गुरुग्राम से पचगांव तक होगा मेट्रो का विस्तार, कनेक्टिविटी होगी बेहतर; साइबर सिटी आने वालों को फायदा
गुरुग्राम के सेक्टर-56 रैपिड मेट्रो स्टेशन से पचगांव चौक तक मेट्रो विस्तार की व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार हो गई है। राज्य सरकार द्वारा अध्ययन के बाद रिपोर्ट को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है जिसके बाद डीपीआर बनेगी। इस नए रूट से एचएसआईडीसी और साइबर सिटी के लाखों लोगों को फायदा होगा क्योंकि गुरुग्राम के ज्यादातर इलाके मेट्रो से जुड़ जाएंगे। पचगांव चौक पर मेट्रो कॉरिडोर आरआरटीएस कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा।

आदित्य राज, गुरुग्राम। सेक्टर-56 रैपिड मेट्रो स्टेशन से पचगांव चौक तक मेट्रो विस्तार की व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार हो गई है। राज्य सरकार रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है। उम्मीद है कि इस महीने के अंत तक रिपोर्ट को हरी झंडी मिल जाएगी। इसके बाद डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
नए रूट में एचएसआईडीसी की भी सहयोगी भूमिका होगी, यानी वह बजट साझा करेगी। नए रूट से एचएसआईडीसी को काफी फायदा होगा क्योंकि मानेसर और आसपास के इलाकों में उसके कई बड़े प्रोजेक्ट आ रहे हैं।
सभी प्रोजेक्ट्स में बेहतर मेट्रो कनेक्टिविटी होगी। साथ ही साइबर सिटी और आसपास के इलाकों के लाखों लोगों को सुविधा मिलेगी। इस रूट के बनने के बाद गुरुग्राम जिले के ज्यादातर इलाके सीधे मेट्रो से जुड़ जाएंगे।
राज्य सरकार की योजना साइबर सिटी और आसपास के सभी इलाकों को मेट्रो से जोड़ने की है। इस दिशा में पुराने गुरुग्राम में मेट्रो के विस्तार के साथ-साथ सेक्टर-56 से पचगांव चौक और पालम विहार से दिल्ली के द्वारका तक मेट्रो का विस्तार किया जाएगा।
सेक्टर-56 से पचगांव चौक तक की फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार हो गई है। सेक्टर-56 रैपिड मेट्रो का आखिरी स्टेशन है। वहाँ एक इंटरचेंज बनाया जाएगा और आगे एक नया कॉरिडोर जोड़ा जाएगा। कॉरिडोर पर कितने स्टेशन होंगे और कहां होंगे, इसकी पूरी जानकारी डीपीआर से सामने आएगी।
सभी भीड़-भाड़ वाले इलाकों में स्टेशन बनाने का प्रयास किया जाएगा। मानेसर के आसपास विकसित कई सोसायटियों को सीधे मेट्रो से जोड़ा जाएगा। 30 से ज़्यादा गाँव सीधे मेट्रो से जुड़ेंगे। इससे सड़कों पर यातायात का दबाव कम होगा और क्षेत्र में विकास की गति भी तेज़ होगी।
पचगांव चौक पर आरआरटीएस कॉरिडोर से जुड़ेगा मेट्रो कॉरिडोर
पचगांव चौक पर मेट्रो कॉरिडोर को रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। यह चौक आरआरटीएस कॉरिडोर का जंक्शन होगा। आरआरटीएस कॉरिडोर दिल्ली के सराय काले खां से राजस्थान के अलवर तक विकसित किया जाएगा।
इस तरह, अलवर तक मेट्रो यात्रियों का सफ़र आसान हो जाएगा। रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) को हीरो होंडा चौक के पास पुराने गुरुग्राम के लिए विकसित किए जा रहे मेट्रो कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। इससे किसी भी क्षेत्र से मेट्रो सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकेगा। बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने आरआरटीएस कॉरिडोर विकसित करने की योजना को हरी झंडी देने की तैयारी कर ली है।
जल्द ही कैबिनेट से इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल ने कुछ दिन पहले गुरुग्राम में आयोजित एक समारोह में इसके संकेत दिए थे। आरआरटीएस कॉरिडोर के विकसित होने के बाद अलवर तक की तस्वीर बदल जाएगी।
दिल्ली और गुरुग्राम में काम करने वाले लोग न केवल आस-पास रहना पसंद करेंगे, बल्कि वे अलवर तक भी रह सकेंगे, क्योंकि कॉरिडोर पर हर 10 से 15 मिनट में नमो ट्रेन चलने की सुविधा उपलब्ध होगी।
आरआरटीएस कॉरिडोर तीन चरणों में विकसित
आरआरटीएस कॉरिडोर का विकास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) द्वारा तीन चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में, दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराना-बहरोड़) 106 किलोमीटर, दूसरे चरण में बहरोड़ से सोतानाला और तीसरे चरण में सोतानाला से अलवर तक कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।
इस कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से दौड़ सकेंगी। औसत गति 100 किलोमीटर होगी। 10 से 15 मिनट के अंतराल पर ट्रेन की सुविधा उपलब्ध होगी।
सेक्टर-56 रैपिड मेट्रो स्टेशन से पचगांव तक मेट्रो विस्तार की व्यवहार्यता रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। राइट्स द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट का शासन स्तर पर अध्ययन किया जा रहा है। जल्द ही डीपीआर तैयार करने की दिशा में काम शुरू हो जाएगा। इस कॉरिडोर के निर्माण के बाद साइबर सिटी और आसपास के कई इलाके मेट्रो की पहुँच में होंगे। मेट्रो विस्तार के लिए कई अन्य रूटों पर भी विचार किया जा रहा है।
-- डॉ. चंद्रशेखर खरे, प्रबंध निदेशक, गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड
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