Gurugram Bulldozer Action: सुल्तानपुर के आसपास फिर होगी तोड़फोड़, DTPE के एक्शन से लोगों में मचा हड़कंप
Gurugram Bulldozer Action नया गुरुग्राम में सुल्तानपुर झील के 5 किलोमीटर के दायरे में अवैध फार्म हाउस और निर्माण बढ़ रहे हैं। टाउन प्लानिंग विभाग ने जूनियर इंजीनियरों को सर्वे के निर्देश दिए हैं। पहले भी तोड़फोड़ हुई है एफआईआर दर्ज हुई हैं फिर भी शिकायतें आ रही हैं। डीटीपीई ने कहा है कि किसी भी अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा क्योंकि यह इको सेंसेटिव जोन है।

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम।Gurugram Bulldozer Action: सुल्तानपुर झील के पांच किलोमीटर के दायरे में अवैध फार्म हाउस, रिसार्ट और अवैध निर्माण का जाल बढ़ता जा रहा है। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की लगातार कार्रवाई के बाद भी फार्म हाउस, कॉलोनी विकसित हो रही हैं।
इसे देखते हुए टाउन प्लानिंग के डीटीपी एन्फोर्समेंट ने इलाके के संबंधित जूनियर इंजीनियर और अन्य अधिकारियों को सर्वे के दिशा निर्देश जारी किए हैं। सुल्तानपुर झील के पांच किलोमीटर दायरे में निर्माण पर पूरी तरह प्रतिबंध है, बावजूद इसके अवैध निर्माण करने वालों के हौंसले बुलंद हैं।
करीब 40 एकड़ में हो रहे अवैध निर्माण पर पिछले दिनों विभाग की तरफ से तोड़फोड़ कार्रवाई की गई थी। एक बार फिर यहां से डीटीपीई कार्यालय में लगातार अवैध निर्माण को लेकर शिकायतें पहुंच रही हैं।
इन शिकायतों के बाद डीटीपीई की तरफ से फरुखनगर के संबंधित जूनियर इंजीनियर और अन्य कर्मचारियों को सर्वे के आदेश जारी किए हैं। अब यह टीम सर्वे कर विभिन्न प्रकार के अवैध निर्माण को चिन्हित करेगी। इसके बाद यहां तोड़फोड़ अभियान चलाया जाएगा।
हालांकि, इस इलाके में अवैध निर्माण पर एन्फोर्समेंट टीम की तरफ से पहले भी तोड़फोड़ कार्रवाई की जा चुकी है और एन्फोर्समेंट थाने को पत्र लिखकर एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है, लेकिन शिकायतों के बाद अब फिर से कार्रवाई का सिलसिला शुरू किया जा रहा है।
अधिकांश अवैध निर्माण पर तोड़फोड़ कार्रवाई की जा चुकी है। जमीन मालिकों, प्रॉपर्टी डीलरों के विरुद्व एफआईआर भी दर्ज कराई हुई है, लेकिन अब से सर्वे करने के आदेश जारी किए हैं। सर्वे में जहां भी अवैध निर्माण चलता पाया जाएगा, उन पर तोड़फोड़ कार्रवाई की जाएगी। किसी भी प्रकार के अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यहां पांच किलोमीटर के दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता। यह इलाका इको सेंसेटिव जोन में आता है।
अमित मधोलिया, डीटीपीई, टाउन प्लानिंग
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