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    Delhi-Mumbai Expressway: 2.5 घंटे में गुरुग्राम से जयपुर, नए बांदीकुई लिंक से सफर होगा बेहद आसान

    Updated: Tue, 22 Apr 2025 08:52 AM (IST)

    Delhi Mumbai Expressway से गुरुग्राम से जयपुर का सफर बेहद आसान हो जाएगा। अब सिर्फ ढाई घंटे में लोग पिंक सिटी पहुंच सकेंगे। बांदीकुई-जयपुर एक्सप्रेसवे के जून तक शुरू होने से दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी बेहतर होगी। इससे राजधानी दिल्ली से जयपुर जाने वाले लोगों को काफी समय की बचत होगी क्योंकि वे दिल्ली-जयपुर हाईवे पर ट्रैफिक से बच जाएंगे।

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    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से गुजरते वाहन। फाइल फोटो- जागरण

    आदित्य राज, गुरुग्राम। साइबर सिटी से पिंक सिटी यानी जयपुर चार घंटे की बजाय केवल दो से ढाई घंटे में पहुंचना संभव होगा। इसके लिए राजस्थान में बांदीकुई से जयपुर तक एक्सप्रेसवे का निर्माण अगले महीने के अंत तक पूरा हो जाएगा।

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    कितनी स्पीड पर दौड़ेंगे वाहन?

    जून से एक्सप्रेसवे को चालू करने का लक्ष्य रखा गया है। यह 67 किलोमीटर लंबा एक्सेस कंट्रोल चार लेन का एक्सप्रेसवे होगा। 125 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति से वाहन चल सकेंगे। इससे बांदीकुई से जयपुर केवल 30 मिनट में पहुंच जाएंगे।

    वर्तमान में एक घंटे से अधिक लगता है। इस एक्सप्रेसवे के चालू होने से साइबर सिटी से जयपुर जाने के लिए दो बेहतर मार्ग हो जाएंगे। फिलहाल जयपुर जाने के लिए अधिकतर लोग दिल्ली-जयपुर हाईवे का उपयोग करते हैं।

    दिल्ली-जयपुर हाईवे पर क्यों लगता है ज्यादा टाइम?

    बांदीकुई-जयपुर एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद अधिकतर लोग खासकर दिल्ली की तरफ से आने वाले लोग दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से होते हुए जयपुर पहुंचेंगे। उन्हें इस मार्ग को अपनाने से डेढ़ से दो घंटे की बचत होगी। दिल्ली-जयपुर हाईवे पर ट्रैफिक का दबाव अधिक होने की वजह से आने-जाने में समय अधिक लगता है।

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से बेहतर होगी कनेक्टिविटी

    देश की आर्थिक राजधानी मुंबई एवं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बीच कनेक्टिविटी बेहतर करने को लेकर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। 95 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह आठ लेन का एक्सेस कंट्रोल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे होगा।

    बांदीकुई से लेकर जयपुर तक चार लेन का एक्सप्रेसवे

    1380 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के गुरुग्राम से रणथंभोर तक का भाग विधिवत रूप से चालू किया जा चुका है। जयपुर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर नहीं पड़ता है। इस वजह से जयपुर जाने वाले लोग इसका उपयोग नहीं करते हैं। इसे देखते हुए दौसा मोड़ के नजदीक बांदीकुई से लेकर जयपुर तक चार लेन का एक्सप्रेसवे बनाया जा रहा है। इसके चालू होने से जयपुर दिल्ली-मुंबई एक्सपेसवे से जुड़ जाएगा।

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की तरह ही बांदीकुई-जयपुर एक्सप्रेसवे पर कहीं भी टोल प्लाजा नहीं होगा। एंट्री व एग्जिट प्वाइंट पर टोल सिस्टम लगा होगा। इससे मुख्य मार्ग पर कहीं भी वाहन नहीं रुकेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक (दौसा) बीएस यादव का कहना है कि अगले महीने के अंत तक बांदीकुई-जयपुर एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएगा। जून से इसे चालू कर दिया जाएगा।

    जल्द चालू होगा वडोदरा तक का भाग

    रणथंभोर से लेकर गुजरात में वडोदरा तक का भाग भी जल्द ही चालू होगा। राजस्थान के कोटा में टनल का निर्माण अंतिम चरण में पहुंच चुका है। इस भाग के चालू होते ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से गुरुग्राम से वडोदरा तक का सफर 20 से 22 घंटे के बजाय 10 से 12 घंटे में पूरा करना आसान होगा। 

    कोटा में टनल से पहले और टनल के आगे का निर्माण पूरा हो चुका है। वन्य जीवों को परेशानी न हो, इसके लिए कोटा में टनल के निर्माण के दौरान काफी सावधानी बरती जा रही है। कोटा में ही मुकुंदरा टाइगर रिजर्व है। टनल का निर्माण इस तरह से किया जा रहा है कि वन्य जीवों को अहसास ही नहीं होगा कि नीचे से वाहन निकल रहे हैं।

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से बेहतर होगी कनेक्टिविटी

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण इस साल के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है। इसके चालू होने से कई शहरों की कनेक्टविटी बेहतर हो जाएगी।

    एक्सप्रेसवे दिल्ली एवं गुरुग्राम के अलावा अलवर, जयपुर, दौसा, किशनगढ़, अजमेर, रणथंभोर, सवाई माधोपुर, लालसोट, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, रतलाम, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा एवं सूरत जैसे शहरों के नजदीक से होकर गुजर रहा है। इससे उम्मीद की जा रही है कि दिल्ली एवं मुंबई के साथ ही हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और गुजरात का और तेजी से विकास तेजी से होगा।

    एक्सप्रेसवे को आठ लेन से 12 लेन तक किया जा सकेगा

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर अधिकतम 120 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से वाहन चल सकते हैं। प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद यदि वाहनों का दबाव अधिक बढ़ा तो एक्सप्रेसवे को आठ लेन से 12 लेन तक किया जा सकेगा। इसके लिए एक्सप्रेसवे पर 21 मीटर चौड़ाई की मीडियन बनाई जा रही है। इससे एक्सप्रेसवे को चौड़ा करने में दिक्कत नहीं आएगी।

    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे दुनिया के आधुनिकतम एक्सप्रेसवे में से एक होगा। इसे विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है। जिन इलाकों में वन्य जीव रह रहे हैं, उन इलाकों में टनल का निर्माण इस तरह किया जा रहा है कि एक प्रतिशत भी वन्य जीव परेशान नहीं होंगे।

    एक नजर में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट

    •  95 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनाया जा रहा है एक्सप्रेसवे
    •  24 घंटे की जगह केवल 12 घंटे में पहुंच सकेंगे दिल्ली से मुंबई
    • 32 करोड़ लीटर से अधिक ईंधन की बचत का अनुमान है हर साल
    • 85 करोड़ किलोग्राम की कमी का अनुमान है कार्बन डाई आक्साइड में
    • 500 मीटर के अंतराल पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किया जा रहा
    • 94 प्रकार की सुविधाएं विकसित की जा रहीं दिल्ली से मुंबई तक लोगों के लिए
    •  एक्सप्रेसवे पर गांव अलीपुर के साथ ही कई जगह हेलीकाप्टर लैंड किए जा सकते हैं

    दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे बेहतर एक्सप्रेसवे होगा। एक साथ देश के कई शहर आपस में कनेक्ट हो जाएंगे। सबसे बड़ी बात यह है कि यह मैदानी इलाकों से गुजर रहा है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी विकास की गति तेज होगी।    - जेएस सुहाग, पूर्व तकनीकी सलाहकार, एनएचएआई