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    नगर निगम ऑफिस का हाल तो देखिए... पानी है नहीं, वाशरूम भी पड़ा खराब; 18 दिन बाद चला इंटरनेट

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 05:25 PM (IST)

    गुरुग्राम के सेक्टर-42 स्थित नगर निगम कार्यालय में 18 दिन बाद इंटरनेट सेवा फिर से शुरू हो गई है जिससे लोगों को राहत मिली है। इस दौरान संपत्ति कर और विवाह पंजीकरण जैसे काम अटके रहे। संयुक्त आयुक्त के हस्तक्षेप के बाद सेवा बहाल हुई लेकिन अब स्पीड की समस्या आ रही है। कार्यालय में पानी और सफाई की भी कमी है जिससे नागरिक परेशान हैं।

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    निगम कार्यालय का इंटरनेट 18 दिन बाद चला। जागरण

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। गुरुग्राम में सेक्टर-42 स्थित नगर निगम के जोन-4 कार्यालय में पिछले 18 दिनों से ठप इंटरनेट सेवा अब चालू हुई है। इतने दिन तक लोग प्रॉपर्टी टैक्स से संबंधित कार्यों, शादी पंजीकरण सहित अन्य कार्यों के लिए भटकते रहे। इसको लेकर दस जुलाई को संयुक्त आयुक्त ने निगम के आइटी मैनेजर को पत्र भी लिखा था।

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    कर्मचारियों का कहना है कि अब इंटरनेट बृहस्पतिवार को चालू तो हो गया, लेकिन स्पीड कम होने की परेशानी होने लगी। लोग अपने काम के लिए दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें हर बार खाली हाथ लौटना पड़ता है। कंप्यूटर नहीं चल रहे, नेटवर्क नहीं आ रहा जैसी बातें सुनकर लोग अब नाराजगी जताने लगे हैं। इंटरनेट सेवा ठप होने के कारण संपत्ति कर जमा करने सहित अन्य ई-सेवाएं प्रभावित रहीं।

    संयुक्त आयुक्त ने दस जुलाई को भेजे गए पत्र में साफ निर्देश दिए थे कि इस मामले को प्राथमिकता पर लिया जाए और समस्या का समाधान होने तक फिजिकल कनेक्शन को भी रोका जाए ताकि आगे कोई दिक्कत न हो।

    पानी नहीं, वाशरूम भी बेकार

    कर्मचारियों का कहना है कि परेशानी केवल इंटरनेट की ही नहीं है। नगर निगम के इस कार्यालय में पीने के पानी की भी व्यवस्था नहीं है। वाशरूम में भी नल सूखे पड़े हैं। गर्मी और उमस में दफ्तर आने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि न पीने को पानी है और न ही साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था।

    सुविधा बनी आफत

    सेक्टर 42 कार्यालय जोन चार में उनके घर के समीप सुविधा देने के लिए बनाया गया था। लेकिन सुविधाएं नहीं होने के कारण जोन चार के ज्यादातर अधिकारी सेक्टर 34 स्थित नगर निगम के मुख्य कार्यालय में ही बैठते हैं। नगर निगम सीधा लोगों से जुड़ा हुआ विभाग है, लेकिन कार्यालय में ही सुविधा नहीं होने से लोगों के साथ-साथ कर्मचारी भी परेशान हैं।