गुरुग्राम की इन इमारतों में आग का खतरा, सुरक्षा नियमों की अनदेखी; कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा
गुरुग्राम की कई हाईराइज सोसायटियों में आग से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं जिससे हजारों लोगों की जान खतरे में है। अग्निशमन विभाग के अनुसार कई सोसायटियों ने फायर एनओसी नहीं ली है। बिल्डरों की लापरवाही के चलते आग लगने की घटनाएं बढ़ रही हैं। विभाग के पास ऊंची इमारतों के लिए पर्याप्त उपकरण भी नहीं हैं और कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। साइबर सिटी सौ हाईराइज सोसायटियों में आग से बचाव के प्रबंध नहीं है। अग्निशमन विभाग के रिकार्ड के अनुसार सौ सोसायटियों की फायर एनओसी की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। शहर में 600 हाईराइज रेजिडेंशियल सोसायटियां हैं।
गगनचुंबी इमारतों में आग से बचाव के प्रबंध नहीं होने के कारण हजारों परिवारों की जान हर समय जोखिम में रहती है। नियमानुसार बिल्डरों की जिम्मेदारी होती है कि वे बिल्डिंग में फायर सेफ्टी से जुड़े सभी उपकरण और व्यवस्थाएं उपलब्ध कराएं और समय-समय पर फायर विभाग से एनओसी प्राप्त करें, लेकिन कई बिल्डर लापरवाही बरत रहे हैं।
कब-कब लगी आग
- मई 2022: सेक्टर 109 की एक सोसायटी के टावर में आग लगी, ऊपरी फ्लोर तक धुआं फैल गया
- जनवरी 2023: सेक्टर 67 की एक हाईराइज बिल्डिंग की 12वीं मंजिल पर शार्ट सर्किट से आग
- सितंबर 2023: सेक्टर 91 की सोसायटी के फ्लैट में आग, लाखों का नुकसान
- जून 2024: डीएलएफ फेज 5 में एक अपार्टमेंट में एसी में धमाके से लगी आग
हरियाणा बिल्डिंग कोड के ये हैं नियम
- 15 मीटर से ऊंची इमारत को हाईराइज श्रेणी में रखा जाता है
- ऐसी इमारतों के लिए फायर एनओसी लेना अनिवार्य है
- आग से बचाव के लिए स्प्रिंकलर सिस्टम, फायर अलार्म, हाइड्रेंट, और आपातकालीन निकास जरूरी
- हर साल एनओसी का नवीनीकरण कराना होता है
90 मीटर हाइड्रोलिक प्लेटफार्म का इंतजार
फिलहाल अग्निशमन विभाग के पास 55 मीटर ऊंचाई वाला एकमात्र हाइड्रोलिक प्लेटफार्म है, जो ऊंची इमारतों में आग बुझाने के लिए नाकाफी साबित हो सकता है। विभाग ने 90 मीटर ऊंचाई वाले प्लेटफार्म की खरीद के लिए टेंडर प्रक्रिया तो शुरू की।
लेकिन कोई बड़ी कंपनी सामने नहीं आने के कारण प्रक्रिया अधर में है। हरियाणा के 13 जिलों में ऐसे प्लेटफार्म उपलब्ध कराने की योजना थी। हाइड्रोलिक प्लेटफार्म ऊंची इमारतों में आग बुझाने और लोगों को रेसक्यू करने के काम आते हैं।
फायर एनओसी जांच के लिए सभी श्रेणी की बिल्डिंग का सर्वे किया जा रहा है। वैध एनओसी नहीं पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। गुरुग्राम में हाईराइज इमारतों में आग लगने की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। राहत की बात यह रही कि समय पर आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन चूक कभी भी भारी पड़ सकती है।
गुलशन कालरा, संयुक्त निदेशक (तकनीकी), अग्निशमन विभाग
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।