1015 से 1290 रुपये तक अतिरिक्त राशि वसूली जा रही थी। शिकायत में यह भी स्पष्ट किया गया कि सोसायटी का कुल स्वीकृत लोड 2611 किलोवाट है, जिसमें 761 फ्लैट, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, लिफ्ट, कामन एरिया की लाइटिंग और व्यावसायिक दुकानें शामिल हैं।
शिकायतकर्ताओं की ओर से वकील अक्षय गुप्ता ने अप्रैल माह से जारी बिलों का ब्यौरा, बिजली निगम का टैरिफ चार्ट और सोसायटी को मिले कुल लोड की जानकारी सीजीआरएफ के अध्यक्ष अनिल कुमार विज और तकनीकी सदस्य रेखा राठी के समक्ष रखी।
फोरम ने मामले को गंभीर मानते हुए आरडब्ल्यूए को निर्देश दिए कि एक अप्रैल से सभी फ्लैट मालिकों के बिल दोबारा जारी किए जाएं। बिल 3.05 किलोवाट के वास्तविक घरेलू लोड के आधार पर ही तैयार किए जाएं। साथ ही अतिरिक्त वसूली गई राशि को निवासियों को लौटाने के आदेश भी दिए गए।
फोरम ने यह भी स्पष्ट किया कि बिजली बिल में किसी प्रकार का रखरखाव शुल्क या अन्य गैर-बिजली शुल्क नहीं जोड़ा जाएगा। यहां तक कि प्री-पेड मीटर से भी कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा बिजली निगम के एसडीओ को आदेश दिया गया कि सोसायटी का निरीक्षण कर रिहायशी और व्यावसायिक क्षेत्रों के बिजली मीटर अलग-अलग किए जाएं।
वकील अक्षय गुप्ता ने बताया कि सोसायटी में 761 फ्लैट, 56 दुकानें और एक स्कूल है। कुल स्वीकृत लोड को फ्लैट्स में बांटने पर भी प्रति फ्लैट औसतन 3.43 किलोवाट लोड बनता है। बिजली निगम की जांच में भी 3.05 किलोवाट लोड की पुष्टि हुई।
इसके बावजूद छह किलोवाट टैरिफ के हिसाब से बिल वसूला गया। अब अतिरिक्त वसूली गई राशि निवासियों को लौटाई जाएगी। फोरम ने आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि यदि कोई पक्ष इस फैसले से असंतुष्ट है तो वह 30 दिनों के भीतर बिजली लोकपाल, पंचकूला के समक्ष अपील दायर कर सकता है।
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