गुरुग्राम को बनाया जाएगा प्लास्टिक मुक्त मॉडल शहर, मुख्य सचिव ने अधिकारियों के साथ की बैठक
गुरुग्राम को प्लास्टिक मुक्त बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। एसीएस आनंद मोहन शरण ने अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की और इसे जन आंदोलन बनाने पर जोर दिया। उन्होंने सिक्किम और इंदौर जैसे शहरों से प्रेरणा लेने की बात कही और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। आरडब्ल्यूए के सहयोग को महत्वपूर्ण बताया गया।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। प्लास्टिक मुक्त मॉडल शहर गुरुग्राम को बनाया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। तैयारी की समीक्षा को लेकर शनिवार को पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) आनंद मोहन शरण ने पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अभियान को लेकर की गई तैयारी की समीक्षा की गई। वहीं बेहतर तरीके से आगे अभियान चले, इस बारे में दिशा निर्देश भी दिए।
एसीएस आनंद मोहन शरण ने अधिकारियों से कहा कि वे इस प्रोजेक्ट को केवल एक सरकारी कार्यक्रम के रूप में नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन की भावना के साथ आगे बढ़ाएं। यदि हम नागरिकों को सहभागी बनाएं, तो यह अभियान अपेक्षित समय-सीमा में सफलतापूर्वक पूर्ण किया जा सकता है। इस प्रयास को जन आंदोलन का स्वरूप देने हेतु जनप्रतिनिधियों का सक्रिय सहयोग अनिवार्य है।
गुरुग्राम को भी एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया
उन्होंने सिक्किम और इंदौर जैसे शहरों के सफल उदाहरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके पदचिह्नों पर चलकर गुरुग्राम को भी एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। अनेक गैर-सरकारी संगठन इस अभियान में सक्रिय भागीदारी हेतु आगे आ रहे हैं। जनजागरूकता बढ़ाने के लिए पोस्टर्स, शॉर्ट वीडियो क्लिप्स, जिंगल्स, सोशल मीडिया अभियानों, नुक्कड़ नाटकों तथा सामुदायिक बैठकों जैसे प्रभावशाली माध्यमों का उपयोग किया जाए।
इसके साथ ही विद्यालयों, महाविद्यालयों, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस , माल, बाजारों, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कार्यालयों तथा अन्य सार्वजनिक स्थलों पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। लोगों के व्यवहार में परिवर्तन इस अभियान की सफलता की आधारशिला है। जब तक आमजन स्वयं प्लास्टिक का उपयोग छोड़ने के लिए प्रेरित नहीं होंगे, तब तक कोई भी सरकारी प्रयास सफल नहीं हो सकता।
अभियान की सफलता के लिए आरडब्ल्यूए का सहयोग अनिवार्य
सभी विभागों से आह्वान किया कि वे अपने प्रत्येक कर्मचारी को इस अभियान से जोड़ें, ताकि यह प्रयास केवल प्रशासनिक न रहकर एक जन-संवेदनशील मिशन बन सके। उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि अभियान की सफलता के लिए आरडब्ल्यूए का सहयोग अनिवार्य है। स्थानीय स्तर पर यदि रेजिडेंट्स स्वयं स्वेच्छा से इस पहल में भाग लें, तो इसका प्रभाव बहुत व्यापक और दीर्घकालिक होगा।
सभी हितधारकों को चिन्हित कर उन्हें अभियान में सक्रिय रूप से सहभागी बनाया जाएगा। बैठक में हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव प्रदीप डागर, नगर निगम गुरुग्राम के एडिशनल कमिश्नर जितेंद्र कुमार व महाबीर प्रसाद, जाइंट कमिश्नर सुमित कुमार, विशाल व जयवीर यादव, वन संरक्षक डा. सुभाष यादव आदि शामिल हुए।
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