ED ने लखानी समेत इन दो कंपनियों पर लिया एक्शन, 661 करोड़ की संपत्ति जब्त
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड लक्ष्मी प्रिसिजन स्क्रू प्राइवेट लिमिटेड और लखानी समूह की कंपनियों की करोड़ों रुपये की संपत्तियां जब्त की हैं। ईडी ने थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटरों की 286.98 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है। लक्ष्मी प्रिसिजन स्क्रू प्राइवेट लिमिटेड की 12 अचल संपत्तियां जब्त की गई हैं।

संवाददाता, नया गुरुग्राम। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गुरुग्राम शाखा ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए थ्री सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके प्रमोटर निर्मल सिंह व अन्य की 286.98 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की है।
108.04 करोड़ की संपत्ति जब्त
इसके अलावा विदुर भारद्वाज और जीएसएस क्लीन एनर्जी सॉल्यूशंस (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के 108.04 करोड़ रुपये के शेयर भी जब्त किए गए हैं। इस मामले में 28 मार्च 2025 को जारी आदेश के तहत 395.03 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही जब्त की जा चुकी है।
ईडी ने अपनी जांच में पाया कि 3सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड और उसके प्रमोटरों ने घर खरीदारों को ठगने के लिए धोखाधड़ी की। गुरुग्राम के सेक्टर 89 में 'ग्रीनोपोलिस' नाम से एक आवासीय परियोजना चलाई गई जिसमें खरीदारों से 873.83 करोड़ रुपये एकत्र किए गए, लेकिन परियोजना अभी भी अधूरी है और निवेशकों को उनके फ्लैट नहीं मिले हैं।
ईडी ने प्रमोटरों के ठिकानों पर छापेमारी की
25 नवंबर 2024 को ईडी ने कंपनी के प्रमोटरों के ठिकानों पर छापेमारी की जिसमें कई आपत्तिजनक दस्तावेज मिले। जांच में पता चला कि 3सी शेल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड ने प्रमोटरों के जरिए धोखाधड़ी से खरीदारों से पैसे एकत्र किए और इस रकम को अन्य कंपनियों को भेज दिया। वर्तमान में कंपनी दिवालियापन प्रक्रिया से गुजर रही है और खरीदारों को उनके घर मिलने की संभावना नहीं है।
जांच में यह भी पता चला कि घर खरीदारों से लिया गया पैसा निर्माण के बजाय कहीं और निवेश किया गया था इसके अलावा ईडी को जानकारी मिली है कि कंपनी ने गलत दस्तावेजों और हेराफेरी के जरिए कम कीमत दिखाकर जमीन बेची, जिससे करीब 90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
इस पूरे फर्जीवाड़े को अज्ञात लोगों और फर्जी कंपनियों के जरिए अंजाम दिया गया। ईडी ने कहा है कि इस मामले में अभी आगे की जांच जारी है और जल्द ही अन्य संबंधित पक्षों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
लक्ष्मी प्रिसिजन स्क्रू की 12 अचल संपत्तियां जब्त
एक अन्य मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गुरुग्राम कार्यालय ने केनरा बैंक और एसबीआई से लिए गए 176.70 करोड़ रुपये के ऋण चूक मामले में लक्ष्मी प्रिसिजन स्क्रू प्राइवेट लिमिटेड की 12 अचल संपत्तियों को जब्त कर लिया है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई।
ईडी की जब्ती में सात व्यावसायिक भूमि (20 एकड़ से अधिक), चार एकड़ कृषि भूमि और दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम और रोहतक में स्थित चार व्यावसायिक फ्लैट-सह-कार्यालय शामिल हैं।
यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर पर आधारित है, जिसमें कंपनी और उसके प्रमोटर ललित के जैन, राजेश के जैन, विजय कुमार जैन और अन्य पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप लगाया गया है।
बैंकों को 176.70 करोड़ रुपये का नुकसान
आरोप है कि उन्होंने बैंकों को धोखा देने के लिए गलत जानकारी दी। बैंक की सहमति के बिना गिरवी रखी गई संपत्तियों को बेच दिया। संबंधित कंपनियों के साथ गलत तरीके से लेन-देन किया, जिससे बैंकों को 176.70 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
सीबीआई ने मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है, लेकिन कंपनी का कर्ज समाधान अभी भी लंबित है। एनसीएलटी ने कंपनी की दिवालियेपन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है।
ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि लक्ष्मी प्रिसिजन स्क्रूज लिमिटेड ने गलत स्टॉक स्टेटमेंट जमा करके बैंक से अधिक क्रेडिट लिया, एलसी फंड का दुरुपयोग किया और बैंक की अनुमति के बिना गिरवी रखी गई जमीन के बदले दूसरी जमीन खरीदी। ईडी द्वारा आगे की जांच जारी है।
लखानी की सात संपत्तियां को जब्त
वहीं, एक और मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गुरुग्राम ने बैंक धोखाधड़ी मामले में मेसर्स लखानी इंडिया लिमिटेड, लखानी रबर उद्योग प्राइवेट लिमिटेड, लखानी एपीएसएल प्राइवेट लिमिटेड और अन्य समूह कंपनियों की 110 करोड़ रुपये से अधिक की सात संपत्तियों को जब्त किया है। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत की गई है।
इस मामले में ईडी ने सीबीआई, दिल्ली और चंडीगढ़ द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। सीबीआई ने लखानी समूह की कंपनियों के साथ-साथ प्रमोटर पीडी लखानी और सुमन लखानी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के विभिन्न प्रावधानों के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और बैंकों के साथ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया था।
लखानी ने इन बैंको के साथ की धोखाधड़ी
ईडी की जांच में पता चला है कि लखानी इंडिया लिमिटेड और समूह की कंपनियों ने इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और इलाहाबाद बैंक के साथ धोखाधड़ी की है। कंपनियों ने ऋण प्राप्त करने के लिए गलत जानकारी दी, फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए और धन का दुरुपयोग किया, जिससे बैंकों को 162 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ।
इसके अलावा, ईडी की जांच में यह भी पाया गया कि बैंकों से लिए गए वाणिज्यिक और पूंजीगत ऋणों का इस्तेमाल अन्य कंपनियों के घाटे को कवर करने, सहायक कंपनियों के ऋणों को चुकाने और व्यवसाय विकास के बजाय प्रमोटरों के निर्देश पर विदेशों में अनियमित लेनदेन के लिए किया गया था।
ईडी ने अब तक 20 एकड़ से अधिक वाणिज्यिक भूमि, दो एकड़ फार्महाउस और कई वाणिज्यिक फ्लैट-सह-कार्यालय परिसरों को जब्त कर लिया है और मामले में आगे की जांच जारी है।
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