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    गुरुग्राम में अवैध खनन मामले में ईडी की बड़ी कार्रवाई, 30 करोड़ की संपत्ति जब्त

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 11:03 PM (IST)

    गुरुग्राम में प्रवर्तन निदेशालय ने अवैध खनन सिंडिकेट से जुड़े 30 करोड़ रुपये की 44 संपत्तियां जब्त की हैं। यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत की गई। जांच में पाया गया कि अवैध खनन से 300 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई जिसमें अंगद सिंह मक्कड़ और उनके परिवार का हिस्सा 110 करोड़ रुपये से अधिक है। आगे की जांच जारी है।

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    ईडी ने अवैध खनन मामले में 44 संपत्तियां की अटैच।

    संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की गुरुग्राम टीम ने अवैध खनन सिंडिकेट से जुड़े मामले में बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने पंजाब के लुधियाना, रूप नगर, एसएएस नगर, शहीद भगत सिंह नगर सहित कई जिलों में स्थित 85 एकड़ से अधिक कृषि भूमि सहित कुल 44 अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच किया है।

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    इन संपत्तियों की अनुमानित कीमत करीब 30 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह संपत्तियां कुलदीप सिंह मक्कड़, अंगद सिंह मक्कड़, पुनीत सिंह मक्कड़ और उनकी व्यावसायिक संस्थाओं की बताई गई हैं।

    ईडी ने यह कार्रवाई धन शोधन निरोधक अधिनियम 2002 के तहत की है। यह जांच हरियाणा पुलिस द्वारा दर्ज कई एफआइआर के आधार पर शुरू हुई थी, जो यमुनानगर जिले में अवैध रेत, बजरी और बोल्डर खनन से जुड़ी थीं।

    इनमें कई कंपनियां शामिल थीं जिनमें मेसर्स मुबारिकपुर रायल्टी कंपनी, मेसर्स डेवलपमेंट स्ट्रैटेजीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स दिल्ली रायल्टी कंपनी, मेसर्स जेएसएम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स पीएस बिल्डटेक का नाम सामने आया है।

    ईडी की जांच में सामने आया कि अवैध खनन से करीब 300 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध कमाई हुई। इसमें से अकेले अंगद सिंह मक्कड़ और उनके परिवार का हिस्सा 110 करोड़ रुपये से अधिक का है। आरोप है कि मुबारिकपुर रायल्टी कंपनी और इसके साथ जुड़े सदस्य बिना अनुमति जमीनों पर खनन करते थे और फर्जी ई-रावणों के जरिए खनिज बेचते थे।

    खनिज की बिक्री का पैसा केवल नकद में आता था और उसे आपस में बांट लिया जाता था। इससे पहले भी ईडी ने इस मामले में छापेमारी कर दिलबाग सिंह, कुलविंदर सिंह, सुरेंद्र पंवार और अंगद सिंह मक्कड़ को गिरफ्तार किया था। उस दौरान 122 करोड़ रुपये की संपत्तियों को भी अटैच किया गया था, जिसे बाद में न्यायाधिकरण ने मंजूरी दी।

    तलाशी के दौरान भारी मात्रा में सबूत और दस्तावेज बरामद हुए थे, जिनसे बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन और धन शोधन का खुलासा हुआ। ईडी ने इस मामले में विशेष न्यायालय अंबाला में अभियोजन शिकायत भी दाखिल की है, जिस पर अदालत ने संज्ञान लिया है। फिलहाल मामले की आगे की जांच जारी है।

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