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    Gurugram News: चिंटेल्स सोसायटी मामले में बिल्डर प्रबंधन को नोटिस जारी, 6 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Tiwari
    Updated: Mon, 21 Nov 2022 02:21 PM (IST)

    Chintels Paradiso Society गुरुग्राम के सेक्टर-109 स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी के निवासियों की याचिका पर अब 6 जनवरी को सुनवाई होगी। फ्लैटों की कीमत ...और पढ़ें

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    Gurugram Chintels Paradiso Society: चिंटेल्स निवासियों का धरना जारी, आज सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

    गुरुग्राम, जागरण संवाददाता। गुरुग्राम के सेक्टर-109 स्थित चिंटेल्स पैराडिसो सोसायटी (Chintels Paradiso Society) निवासियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिल्डर प्रबंधन को नोटिस जारी किया है। साथ ही अपना पक्ष रखने के लिए कहा है। इस मामले में अब अगली सुनवाई 6 जनवरी को होगी।

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    बता दें कि फ्लैटों की कीमत के लिए जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त आकलनकर्ताओं की गलत रिपोर्ट से नाराज निवासियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिस पर सोमवार को सुनवाई हुई।

    इस मामले को लेकर रविवार को बैठक होनी थी, लेकिन निवासियों ने सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में फ्लैट मालिकों की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने किया। 

    फ्लैटों की कीमतों का गलत आकलन

    चिंटेल्स आरडब्ल्यूए के प्रधान राकेश हुड्डा का कहना है कि आकलनकर्ताओं द्वारा प्रशासन को सौंपी गईं मूल्यांकन रिपोर्ट में फ्लैटों की कीमतों का गलत आकलन किया है। मार्केट से भी आधी कीमत आंकी गई है। आकलनकर्ता फ्लैट मालिकों की सुनने तक को तैयार नहीं है बल्कि सोसायटी निरीक्षण के समय अभद्र व्यवहार करते है।

    दूसरी तरफ बिल्डर प्रबंधन भी फ्लैट मालिकों से बात करने को तैयार नहीं है। जिला प्रशासन ने पांच दिन के भीतर टावर ई, एफ को खाली कराने को प्लान मांगा था लेकिन आज तक भी बिल्डर ने प्रशासन को प्रक्रिया के लिए कोई प्लान नहीं सौंपा है। ऐसे में अब फ्लैट मालिक सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद कर रहे है। उनकी मांग है कि उनके फ्लैटों की रकम मार्केट के मौजूदा दर के हिसाब से दी जाए।

    फ्लैट मालिक को किराया दे बिल्डर प्रबंधन

    अगर जिला प्रशासन नहीं दिला सकता तो बिल्डर से नया टावर बनवा कर उन्हें पहले के आकार में फ्लैट दिए जाए। जब तब फ्लैट नहीं मिल जाते तब तक बिल्डर प्रबंधन फ्लैट मालिक को किराया दे।

    दूसरी ओर बिल्डर ने मार्च माह से किराया देने से मना कर दिया है। जिला प्रशासन भी सुप्रीम कोर्ट में पिछले सप्ताह लगाई गई याचिका के बाद चुप बैठा है। प्रशासन की ओर से फिर से फ्लैटों के मूल्यांकन कराने की दावे किए थे पर हुआ कुछ नहीं।

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