BA-B.Ed और BSc-B.Ed के 300 विद्यार्थियों को नहीं मिलेगी नौकरी, NCTE से मान्यता बिना ही पढ़ा दिया कोर्स
गुरुग्राम के स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन में 300 से अधिक छात्रों का भविष्य खतरे में है। संस्थान के बीए-बीएड और बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम NCTE से मान्यता प्राप्त नहीं हैं। छात्रों का आरोप है कि उन्हें दाखिले से पहले इस बारे में सूचित नहीं किया गया था। अब छात्रों को बिना मान्यता वाली डिग्री के साथ नौकरी मिलने की चिंता सता रही है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन की लापरवाही के कारण 300 से अधिक विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है।
देश भर के अलग-अलग हिस्सों से विद्यार्थियों ने स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन में इस उम्मीद से दाखिला लिया था कि इंस्टीट्यूट से निकल कर अध्यापक बनेंगे।
लेकिन, दाखिला लेने के कुछ समय बाद विद्यार्थियों को पता चला कि पाठ्यक्रम राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त ही नहीं है। विद्यार्थियों का कहना है कि दाखिले से पहले यह नहीं बताया गया।
इस संबंध में कई बार अध्यापकों से सूचित किया गया परंतु पत्राचार के अलावा कुछ नहीं हो पाया है। विद्यार्थियों का कहना है कि उनकी चार साल की मेहनत पूरी तरह से नाकाम हो गई है। इस बिना मान्यता प्राप्त डिग्री के साथ उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिलेगी।
डाइट स्थित स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन द्वारा चार वर्ष पूर्व वर्ष 2021 में बीए-बीएड और बीएससी-बीएड इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई। इस पाठ्यक्रम के लिए देश भर से विद्यार्थियों ने आवेदन किया।
बीए-बीएड में 30 और बीएससी-बीएड में 70 सीटों पर आवेदन मांगे गए। विद्यार्थियों ने केंद्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण कर पाठ्यक्रम में दाखिला लिया। दाखिले के बाद विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम की मान्यता के संबंध में जानकारी मिली।
गुरुग्राम यूनिवर्सिटी की ओर से भी इस संबंध में नोटिस जारी कर विद्यार्थियों के भविष्य के प्रति चिंता जताई गई परंतु इस ओर भी ध्यान नहीं दिया गया।
विद्यार्थियों ने बताया कि अध्यापकों ने डिग्री को हरियाणा में मान्य होने की बात कही परंतु बिना राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की मान्यता के डिग्री कही मान्य नहीं है।
ओडिशा, बिहार आदि जगहों से आकर विद्यार्थी कर रहे हैं पढ़ाई
बीए-बीएड के छात्र आयुष ने बताया कि संस्था की लापरवाही के कारण मानसिक पीड़ा का सामना करना पड़ रहा है। इस डिग्री के साथ हमें कहीं भी नौकरी नहीं मिलेगी। सोचा था इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम से समय की बचत होगी और अच्छी नौकरी मिलेगी परंतु अब तो भविष्य में अंधेरे में दिख रहा है।
झारखंड से आई विद्यार्थी निवेदिता ने बताया कि इतनी दूर यहां पर दाखिला लिया लेकिन दाखिला लेने के बाद मान्यता के संबंध में जानकारी मिली। इस संबंध में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के कार्यालय में शिकायत दी जाएगी।
इसके अलावा गुुरुग्राम जिला उपायुक्त को भी ज्ञापन दिया जाएगा। इस संबंध में स्टेट इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन के एकेडिमक प्रमुख राकेश श्योराण से बात करने की कोशिश की गई परंतु उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिल सका।
मैं ओडिशा से हूं। मैंने स्टेट इंस्टीट्यूट आफ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन के इंटिग्रेटेड पाठ्यक्रम में दाखिला लिया परंतु इस पाठ्यक्रम की मान्यता ही नहीं है। भविष्य को लेकर बहुत डर लग रहा है।
- अभिलाषा नायक, विद्यार्थी
मैं पश्चिम बंगाल से हूं। सोचा था दाखिले के बाद अच्छी नौकरी मिलेगी परंतु इस पाठ्यक्रम की मान्यता ही नहीं है। पाठ्यक्रम को जल्द से जल्द मान्यता मिलनी चाहिए।
- सावित्री. विद्यार्थी
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