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    ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो परियोजना को मिलेगी रफ्तार, अवैध निर्माणों पर चलेगा बुलडोजर

    Updated: Wed, 13 Aug 2025 09:41 PM (IST)

    ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो परियोजना में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है। एचएसवीपी प्रशासक वैशाली सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्माण से जुड़ी समस्याओं पर विचार किया गया। जीएमआरएल ने सेक्टर-10ए में कास्टिंग यार्ड के लिए जमीन मांगी है वहीं सेक्टर-33 में मेट्रो डिपो के लिए भूमि उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई।

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    ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो परियोजना को गति देने की कवायद तेज। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो परियोजना में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए प्रशासन ने एक्शन मोड अपना लिया है। मंगलवार शाम हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की प्रशासक वैशाली सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में मेट्रो निर्माण से जुड़ी सभी समस्याओं की समीक्षा की गई और समाधान के लिए निर्देश जारी किए गए।

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    बैठक में गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड (जीएमआरएल) ने बताया कि मिलेनियम सिटी सेंटर से लेकर सेक्टर-9 तक मुख्य सड़कों की पैमाइश और निशानदेही की जरूरत है, जिससे निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सके। एचएसवीपी अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश स्थानों पर पैमाइश कर निशान दिए जा चुके हैं, जिससे निर्माण कार्य में बाधा नहीं आएगी।

    जीएमआरएल ने सेक्टर-10ए स्थित ऑटो मार्केट की 25 एकड़ जमीन को कास्टिंग यार्ड के रूप में उपयोग करने के लिए नवंबर तक उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया। प्रशासक ने संपदा अधिकारी-1 को निर्देश दिए कि नगर निगम के सहयोग से वहां पड़ा मलबा जल्द हटवाया जाए।

    वहीं, सेक्टर-33 में मेट्रो डिपो और कास्टिंग यार्ड के लिए जमीन उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई। प्रशासक ने बताया कि कुछ हिस्से का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में विचाराधीन है, जिसे सुलझाकर जमीन दी जाएगी।

    इसके अलावा नौ प्रस्तावित मेट्रो स्टेशनों — मिलेनियम सिटी सेंटर, सेक्टर-45, सुभाष चौक, सेक्टर-33, उद्योग विहार फेज-6, सेक्टर-37, बसई, सेक्टर-9 और सेक्टर-101 — के प्रवेश और निकासी के लिए 5317 वर्ग मीटर भूमि की मांग भी रखी गई जिस पर प्रशासक ने संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए।

    जीएमआरएल ने मेट्रो रूट पर आ रहे 217 मकानों, दुकानों और अस्थायी निर्माणों को हटवाने का मुद्दा भी उठाया। इनमें से अधिकांश निर्माण एचएसवीपी की अधिग्रहित जमीन पर अवैध रूप से बने हैं। साथ ही उमंग भारद्वाज चौक स्थित हिमगिरी आश्रम की जमीन विवाद को निपटाने का भी अनुरोध किया गया।