Gurugram News: एमटेक ऑटो बैंक धोखाधड़ी केस में ED की बड़ी कार्रवाई, 56 लोगों को भेजा नोटिस
गुरुग्राम ईडी ने एमटेक ऑटो लिमिटेड से जुड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में 56 लोगों को नोटिस भेजा है जिनमें प्रमोटर अरविंद धाम और अन्य शामिल हैं। उन पर बैंकों से लिए गए ऋणों का दुरुपयोग करने और मनी लॉन्ड्रिंग करने का आरोप है। जांच में फर्जी ऑडिट रिपोर्ट और शेयर बाजार में हेराफेरी का भी खुलासा हुआ। ईडी ने 6261 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गुरुग्राम जोनल ऑफिस ने एमटेक ऑटो लिमिटेड और उससे जुड़ी कंपनियों के बैंक धोखाधड़ी मामले में इसी महीने एक अगस्त को नई दिल्ली के राउज एवेन्यू स्थित विशेष पीएमएलए अदालत में एक पूरक अभियोजन शिकायत दाखिल की है।
अदालत ने सात अगस्त को 56 आरोपियों को नोटिस जारी किया है, जिनमें एमटेक ग्रुप के प्रमोटर अरविंद धाम, उनके परिजन, चार्टर्ड अकाउंटेंट, बैंकर, रेजाल्यूशन प्रोफेशनल, शेयर बाजार ऑपरेटर और अन्य लोग शामिल हैं।
यह मामला सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए गए बड़े पैमाने पर ऋण के अवैध उपयोग और धन शोधन से जुड़ा है। सीबीआइ ने आइडीबीआइ बैंक और बैंक आफ महाराष्ट्र की शिकायतों पर एफआइआर दर्ज की थी। जांच में सामने आया कि चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने फर्जी आडिट रिपोर्ट देकर संपत्तियों की कीमत बढ़ाकर दिखाई और फंड के अवैध उपयोग को छुपाया।
कई बैंकरों पर बिना उचित जांच के ऋण स्वीकृत करने और पुराने ऋण को एवरग्रीन करने के आरोप हैं जिससे बैंकों का एनपीए बढ़ा। ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि मुंबई के कुछ शेयर बाजार ऑपरेटरों की मदद से कैस्टेक्स टेक्नोलाजीज लिमिटेड के शेयरों में कृत्रिम भाव वृद्धि की गई जिससे विदेशी निवेशकों को लगभग 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
यह धन खुद एमटेक ग्रुप ने बैंकों से लिए ऋण से मुहैया कराया था। ग्रुप की 15 कंपनियां एनसीएलटी में दिवालिया कार्यवाही में गईं, जहां औसतन 81% तक नुकसान हुआ और लेनदारों को केवल 19% रकम ही मिली। जांच में यह भी पाया गया कि प्रमोटरों ने पहले ही अपनी संपत्तियां कम कीमत पर अपने लोगों को ट्रांसफर कर दी थीं।
साथ ही लगभग 500 शेल कंपनियों के जरिए 6000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्तियां खरीदी गईं ताकि उन्हें दिवालिया प्रक्रिया से बचाया जा सके। ईडी ने अब तक 40 से ज्यादा जगह छापेमारी, अरविंद धाम की गिरफ्तारी, और 6261 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है जिसकी बाजार कीमत इससे कहीं अधिक बताई जा रही है।
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