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    CM Nayab Saini: साइबर सिटी में जलभराव को लेकर सीएम ने खुद संभाला मोर्चा, अधिकारियों को दिया ये आदेश

    Updated: Wed, 02 Jul 2025 09:58 PM (IST)

    मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने गुरुग्राम में जलभराव की समस्या पर अधिकारियों से सीधी बात की। उन्होंने अधिकारियों को फील्ड में रहकर स्थिति पर नजर रखने और जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए। गुरुग्राम पिछले कई सालों से जलभराव की समस्या से जूझ रहा है हल्की बारिश में भी शहर के कई इलाके तालाब बन जाते हैं।

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    गुरुग्राम में जलभराव को लेकर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। जलभराव से पूरी दुनिया में साइबर सिटी की हो रही किरकिरी को देखते हुए अब सीधे मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस बारे में अधिकारियों से संवाद शुरू कर दिया है। बुधवार को उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद किया।

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    उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अधिकारी फील्ड में रहकर निरंतर जलभराव की स्थिति की मानिटरिंग करें। साथ ही आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। उन्होंने अब तक की तैयारी के बारे में भी सवाल-जवाब किया। जवाब देते हुए अधिकारियों ने स्वीकार किया कि कुछ ड्रेनों की सफाई का काम बाकी है और जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा।

    पिछले कई सालों से पूरी दुनिया में आटोमोबाइल, आईटी, टेलीकाम, मेडिकल एवं गारमेंट सेक्टर में पहचान बनाने वाली साइबर सिटी जलभराव की समस्या से त्रस्त है। 100 एमएम से अधिक वर्षा की बात दूर 30 एमएम वर्षा होने पर भी शहर के अधिकतर इलाके तालाब बन जाते हैं।

    हर साल प्रशासन दावा करता है कि इस बार जलभराव नहीं होगा। मानसून आते ही हर साल दावा खोखला साबित होता है। इस बार भी खोखला साबित हाे रहा है जबकि सही से मानसून की एक भी वर्षा नहीं हुई है। नरसिंहपुर में पिछले कई सालों हाईवे पर जलभराव की समस्या बनी हुई है।

    कहा गया था कि ओपन ड्रेन बनने के बाद समस्या दूर होगी लेकिन स्थिति जस की तस। सर्विस लेन हल्की वर्षा में ही तालाब दिखने लगती है। शहर के अधिकतर इलाकों में जलभराव की समस्या है।

    यह हाल तब है जब 100 से अधिक क्रिटिकल प्वाइंट बनाकर अधिकारियों की जिम्मेदारी लगाई जा चुकी है। अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी द्वारा अधिकारियों से सीधा संवाद करने से स्थिति बदलने की उम्मीद दिखाई दे रही है।

    जिले में 180 पंप सेट की व्यवस्था

    मुख्यमंत्री से संवाद के दौरान उपायुक्त अजय कुमार ने बताया कि जिले में अधिकतर ड्रेन की सफाई का कार्य लगभग पूरा कर लिया गया है। शेष बची ड्रेन की सफाई भी जल्द ही करवा दी जाएगी। सभी जलभराव संभावित जगहों को चिन्हित करके पंप सेट सहित आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित कर लिए गए हैं।

    जिले में 180 पंप सेट हैं, जिनको आवश्यकतानुसार जलभराव होने पर प्रयोग में लाया जा रहा है। इसके अलावा संभावित जगहों पर जलभराव को लेकर मानिटरिंग के लिए अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई है। मुख्यमंत्री से संवाद के बाद उपायुक्त ने संबंधित अधिकारियों से कहा कि वे लगातार फील्ड में रहकर जलभराव से संबंधित मानिटरिंग करते रहें।

    मानसून के मद्देनजर कोई भी अधिकारी अवकाश पर न रहे। जिले में सभी ड्रेन साफ होनी चाहिए। जलभराव की निकासी से संबंधित सभी संसाधन चालू हालत में होने चाहिए ताकि कहीं भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न होने पर उनका प्रयोग किया जा सके। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान मंडल आयुक्त आरसी बिढ़ान सहित सभी संबंधित अधिकारी मौजूद थे।