गुरुग्राम के एक्सप्रेसवे टावर्स प्रोजेक्ट में फंसे 3000 से ज्यादा खरीदार, बिल्डर पर ठगी के आरोप
गुरुग्राम के एक्सप्रेस-वे टावर्स प्रोजेक्ट में 3000 से अधिक खरीदार फंसे हुए हैं जिन्होंने 2016 से घर मिलने का इंतजार किया है। बिल्डर पर पैसे का गलत इस्तेमाल करने का आरोप है मामला ईओडब्ल्यू तक पहुँच गया है। खरीदारों ने प्रदर्शन किया और रेरा से कार्रवाई की मांग की ताकि प्रोजेक्ट पूरा हो और उन्हें न्याय मिल सके।
संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। सेक्टर-109 स्थित एक्सप्रेस-वे टावर्स प्रोजेक्ट में 3000 से अधिक फ्लैट खरीदार पिछले कई सालों से घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं। ओसियन सेवन बिल्डटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाइ) के तहत लॉन्च किए गए इस प्रोजेक्ट का अब तक सिर्फ 65 फीसदी काम ही पूरा हो पाया है, जबकि खरीदारों से लगभग पूरी रकम ले ली गई।
प्रोजेक्ट के प्रमोटर स्वराज सिंह यादव और उनकी पत्नी सुनीता स्वराज यादव पर आरोप है कि उन्होंने खरीदारों से ली गई रकम का गलत इस्तेमाल किया। मामला आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) तक पहुंच चुका है और धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के उल्लंघन की बात भी सामने आई है।
रविवार को 100 से ज्यादा खरीदार बिल्डर के गुरुग्राम स्थित घर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंचे लेकिन बिल्डर उनसे नहीं मिले। खरीदारों का कहना है कि उनकी मेहनत की पूंजी को अन्य प्रोजेक्ट्स और कारोबारों में लगा दिया गया जिससे यह प्रोजेक्ट अधूरा रह गया।
खरीदारों ने बताया कि बिल्डर ने जयपुर और कोटपुतली में भी इसी तरह प्रोजेक्ट लांच किए लेकिन उन्हें अधूरा छोड़ दिया। यहां तक कि पहले से रजिस्टर्ड प्लॉट और फ्लैट को दोबारा बेचने तक की कोशिश की गई। आवंटी एसोसिएशन ने रेरा, डीटीसीपी, ईओडब्ल्यू और ईडी से सख्त कार्रवाई की मांग की है।
आवंटी एसोसिएशन की मांग
- अधूरे प्रोजेक्ट्स को हरेरा की निगरानी में पूरा कराया जाए।
- फंड्स की हेराफेरी और धन शोधन की जांच हो।
- पहले से बेची गई संपत्तियों की अवैध रीसेल को आपराधिक अपराध माना जाए।
- दोषियों पर तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाए।
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