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    Delhi-Jaipur Highway: पचगांव में टोल प्लाजा बनाने में देरी पर लोगों में गुस्सा, कहा- अब सीधे प्रधानमंत्री को लिखेंगे चिट्ठी

    Updated: Tue, 20 May 2025 10:39 AM (IST)

    एनएचएआई के एक अधिकारी का कहना है कि रिपोर्ट के आधार पर टोल प्लाजा का स्वरूप तय होगा। लेनों की संख्या निर्धारित होगी। पचगांव में हरियाणा सरकार ने 28 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई है। इतनी जमीन में कितनी लेन का टोल प्लाजा बन सकता है यह सुझाव कंसल्टेंट ने एनएचएआई को दिया है।

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    पचगांव में इसी जगह दिल्ली-जयपुर हाईवे पर बनाया जाएगा टोल प्लाजा। जागरण

    आदित्य राज, गुरुग्राम। पचगांव में दिल्ली-जयपुर हाईवे पर टोल प्लाजा बनाने को लेकर कंसल्टेंट ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के मुख्यालय में सौंप दी। एनएचएआई ने आगे रिपोर्ट केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को भेज दी है।

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    रिपोर्ट में पचगांव से प्रतिदिन व पीक आवर के दौरान औसतन कितने वाहन गुजरते हैं, यह जानकारी दी गई है। इसी रिपोर्ट के आधार पर टोल प्लाजा में लेनों की संख्या तय होगी। उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के भीतर टोल प्लाजा बनाने के बारे में मंत्रालय निर्णय ले लेगा।

    खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाने की मांग

    इधर, टोल प्लाजा बनाने को लेकर धीरे-धीरे चल रही कार्रवाई से लोगों में गुस्सा भरता जा रहा है। लोगों का कहना है कि यदि इस महीने के भीतर टोल प्लाजा बनाने को लेकर फैसला सामने नहीं आया तो वे लोग सीधे प्रधानमंत्री को पत्र लिखना शुरू कर देंगे।

    पिछले कई वर्षों से दिल्ली-जयपुर हाईवे पर संचालित खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाने की मांग चल रही है। लोगों के साथ ही स्थानीय सांसद व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भी खेड़कीदौला टोल प्लाजा हटाकर पचगांव में बनाने की मांग कर रहे हैं।

    इसे लेकर पिछले महीने उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। इसके बाद पचगांव से प्रतिदिन व पीक आवर के दौरान कितने वाहन गुजरते हैं, इसका सर्वे कंसल्टेंट के माध्यम से कराया गया।

    कंसल्टेंट ने NHAI को सौंपी फिजिबिलिटी रिपोर्ट

    कंसल्टेंट ने लगातार सात दिनों तक सर्वे कर रिपोर्ट एनएचएआई मुख्यालय में सौंप दी। रिपोर्ट में क्या उल्लेख किया गया है, इस बारे में जानकारी सामने नहीं आ पाई है। बताया जाता है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा रिपोर्ट देखे जाने के बाद जानकारी सार्वजनिक की जाएगी।  अगले 15 साल तक ट्रैफिक का दबाव न बढ़े, इसे ध्यान में रखकर टोल प्लाजा बनाया जाएगा।

    बता दें कि खेड़कीदौला टोल प्लाजा से प्रतिदिन औसतन टोल टैक्स देने वाले 75 से 80 हजार वाहन गुजरते हैं। एक लाख से अधिक टोल छूट वाहन निकलते हैं। इनके हिसाब से टोल प्लाजा में कम से कम 40 लेन होनी चाहिए जबकि केवल 25 लेन है। इस वजह से पीक आवर के दौरान ही नहीं बल्कि 24 घंटे ट्रैफिक का दबाव रहता है।

    धीरे-धीरे कदम बढ़ाने से लोग नाराज

    पचगांव में टोल प्लाजा बनाने को लेकर जितनी तेज कार्रवाई चलनी चाहिए, उतनी नहीं चल रही है। इससे लोगों की नाराजगी बढ़ रही है। मानेसर में संचालित कंपनियों में काम करने वाले राजकुमार, जय सिंह, हरमेश मल्होत्रा, प्रदीप अवस्थी कहते हैं कि पचगांव से प्रतिदिन कितने वाहन गुजरते हैं, यह रिपोर्ट तैयार करने में ही 20 दिन से अधिक निकल गए।

    टोल प्लाजा बनाने के लिए भी कम से कम दो से तीन महीने चाहिए। जिस गति से कार्रवाई चल रही है, उससे अगले छह महीने में भी पचगांव में टोल प्लाजा नहीं बनेगा। एनएचएआई यह समझने को ही तैयार नहीं है कि खेड़कीदौला टोल प्लाजा की वजह से सेक्टर-37, सेक्टर-34, कादीपुर, बसई एवं आइएमटी मानेसर औद्योगिक क्षेत्र को भारी नुकसान हो रहा है।