गुरुग्राम के आसपास रहने वाले लोगों को इलाज मिलने में होगी आसानी, इस जगह बनेगा 700 बेड का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
गुरुग्राम में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास 700 बिस्तरों का सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनेगा जिससे आस-पास के लोगों को इलाज में आसानी होगी। यातायात की समस्या को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। सिविल लाइंस और द्वारका एक्सप्रेसवे के पास अस्पतालों का निर्माण जल्द ही शुरू होगा। सिविल लाइंस इलाके में बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

आदित्य राज, गुरुग्राम। सिविल लाइंस में 700 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल नहीं बनाया जाएगा। इसकी जगह 200 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया जाएगा। इसके अलावा, द्वारका एक्सप्रेसवे के पास भी 700 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जाएगा।
सिविल लाइंस इलाके में बढ़ते यातायात दबाव को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इस फैसले के पीछे राज्य सरकार का एक तर्क यह भी है कि गुरुग्राम शहर का काफी विस्तार हो चुका है। ऐसे में शहर के आसपास एक से चार सरकारी अस्पताल होने चाहिए।
गुरुग्राम इलाके में द्वारका एक्सप्रेसवे के पास अस्पताल बनने से मानेसर, पटौदी, फर्रुखनगर और आसपास के कई इलाकों के लोगों के लिए इलाज के लिए पहुंचना आसान हो जाएगा।
पुराने गुरुग्राम इलाके में सदर बाजार के पास एक जिला नागरिक अस्पताल था। इसे चार साल पहले तोड़ दिया गया था। राज्य सरकार ने उस जगह पर 700 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाने की योजना बनाई थी। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने निर्माण के लिए डिजाइन भी फाइनल कर दिया था।
निर्माण शुरू करने से पहले राज्य सरकार ने अनुमान लगाया था कि अस्पताल खुलने के बाद यातायात का दबाव कितना बढ़ जाएगा। जानकारी सामने आई कि अस्पताल में एक हजार वाहनों की पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराने के बाद भी यातायात का दबाव काफी बना रहेगा।
फिलहाल सदर बाजार और उसके आसपास के इलाकों में यातायात का दबाव सबसे ज्यादा है। अस्पताल बनने के बाद जाम की समस्या और गहरा जाएगी। इसे देखते हुए राज्य के उद्योग, वाणिज्य, वन एवं पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने सुझाव दिया कि सदर बाजार यानी सिविल लाइंस के पास 200 बिस्तरों से ज्यादा का अस्पताल बनाना उचित नहीं होगा।
सिविल लाइंस में 200 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाया जाना चाहिए। इसके अलावा, द्वारका एक्सप्रेसवे के पास जहां भी एचएसआईडीसी के पास जगह हो, वहां 700 बिस्तरों वाला एक बड़ा अस्पताल बनाया जाना चाहिए। द्वारका एक्सप्रेसवे के पास एचएसआईडीसी के पास काफी खाली जमीन है। अस्पताल के लिए जितनी भी जमीन की जरूरत होगी, वह उपलब्ध कराई जाएगी।
700 बिस्तरों वाला अस्पताल बनने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा
मंत्री राव नरबीर सिंह का मानना है कि सिविल लाइंस में अस्पताल बनाने की जो योजना बनाई गई थी, उसी के अनुसार द्वारका एक्सप्रेसवे के किनारे अस्पताल बनाया जाएगा। इससे योजना बनाने में लगने वाला समय बचेगा। सिर्फ़ जगह बदली है, योजना नहीं।
सिविल लाइंस में 200 बिस्तरों वाला अस्पताल बनाने के लिए अलग से योजना बनानी होगी। आपको बता दें कि सिविल लाइंस स्थित पुराने अस्पताल की जगह पर 1000 करोड़ रुपये की लागत से एम्स और पीजीआई की तर्ज पर 700 बिस्तरों वाला अत्याधुनिक ज़िला नागरिक अस्पताल बनाने की योजना थी।
इसमें 50 बिस्तरों वाला आईसीयू वार्ड बनाया जाना था। इस योजना में एयर एंबुलेंस के लिए छत पर हेलीपैड और एक हज़ार वाहनों के लिए भूमिगत पार्किंग की व्यवस्था शामिल थी। फ़िलहाल, अस्पताल स्थल पर पार्किंग का काम चल रहा है।
गुरुग्राम शहर का काफ़ी विस्तार हो चुका है। शहर में लाखों लोग रहते हैं। ऐसे में शहर में कम से कम चार सरकारी अस्पताल होने चाहिए। इसी को ध्यान में रखते हुए, सिविल लाइंस, द्वारका एक्सप्रेसवे के पास सेक्टर-67 में एक सरकारी अस्पताल बनाने की योजना बनाई गई है।
एक अन्य अस्पताल किसी अन्य क्षेत्र में बनाया जाएगा ताकि लोगों को इलाज के लिए दूर न जाना पड़े। सिविल लाइंस क्षेत्र में यातायात का दबाव काफी है। 700 बिस्तरों वाले अस्पताल के निर्माण के बाद, ट्रैफिक जाम की समस्या एक बड़ी समस्या बन जाएगी। द्वारका एक्सप्रेसवे के आसपास के किसी भी क्षेत्र से यहाँ पहुँचना आसान हो जाएगा। जल्द ही जगह की पहचान कर आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी। सिविल लाइंस और द्वारका एक्सप्रेसवे के पास अस्पतालों का निर्माण एक साथ शुरू होगा।
--राव नरबीर सिंह, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री, हरियाणा
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