Gurugram: ट्विन टावर की तरह ध्वस्त नहीं होंगे चिंटेल्स पैराडिसो के पांचों टावर, जानिए प्लान; 3000 डंपर से अधिक निकलेगा मलबा
Gurugram Chintels Paradiso Towers Demolition गुरुग्राम के चिंटेल्स पैराडिसो के पांच टावरों को ध्वस्त किए जाने से तीन हजार डंपर से अधिक मलबा निकलेगा। म ...और पढ़ें
आदित्य राज, गुरुग्राम। चिंटेल्स पैराडिसो (Chintels Paradiso) के पांच टावरों को ध्वस्त किए जाने से तीन हजार डंपर से अधिक मलबा निकलेगा। मलबे की वजह से आसपास प्रदूषण का स्तर न बढ़े इसके लिए ऊपर से पानी का छिड़काव कुछ-कुछ समय के अंतराल पर करना होगा।
डंपरों को ऊपर से ढककर सीएंडडी वेस्ट प्लांट तक मलबा पहुंचाना होगा। इससे रास्ते में मलबे की वजह से प्रदूषण का स्तर नहीं बढ़ेगा। इस बारे में तोड़फोड़ करने वाली एजेंसी एडिफिस ने बिल्डर को अपनी रिपोर्ट दी है।
टावरों को ब्लास्ट करने की बजाय मशीनों से तोड़ा जाएगा, इस बारे में एजेंसी पहले ही रिपोर्ट दे चुकी है। पहले यही लग रहा था कि नोएडा के ट्विन टावर की तरह चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के पांच टावर ध्वस्त किए जाएंगे। एजेंसी का कहना है कि आसपास कई टावर हैं।
यही नहीं आसपाई कई अन्य सोसाइटियां हैं। ब्लास्ट किए जाने से नुकसान हो सकता है। यही नहीं जिन टावरों को ध्वस्त किए जाना है, वे इतने कमजोर हैं कि ध्वस्त किए जाने की तैयारी के दौरान भी गिर सकते हैं।
सेक्टर-109 स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसाइटी के डी, ई, एफ, जी एवं एच टावर स्ट्रक्चरल आडिट में रहने के हिसाब से पूरी तरह असुरक्षित घोषित किए जा चुके हैं। इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने टावरों को तोड़ने का निर्देश बिल्डर को जारी कर रखा है। निर्देशानुसार बिल्डर ने तैयारी शुरू कर दी है।
तोड़फोड़ की जिम्मेदारी एडिफिस नामक एजेंसी को दे दी है। किस तरह से तोड़फोड़ करना है, कितना मलबा निकलेगा, मलबे को कहां डंप किया जाएगा सहित सभी संबंधित विषयों के बारे में अपनी रिपोर्ट बिल्डर को दे दी है।
एजेंसी के पार्टनर उत्कर्ष मेहता का कहना है कि उनकी तरफ से रिपोर्ट सौंपी जा चुकी है। अब आगे बिल्डर से निर्देश मिलने का इंतजार है। साथ ही जी एवं एच टावर में रह रहे 15 परिवारों द्वारा फ्लैट खाली करने का इंतजार है। इन परिवारों के साथ बिल्डर का अभी सेटलमेंट नहीं हुआ है।
प्रशासन को सौंपना होगा डिमोलिशन प्लान
तोड़फोड़ शुरू करने से बिल्डर को डिमोलिशन प्लान जिला प्रशासन को सौंपना होगा। प्लान को जिला प्रशासन आगे संबंधित विभागों के पास स्वीकृति के लिए भेजेगा। विभागों से स्वीकृति मिलते ही तोड़फोड़ शुरू कर दी जाएगी। तोड़फोड़ के दौरान सुरक्षा एवं पर्यावरण के ऊपर विशेष ध्यान देना होगा।
आसपास के टावरों को किसी भी स्तर पर नुकसान न हो, यह गारंटी प्रशासन बिल्डर से चाहेगा यानी हर स्तर पर सुरक्षात्मक उपाए किए जाने के बाद ही तोड़फोड़ करने दिया जाएगा। बता दें कि गत वर्ष 10 फरवरी को डी टावर में हादसा हुआ था। छठी मंजिल स्थित एक फ्लैट के ड्राइंग रूम का फ्लोर भरभराकर पहली मंजिल तक गिर गया था। हादसे में दो लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद स्ट्रक्चरल आडिट कराने का निर्णय लिया गया था।
तोड़फोड़ करने से पहले बिल्डर को डिमोलिशन प्लान सौंपना होगा। इससे पहले बिल्डर को 15 परिवारों के साथ सेटलमेंट करना होगा। जब तक 15 परिवार टावरों में से बाहर नहीं आएंगे तब तक तोड़फोड़ संभव नहीं। बिल्डर परिवारों के साथ सेटलमेंट करे। -हितेश कुमार मीणा, अतिरिक्त उपायुक्त, गुरुग्राम

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