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    गुरुग्राम पुलिस की शिकायत पर कंबोडिया सरकार ने लिया एक्शन, तीन हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 06:30 AM (IST)

    कंबोडिया में साइबर ठगी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है जिसमें तीन हजार से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें 105 भारतीय हैं। गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में अहम जानकारी दी थी जिसके बाद कंबोडिया सरकार ने यह कदम उठाया। गिरफ्तार किए गए लोगों में एक महिला भी शामिल है जो कॉल सेंटर में काम कर रही थी और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को ठगती थी।

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    साइबर पुलिस गुरुग्राम के इनपुट पर कंबोडिया में हुआ एक्शन। फाइल फोटो

    विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। कंबोडिया में साइबर ठगी के मामलों में बड़ी कार्रवाई हुई है। तीन हजार से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें 105 भारतीय शामिल हैं। भारतीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की गुजारिश पर कंबोडिया सरकार ने यह कदम उठाया है।

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    25 दिन पहले गुरुग्राम साइबर पुलिस ने कंबोडिया से हुई ठगी के मामले में दिल्ली एयरपोर्ट से एक महिला को गिरफ्तार किया था। रिमांड के दौरान सैकड़ों काल सेंटर में हजारों लोगों द्वारा ठगी करने की बात सामने आने के बाद साइबर पुलिस ने इसकी जानकारी गृह मंत्रालय से साझा की थी। सूत्रों का कहना है गुरुग्राम पुलिस के इस इनपुट के बाद कंबोडिया में ठगों को पकड़े जाने के लिए सक्रियता बढ़ाई गई।

    गुरुग्राम साइबर पुलिस द्वारा 29 जून को दिल्ली एयरपोर्ट से पकड़ी गई खुशबू नाम की महिला कंबोडिया के नाेम पेन्ह स्थित काल सेंटर में काम कर रही थी। यह गुजरात के सूरत की रहने वाली थी और करीब दो साल से साइबर ठगी में संलिप्त थी।

    गुरुग्राम में रहने वाली एक महिला से डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से करीब तीन करोड़ की ठगी के मामले की जांच करते हुए बैंक खाता धारक समेत कुल 16 लोगों को पकड़ा गया था। अंतिम पकड़े गए व्यक्ति ने पूछताछ में बताया था कि उसने बैंक खाता दुबई में रहने वाले अपने भाई के माध्यम से खुशबू को बेचा था।

    इसी के बाद महिला रडार पर थी।खुशबू से पूछताछ में पता चला था कि नोम पेन्ह में सैकड़ों काल सेंटर हैं। यहां भारत और पाकिस्तान समेत कई देशों के दस हजार से ज्यादा लोग ठगी कर रहे हैं। काल सेंटरों में तीन लेयर में काम होने की जानकारी मिली थी।

    पहले लेयर में बैठे लोगों द्वारा फोन करने और दूसरे व तीसरे लेयर में बैठे लोगों द्वारा ठगी की वारदात की जाती है। खुशबू यहां पहले लेयर में काम करती थी। इन्हें मोटी सैलरी, रहने खाने की सुविधा और हर ठगी के साथ इंसेटिव मिलने की जानकारी भी सामने आई थी। पांच दिन की पूछताछ के बाद गुरुग्राम साइबर पुलिस ने ये सारी जानकारी गृह मंत्रालय के साथ पत्राचार कर साझा की थी।

    भारतीयों से हजारों करोड़ की ठगी पर सरकार भी थी चिंतित

    एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दीवान के मुताबिक देश में शायद यह पहली बार हुआ था कि जब विदेश से साइबर ठगी के मामले में किसी एक्टिव कालर को पकड़ा गया। वैसे इससे पहले श्रीलंका व अन्य देशों में साइबर ठगों के लिए दलाली करने वालों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

    एक्टिव कालर को पकड़ने और वहां इतने बड़े लेवल पर साइबर ठगी की जानकारी को गंभीरता से लिया गया। साइबर पुलिस सूत्रों के अनुसार भारत सरकार को भी भारतीयों के साथ हर साल हो रही हजारों करोड़ रुपये की ठगी की चिंता थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कंबोडिया में साइबर ठगों के खिलाफ यह कार्रवाई करीब 15 दिनों से चल रही थी।

    जल्द ही साझा की जाएगी गिरफ्तार किए गए लोगों की जानकारी

    एसीपी साइबर क्राइम ने बताया कि फिलहाल उन्हें कंबोडिया में हुई कार्रवाई की जानकारी मिली है। यह एक बड़ी सफलता है। हालांकि, भारत के किस राज्य और किस जिले के कितने लोगों को वहां पकड़ा गया है, इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है।

    गृह मंत्रालय की तरफ से जिला साइबर पुलिस के साथ भी जल्द ही पकड़े गए भारत के आरोपितों की लिस्ट साझा की जाएगी। इसमें यह पता चलेगा कि किस जिले का कौन व्यक्ति है और वहां साइबर ठगी में कबसे संलिप्त था। भारत के लोगों से कंबोडिया से कितने करोड़ की ठगी हुई, इस बारे में भी जानकारी सामने आ सकती है।

    वहां के नेटवर्क के बारे में भी पता चल सकता है। कंबोडिया के साथ-साथ अब दूसरे देशों में भी इस तरह की कार्रवाई के रास्ते खुल जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कड़ा प्रहार होने से साइबर ठगी की घटनाओं में भी कमी आ सकती है, क्योंकि डिजिटल अरेस्ट और निवेश के नाम पर बड़ी ठगी की वारदात दूसरे देशों से ही हो रही हैं।

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