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    Gurugram Pollution: साइबर सिटी में सांसों का संकट, प्रदूषण का स्तर 400 पार; बच्चे और बुजुर्ग घरों में कैद

    By Aditya RajEdited By: Sonu Suman
    Updated: Thu, 09 Nov 2023 10:26 PM (IST)

    साइबर सिटी गुरुग्राम भी प्रदूषण से अछूता नहीं है। यहां पर कई इलाकों का एक्यूआई 400 को पार कर गया है। सेक्टर-51 में गुरुवार शाम पौने पांच बजे एक्यूआई 452 रिकार्ड किया गया। प्रदूषण रोकने के लिए सड़कों और पेड़ों के ऊपर पानी का छिड़काव किया जा रहा है लेकिन इससे भी राहत नहीं मिल रही है। लोग अपने-अपने घरों में कैद हो गए हैं।

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    गुरुग्राम में प्रदूषण का स्तर 400 को पार कर गया है।

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। प्रशासनिक निष्क्रियता की वजह से साइबर सिटी में सांसों का संकट जारी है। यह तब तक जारी रहेगा, जब तक हल्की या तेज वर्षा नहीं होगी या फिर हवा नहीं चलेगी। प्रदूषण का स्तर इतना गहरा हो गया है कि सड़कों पर पानी के छिड़काव का असर नहीं दिख रहा।

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    पेड़ों के ऊपर भी पानी का छिड़काव किया जा रहा है, लेकिन कोई असर नहीं हो रहा है। बच्चे और बुजुर्ग घरों में कैद हो गए हैं। प्रदूषण का स्तर बढ़ने के पीछे शहर में हर तरफ फैली गंदगी है। न सही से सड़कों की सफाई हो पा रही है और न ही कूड़े का उठान हो पा रहा है।

    हर साल सर्दी का मौसम आने से पहले प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। यह बात पूरे प्रशासन को पता है। इसके बाद भी साफ-सफाई के ऊपर ध्यान नहीं दिया गया। नतीजा पिछले कई दिनों से लगातार एक्यूआई 400 से अधिक रिकार्ड किया जा रहा है।

    सड़कों से लेकर पेड़ों के ऊपर पानी का छिड़काव

    सेक्टर-51 में गुरुवार शाम पौने पांच बजे एक्यूआई 452 रिकार्ड किया गया। लघु सचिवालय में प्रशासन के अधिकतर उच्चाधिकारी बैठते हैं, उसके आसपास भी एक्यूआई 402 रिकार्ड किया गया। यह हाल तब है, जब नगर निगम, जीएमडीए से लेकर कई विभागों द्वारा सड़कों से लेकर पेड़ों के ऊपर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। काफी लाेगों ने निजी वाहन चलाने बंद कर दिए हैं। बीएस-4 गाड़ियों के संचालन पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद भी सुबह से लेकर शाम तक एक समान माहौल दिख रहा है। 

    मेट्रो बनी लाइफ लाइन

    दिल्ली मेट्रो लाइफ लाइन के रूप में स्थापित हो चुकी है। प्रदूषण का स्तर बढ़ते ही अधिकतर लोग मेट्रो सुविधा का लाभ उठाने लगे हैं। इस वजह से यात्रियों की संख्या में दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है। खासकर सुबह आठ बजे से लेकर 11 बजे तक सही से यात्री खड़े भी नहीं हो सकते। इसी तरह शाम पांच बजे से लेकर आठ बजे तक काफी भीड़भाड़ रही है।

    सेक्टर-15 पार्ट-दो में रह रहे जगप्रवेश शर्मा एवं अरविंद कुमार कनॉट प्लेस में नौकरी करते हैं। वे अपनी कार से दिल्ली जाते-आते थे। अब वे मेट्रो से जाने लगे हैं। उनका कहना है कि सुबह आठ बजे से 11 बजे के दौरान मेट्रो की संख्या में बढ़ोतरी कर देनी चाहिए। कामकाजी लोग इसी दौरान जाते हैं। यदि लोगों को आराम से खड़े होकर जाने की जगह मिल जाए तो अधिकतर लोग कभी भी अपने निजी वाहन से दिल्ली के अधिकतर इलाकों में नहीं जाएंगे। सड़कों पर ट्रैफिक जाम को कोई झेलना पसंद नहीं करता। मजबूरी में ही लोग जाम झेलते हैं।

    कहां कितना रहा एक्यूआई

    टेरीग्राम 358
    सेक्टर 51 452
    विकास सदन 402
    मानेसर 391

    (शाम लगभग पौने पांच बजे के आंकड़े)

    औद्योगिक इकाइयों से लेकर आम लोगों की अपील है कि वे अपने आसपास पानी का छिड़काव करते रहें। नगर निगम व जीएमडीए, एचएसआइआइडीसी, एचएसवीपी एवं पीडब्ल्यूडी की ओर से पानी का छिड़काव किया जा रहा है। सामूहिक प्रयास से ही प्रदूषण का स्तर कम होगा। - कुलदीप सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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