साइबर सिटी को डूबने से बचाने के लिए पलवल में यमुना तक पहुंचाया जाएगा वर्षा का पानी, ड्रेन का होगा निर्माण
गुरुग्राम को जलभराव से निजात दिलाने के लिए साइबर सिटी से पलवल होते हुए नूंह तक एक ड्रेन बनाई जाएगी जिससे वर्षा का पानी यमुना तक पहुंचाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों को एक महीने में विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस परियोजना से नूंह जिले में जल की उपलब्धता बढ़ेगी और नजफगढ़ ड्रेन पर दबाव कम होगा।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। पूरी दुनिया में आइटी, टेलीकाम, आटोमोबाइल, गारमेंट्स एवं मेडिकल हब के रूप में पहचान बनाने वाली साइबर सिटी के ऊपर से जलभराव का दाग हटेगा। इसके लिए साइबर सिटी से पलवल वाया नूंह तक ड्रेन बनाई जाएगी। ड्रेन से वर्षा का पानी यमुना तक पहुंचाया जाएगा। फिलहाल वर्षा का पानी नजफगढ़ ड्रेन से हाेते हुए यमुना तक पहुंचता है।
इस ड्रेन की क्षमता कम होने की वजह से पानी ओवरफ्लो हो जाता है। इस बार नजफगढ़ ड्रेन का पानी ओवरफ्लो होकर आसपास विकसित सोसायटियों में घुस गया था। कई दिनों तक इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति बनी रही। पलवल तक ड्रेन बनाकर वर्षा का पानी यमुना में पहुंचाने से न केवल नजफगढ़ ड्रेन पर दबाव कम होगा बल्कि साइबर सिटी के ऊपर से जलभराव का दाग भी धुलेगा।
पिछले कई सालों से साइबर सिटी में जलभराव की समस्या गंभीर है। पहले 100 एमएम वर्षा होने पर शहर डूबता था लेकिन अब 30 से 40 एमएम वर्षा होने पर भी बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर नरसिंहपुर के सामने हल्की वर्षा होने पर भी दो से तीन फीट पानी जमा हो जाता है।
गोल्फ कोर्स रोड पर बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है। मेदांता अस्पताल के सामने बने अंडरपास, सुभाष चौक अंडरपास, हीरो होंडा चौक अंडरपास तक में पानी भर जाता है। लगभग पूरे शहर में ही हल्की वर्षा होने पर भी जलभराव की समस्या गंभीर हो जाती है। स्थिति यह हो जाती है कि आइटी सेक्टर में वर्क फ्राम होम तक करना पड़ता है। इससे पूरी दुनिया में साइबर सिटी की किरकिरी होती है।
इस स्थिति से निजात दिलाने के लिए केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने बृहस्पतिवार को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ मंथन किया। इसमें नजफगढ़ ड्रेन के अलावा यमुना तक बरसाती पानी पहुंचाने के लिए नई परियोजना बनाने के ऊपर चर्चा की गई। उन्होंने साफ कहा कि गुरुग्राम से पलवल वाया नूंह तक ड्रेन बनाने के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं है। नजफगढ़ ड्रेन साइबर सिटी के वर्षा के पानी को यमुना तक पहुंचाने में पूरी तरह सक्षम नहीं है।
एक महीने के भीतर परियोजना को लेकर रिपोर्ट करें तैयार
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने अधिकारियों से कहा है कि साइबर सिटी से पलवल तक बनाई जाने वाली ड्रेन के मार्ग का अध्ययन भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए किया जाए। पानी के प्राकृतिक प्रवाह के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्र में लिफ्ट करने के विकल्प पर भी ध्यान दिया जाए। इस परियोजना के लिए जीएमडीए, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारी मिलकर विस्तृत अध्ययन रिपोर्ट एक महीना के भीतर तैयार करें ताकि आगामी एनसीआर प्लानिंग बोर्ड की बैठक में इसको रखा जा सके।
अगले 15 दिन के भीतर वे स्वयं भी इस कार्य की प्रगति की समीक्षा करेंगे। उन्होंने गुरुग्राम व आसपास सरकारी भूमि पर बने जलाशयों की रिपोर्ट भी तैयार करने को अधिकारियों से कहा। मनोहर लाल ने कहा कि गुरुग्राम न केवल हरियाणा बल्कि देश का एक प्रमुख शहर है। ऐसे में जलभराव को लेकर लोगों की चिंताओं का जल्द समाधान करना होगा। समस्या के स्थायी समाधान के लिए नए विकल्पों पर काम करना होगा। केंद्र सरकार भी चाहती है कि दिल्ली और गुरुग्राम में जलभराव की समस्या के स्थायी समाधान के लिए नई परियोजना पर कार्य करना चाहिए।
नूंह जिले में जल की उपलब्धता बढ़ेगी
बैठक में प्रदेश के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि नई परियोजना से नूंह जिले में जल की उपलब्धता बढ़़ेगी। इस पानी का खेती-बाड़ी में भी इस्तेमाल हो सकेगा। नजफगढ़ ड्रेन पर पानी का दबाव कम होगा। साथ ही गुरुग्राम शहर में जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा। बैठक में प्रधान सलाहकार शहरी विकास डीएस ढेसी, जीएमडीए के सीईओ श्यामल मिश्रा, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के विभाग के निदेशक अमित खत्री, उपायुक्त अजय कुमार, पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा, नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त प्रदीप दहिया सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।