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    गुरुग्राम में अवैध IVF सेंटर का पर्दाफाश, सरोगेसी और आईयूआई रैकेट का खुलासा; इलाज कराने आते थे विदेशी

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 07:50 AM (IST)

    गुरुग्राम के सुशांत लोक फेज-1 में अवैध आईवीएफ सेंटर का भंडाफोड़ हुआ है। जांच में पता चला है कि सेंटर में आईवीएफ के साथ आईयूआई और सरोगेसी का धंधा भी चल रहा था। यहां विदेशी नागरिक भी इलाज कराने आते थे। पुलिस ने संचालिका समेत 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और जांच जारी है। सेंटर में लिंग जांच के बाद आईवीएफ कराने की भी आशंका है।

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    अवैध आइवीएफ सेंटर में चल रहा था आइयूआइ और सरोगेसी का भी धंधा!

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। सुशांत लोक फेज-एक में अवैध रूप से संचालित आईवीएफ सेंटर की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नई-नई जानकारी सामने आ रही है। सूत्रों की मानें तो पुलिस की जांच में सेंटर में आईवीएफ के अलावा आईयूआई एवं सेरोगेसी का काम भी चलने की बात सामने आ रही है।

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    पाया गया कि यहां विदेशी भी इलाज कराने के लिए पहुंचते थे। वर्तमान में एक चीनी नागरिक के अलावा आस्ट्रेलिया में रह रही महिला और पुरुष भी सेंटर का भी इलाज चल रहा था। इससे साफ है कि सेंटर का नेटवर्क देश से बाहर भी फैला हुआ था।

    सूत्र बताते हैं कि कुछ दिनों पहले जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि कई अल्ट्रासाउंड सेंटर व आईवीएफ सेंटर बिना अनुमति के चल रहे हैं। सूचना के आधार पर 10 सेंटरों की पहचान कर छानबीन की गई। नौ सेंटरों के कागजात में कुछ कमी सामने आई। छानबीन में सामने आया कि सुशांत लोक-एक में एक अल्ट्रासाउंड सेंटर की आड़ में आईवीएफ सेंटर चलाया जा रहा है।

    उपायुक्त अजय कुमार के निर्देशानुसार एक टीम गठित की गई। इसमें स्वास्थ्य विभाग के साथ ही कई अन्य विभागों के अधिकारियों को शामिल किया गया। दो दिन पहले फर्टिलिटी ट्रू सेंटर में छापेमारी की गई। सेंटर पर मौजूद संचालिका मंजू शर्मा से अनुमति पत्र दिखाने को कहा गया लेकिन वह नहीं दिखा सकीं।

    सेक्टर-29 थाने में सेंटर की संचालिका सहित 12 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। साथ ही सेंटर में मिले 84 एम्ब्रियो (टेस्ट टयूब में विकसित होने वाले भ्रूण का प्रारंभिक चरण) को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट किया गया। इसके बाद से टीम लगातार छानबीन कर रही है।

    सूत्रों के अनुसार छानबीन में यह पता चला है कि आईयूआई एवं सेरोगेसी का भी काम चल रहा था। लगभग एक साल से सेंटर चलाया जा रहा था। इसे देखते हुए जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ ही सेक्टर-29 थाना पुलिस पता लगा रही है कि कितने लोगों ने सेंटर की सेवाएं हासिल कीं।

    सेंटर का किन-किन अस्पतालों से संबंध है। जांच में यह भी सामने आया है कि कई महिलाओं को एग डोनेट करने के लिए रुपये का प्रलोभन भी दिया गया था। इलाज के नाम पर लाखों रुपये फीस के रूप में वसूले जा रहे थे।

    लिंग जांच के बाद आईवीएफ की आशंका

    कहीं लिंग जांच के बाद तो आईवीएफ नहीं किया जा रहा था, इस एंगल से भी छानबीन की जा रही है। यह भी पता किया जा रह है कि आखिर महीनों से शहर के पाश इलाके में सेंटर कैसे चल रहा था। सेंटर संचालन के पीछे और कौन-कौन शामिल हैं। इस बारे में सीएमओ डा. अलका सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हाे सका।

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