ED ने WTC के प्रमोटर को किया गिरफ्तार, एक हजार करोड़ से ज्यादा की ठगी और धोखाधड़ी का है मामला
ED Arrested Ashish Bhalla प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (डब्ल्यूटीसी) ग्रुप के प्रमोटर आशीष भल्ला को गिरफ्तार किया है। उन पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी और धोखाधड़ी का आरोप है। ईडी ने यह जांच फरीदाबाद पुलिस दिल्ली आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और अन्य एजेंसियों द्वारा दर्ज 30 से अधिक प्राथमिकियों के आधार पर शुरू की थी।

संवाद सहयोगी, नया गुरुग्राम।World Trade Center Group: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) गुरुग्राम जोनल कार्यालय ने वर्ल्ड ट्रेड सेंटर (डब्ल्यूटीसी) ग्रुप के प्रमोटर आशीष भल्ला को छह मार्च को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत की गई है।
यह मामला डब्ल्यूटीसी फरीदाबाद इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के नाम पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी और धोखाधड़ी से जुड़ा है। विशेष अदालत, गुरुग्राम ने आरोपित को छह दिन की ईडी हिरासत में भेजा है।
निवेशकों से करोड़ों रुपये लेने का है आरोप
ईडी ने यह जांच फरीदाबाद पुलिस, दिल्ली आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) और अन्य एजेंसियों द्वारा दर्ज 30 से अधिक प्राथमिकियों के आधार पर शुरू की थी। इन प्राथमिकियों में धोखाधड़ी, षड्यंत्र और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
आरोप है कि डब्ल्यूटीसी ग्रुप ने फरीदाबाद और अन्य स्थानों पर निवेशकों से करोड़ों रुपये लिए, लेकिन वादा किए गए रियल एस्टेट प्रोजेक्ट पूरे नहीं किए।
ईडी की जांच में सामने आया कि डब्ल्यूटीसी ग्रुप ने पांच प्रमुख परियोजनाओं के नाम पर निवेशकों से बड़ी धनराशि जुटाई और उन्हें निश्चित रिटर्न का लालच दिया। लेकिन यह पैसा प्रोजेक्ट के विकास में न लगाकर फर्जी कंपनियों में भेजा गया और विभिन्न स्थानों पर जमीन खरीदने में इस्तेमाल किया गया।
निवेशकों से 3000 करोड़ रुपये से अधिक की जुटाई राशि
जांच में यह भी पता चला कि सैकड़ों करोड़ रुपये सिंगापुर स्थित संदिग्ध कंपनियों में भेजे गए, जिनके लाभार्थी आशीष भल्ला के परिवार के सदस्य हैं। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि डब्ल्यूटीसी ग्रुप ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, अहमदाबाद, पंजाब सहित कई राज्यों के निवेशकों से 3000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई।
पर इसका अधिकांश हिस्सा परियोजनाओं पर खर्च नहीं किया गया। आशीष भल्ला को इस धोखाधड़ी योजना का मुख्य लाभार्थी और मास्टरमाइंड माना जा रहा है, जिसने अवैध रूप से भारी संपत्ति अर्जित की।
गिरफ्तारी से पहले छापेमारी और भागने की कोशिश ईडी ने 27 फरवरी 2024 को इस मामले में छापेमारी की थी, लेकिन उस दौरान आशीष भल्ला फरार हो गया और उसने प्रमुख व्यक्तियों को जांच में सहयोग न करने के लिए उकसाया। सबूतों से छेड़छाड़ और जांच को प्रभावित करने की आशंका के चलते ईडी ने 6 मार्च 2025 को उसे गिरफ्तार कर लिया। मामले की आगे की जांच जारी है।
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