कैबिनेट मंत्री की कोठी पर तैनात सिपाही ने की आत्महत्या, पंचायत में परिवार का हुआ था बहिष्कार
2024 में विधानसभा चुनाव के बाद मंत्री बनने पर नरबीर सिंह की कोठी के बाहर इन्हें सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किया गया था। सोमवार रात यह ड्यूटी पर थे। वहीं पर रात ढाई बजे इन्हें अचेत अवस्था में पाया गया। अन्य साथी इन्हें निजी अस्पताल ले गए। यहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की सुरक्षा में तैनात कॉन्स्टेबल जगबीर सिंह ने विषाक्त पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली। वह गुरुग्राम के सिविल लाइंस मंत्री की कोठी के बाहर गार्ड रूम में सोमवार रात ढाई बजे अचेत अवस्था में पाए गए थे।
अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया था। वह मूल रूप से झज्जर के भूरावास गांव के रहने वाले थे। भतीजे द्वारा गांव की एक लड़की से शादी करने के मामले में पंचायत द्वारा इनके परिवार को बहिष्कार करने से ये आहत थे।
2014 में हरियाणा पुलिस में हुए थे भर्ती
गुरुग्राम पुलिस के अनुसार 49 वर्षीय जगबीर सिंह 2014 में हरियाणा पुलिस में बतौर कॉन्स्टेबल भर्ती हुए थे। इससे पहले वह आर्मी में जाट रेजीमेंट में रह चुके थे। वहां से रिटायर होने के बाद वह हरियाणा पुलिस में आए थे।
पुलिस ने मंगलवार दोपहर शव को पोस्टमार्टम के बाद स्वजन के हवाले कर दिया है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों के अनुसार पुलिसकर्मी की मौत विषाक्त पदार्थ निगलने से बताई गई। परिवारवालों ने इस मामले में सिविल लाइंस थाने में गांव के सात लोगों के खिलाफ जगबीर को प्रताड़ित करने की शिकायत दी।
इसमें कहा गया कि करीब चार महीने पहले जगबीर के भतीजे ने गांव की एक लड़की से बिना बताए शादी कर ली थी। इसी वजह से गांव के लोगों ने पिछले सप्ताह पंचायत कर जगबीर के परिवार का बहिष्कार कर दिया था। जिसकी वजह से वह काफी परेशान थे।
सूत्रों के अनुसार यह भी जानकारी सामने आई है कि लड़की के पिता ने जगबीर के खिलाफ थाने में नाम बदलकर नौकरी पाने के आरोप में भी शिकायत दी थी। यह भी कहा कि बहिष्कार के फैसले को वापस लेने के लिए दो दिन पहले जगबीर गांव गए थे। उन्होंने माफी भी मांगी थी। बहिष्कार होने से गांव के लोगों ने उनके परिवार से बोलचाल बंद कर दी थी। इसी से आहत होकर जगबीर ने इस तरह का कदम उठाया।
आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं में केस दर्ज
सिविल लाइंस थाना प्रभारी इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार ने कहा कि पुलिस कई एंगल पर मामले की जांच कर रही है। साथी कर्मचारियों और परिवार के लोगों से पूछताछ की जा रही है। परिवार के लोगों ने थाने में शिकायत दी है। उन्होंने गांव के सात लोगों पर परिवार और जगबीर को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
कहा गया है कि इसी वजह से जगबीर ने आत्महत्या कर ली। शिकायत और प्रारंभिक जांच के आधार पर सिविल लाइंस थाने में सुरेंद्र, इसकी पत्नी नीलम, बेटे अनुज, सरपंच के पति जयभगवान, गांववासी सुनील, कपिल और सुमित के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। यह भी आरोप लगाया कि आरोपित जान से मारने की धमकी देते थे और गाली-गलौज करते थे।

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