Twin Tower की तरह जमींदोज हो सकते हैं Chintels Paradiso के टावर, ऑडिट में हो चुके हैं असुरक्षित घोषित
Gurugram Chintels Paradiso के जी एवं एच टावर में 15 परिवार रह रहे हैं। उनके खाली करते ही आगे की प्रक्रिया काफी तेज हो जाएगी। तोड़ने वाली एजेंसी एडिफिस ने टावरों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट बिल्डर को सौंप दी है। एजेंसी पार्टनर उत्कर्ष मेहता का कहना है कि नोएडा के ट्विन टावर की तरह इसे ध्वस्त नहीं किया जा सकता।

आदित्य राज, गुरुग्राम। नोएडा के ट्विन टावर की तरह चिंटेल्स पैराडिसो के टावरों को ध्वस्त नहीं किया जाएगा। इसे मशीन से तोड़ा जाएगा क्योंकि टावर काफी असुरक्षित हैं। ब्लास्ट करने के लिए टावरों में होल करना होता है।
टावर इतने कमजोर हैं कि होल करने के दौरान गिर सकते हैं। यही नहीं टावरों के नजदीक कई सोसायटियां हैं। सभी को खाली करना संभव नहीं। इन सभी को ध्यान में रखकर मैकेनाइज्ड तरीके से टावरों को तोड़ा जाएगा। तैयारी से लेकर तोड़ने के कार्य को पूरा करने में छह महीने का समय लगेगा।
टावरों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश
स्ट्रक्चरल ऑडिट में चिंटेल्स पैराडिसो के डी, ई, एफ, जी एवं एच टावर असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। सभी टावर लोगों के रहने के हिसाब से बिल्कुल ही सही नहीं हैं। रिपोर्ट के आधार पर अतिरिक्त उपायुक्त हितेश कुमार मीणा ने टावरों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश जारी कर दिया है।
निर्देशानुसार बिल्डर ने तैयारी शुरू कर दी है। जी एवं एच टावर में 15 परिवार रह रहे हैं। उनके खाली करते ही आगे की प्रक्रिया काफी तेज हो जाएगी। तोड़ने वाली एजेंसी एडिफिस ने टावरों का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट बिल्डर को सौंप दी है। एजेंसी पार्टनर उत्कर्ष मेहता का कहना है कि नोएडा के ट्विन टावर की तरह इसे ध्वस्त नहीं किया जा सकता।
सभी टावर बहुत कमजोर हैं। ब्लास्ट करने के लिए टावरों में होल करना होता है। जब ऐसे ही बालकनी गिर रही है फिर होल करने के दौरान टावर भी गिर सकते हैं। ऐसे में मशीन से टावरों को तोड़ा जाएगा। उनका कहना है कि एजेंसी के पास सात-आठ मशीन हैं, जिनसे आसपास नुकसान हुए बिना ही टावरों को तोड़ा जा सकता है। छह महीने के भीतर एजेंसी टावरों को तोड़ने का काम हर हाल में पूरा कर लेगी।
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गत वर्ष सामने आया था मामला
गत वर्ष 10 फरवरी को चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के डी टावर में हादसा हुआ था। छठी मंजिल स्थित एक फ्लैट के ड्राइंग रूम का फ्लोर भरभराकर पहली मंजिल तक गिर गया था। इस हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी।
कुछ दिन पहले डी-टावर के तीसरे, चौथे तथा पांचवे फ्लोर स्थित फ्लैट की बालकनी ढह गई थी हालांकि इसमें किसी को कोई हानि नहीं पहुंची थी। इसके बाद से प्रशासन का प्रयास है कि जितनी जल्द हो टावरों को तोड़ दिया जाए। फिलहाल टावरों के नजदीक लोग न जाएं इसके लिए बैरिकेडिंग करने पर जोर दिया जा रहा है।
टावरों को तोड़ने या ध्वस्त करने का कार्य बिल्डर करेगा। तोड़ना है या ध्वस्त करना है, यह बिल्डर की जिम्मेदारी है। प्रशासन यह सुनिश्चित कराएगा कि पूरी तैयारी के साथ तोड़ने या ध्वस्त करने कार्य किया जाए। पांच टावर पूरी तरह असुरक्षित हैं।
हितेश कुमार मीणा, अतिरिक्त उपायुक्त, गुरुग्राम
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