कागजों से बाहर नहीं निकली फरुखनगर में बस स्टैंड बनाने की योजना, लोगों को हो रही परेशानी
फरुखनगर में बस स्टैंड बनाने की योजना सालों से अटकी है। 2006 में घोषणा हुई भूमि भी अधिग्रहित हुई लेकिन निर्माण शुरू नहीं हो पाया। लगभग 50 गांवों के यात्रियों को सड़क पर खड़े रहने को मजबूर होना पड़ता है जिससे दुर्घटना का डर बना रहता है। अधिकारी अतिक्रमण हटाने की बात कह रहे हैं पर काम कब शुरू होगा यह कहना मुश्किल है।

मोनू यादव, फरुखनगर। फरुखनगर में बस स्टैंड बनाने की योजना वर्षों साल बाद भी कागजों से बाहर नहीं निकल पाई है। वर्षों पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने घोषणा की गई थी। लोग मांग करते-करते थक चुके हैं। कोई सुनवाई न होने पर लोग निराश हो चुके हैं।
बता दें कि फरुखनगर में बस स्टैंड बनाने की घोषणा 14 मई 2006 को तत्कालीन प्रदेश सरकार ने गई थी। इसके बाद भूमि अर्जन अधिकारी पटौदी द्वारा 19 मार्च 2015 को 24 कनाल 16 मरला भूमि एक्वायर किया गया। 23 अक्टूबर 2017 को यह जमीन परिवहन विभाग के नाम ट्रांसफर कर दी गई। इसके बाद विभाग द्वारा बस स्टैंड पर लाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया गया था। 31 जनवरी 2025 को बस स्टैंड की जमीन पर निशानदेही करवा कर चारदीवारी करने का एस्टीमेट बना कर पीडब्ल्यूडी विभाग को भेजा गया था।
टेंडर के बावजूद नहीं हुआ कार्य शुरू
फरुखनगर बस स्टैंड की चारदीवारी करने का टेंडर पिछले वर्ष हो चुका है। बावजूद उसके अभी तक इसका कार्य शुरू नहीं किया गया है। लोग नेताओं व अधिकारियों से बस स्टैंड बनाने की मांग कई बार कर चुके हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं। कस्बे से लगते लगभग 50 गांवों के लोग फरुखनगर से आवागमन करते हैं। यही नहीं हजारों की संख्या में लोग गुरुग्राम जाते हैं। बस स्टैंड नहीं होने के कारण सवारियों को बीच सड़क पर खड़ा होना पड़ता है। इस वजह से आए दिन हादसे भी होते रहते हैं।
लोगों का कहना है कि चुनाव के दौरान नेता वोट मांगने आते हैं। जीतने के बाद विकास कार्यों की तो दूर की बात आकर देखते तक नहीं। बस स्टैंड के लिए वजीरपुर रोड पर जगह चिह्नित की हुई है। इस बारे में जीएम रोडवेज भारत कुमार का कहना है कि बस स्टैंड की जगह पर अभी लोगों द्वारा कब्जा किया हुआ है। फरुखनगर तहसीलदार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया हुआ है। कब्जा करने वाले को नोटिस दिए हुए हैं। जल्दी ही अतिक्रमण हटाकर काम शुरू करवाया जाएगा।
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