दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर झपकी आने से नहीं जाएगी जान, सुरक्षा के लिए हर ढाई किलोमीटर पर बनाई जाएगी पीली पट्टी
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सोहना के पास अलीपुर से अलवर तक हर ढाई किलोमीटर पर पीली पट्टी लगाई जाएगी। इसका उद्देश्य चालकों को झपकी आने पर सतर्क करना है गति कम करना नहीं। NHAI नूंह में उन जगहों पर पहले काम शुरू करेगा जहां ज्यादा हादसे होते हैं। एक्सप्रेसवे के किनारे अवैध पार्किंग रोकने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं।

आदित्य राज. गुरुग्राम। जिंदगी बचाने के लिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सोहना के नजदीक गांव अलीपुर से अलवर के बीच हर ढाई किलोमीटर पर पीली पट्टी बनाई जाएगी। इन पट्टियों पर वाहनों के आने ही कंपन होगा और ड्राइवर अलर्ट हो जाएगा।
इसकी मोटाई 10 एमएम होगी। इसका उद्देश्य वाहनों की स्पीड कम करना नहीं बल्कि झपकी लेने वाले चालकों को अलर्ट करना होगा। अगले एक महीने के भीतर पट्टियां बनाने का काम पूरा किया जाएगा।
देश की राजधानी दिल्ली की कनेक्टिविटी आर्थिक राजधानी मुंबई से और बेहतर करने के उद्देश्य से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। गुजरात में बडोदरा तक 90 प्रतिशत निर्माण पूरा हो चुका है।
इसके ऊपर 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से वाहन चलाने की अनुमति है। हालांकि इससे भी काफी अधिक रफ्तार से वाहनों के निकलने की शिकायत कई बार सामने आ चुकी है। इस वजह से हादसे हो रहे हैं। खासकर नूंह इलाके में अधिक हादसे होते हैं।
इसके पीछे मुख्य कारण नूंह इलाके में एक्सप्रेसवे के किनारे भारी वाहनों को खड़ा करना। कुछ चालक झपकी आने के बाद भी कहीं वाहन को साइड कर आराम नहीं करते हैं। इस वजह से पीछे से आ रहे वाहन एक्सप्रेसवे के किनारे खड़े वाहन से टकरा जाते हैं।
90 प्रतिशत से अधिक हादसे इसी वजह से हो रहे हैं। इसे देखते हुए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के सोहना कार्यालय ने गांव अलीपुर से लेकर अलवर के बीच में दोनाें तरफ कम से कम 40-40 स्थानों पर पीली पट्टियां बनाने की योजना तैयार की है।
इसके ऊपर इसी सप्ताह काम शुरू हो जाएगा। सबसे पहले नूंह इलाके में उन जगहों पर पट्टी बनाई जाएगी, जिनके आसपास अक्सर हादसे हाेते हैं। प्रत्येक पट्टी की चौड़ाई 30 सेंटीमीटर होगी।
एक्सप्रेसवे के किनारे खड़े वाहनों पर रखी जाएगी नजर
पीली पट्टियां बनाने के साथ ही एक्सप्रेसवे के किनारे वाहन न खड़े हों, इसके लिए नूंह जिला प्रशासन से सहयोग मांगा गया है। यही भी शिकायत सामने आई है कि चालक एक्सप्रेसवे के किनारे वाहन पार्क कर घर जाते हैं। कुछ आसपास ढाबे पर जाकर सो जाते हैं।
बताया जाता है कि पहले इस तरह की शिकायत काफी अधिक थी लेकिन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से अक्सर गुजरने वाले सुशांत लोक निवासी रणविजय सिंह कहते हैं कि रात 10 बजे के बाद मेवात इलाके में कई जगह नियम-कानून नहीं दिखता है। एक्सप्रेसवे के किनारे एक लाइन में कई-कई वाहन खड़े रहते हैं।
एक्सप्रेसवे के किनारे चालक वाहन न खड़ा करें, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। नूंह पुलिस भी सहयोग कर रही है। इसके बाद भी कुछ चालक मनमानी कर रहे हैं। इसे देखते हुए ढाई किलोमीटर के अंतराल पर दोनों तरफ पीली पट्टियां बनाने की योजना बनाई है। इससे जिन चालकों को झपकी जाएगी, वे अलर्ट हो जाएंगे। पीली पट्टी पर वाहन के पहुंचते ही कुछ कंपन होगा। इससे उनकी झपकी दूर हाेगी।
- पीके कौशिक, परियोजना निदेशक, एनएचएआइ (सोहना)
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