दिल्ली से अलवर के बीच दौड़ेगी नमो भारत ट्रेन, गुरुग्राम के लोगों को भी होगा फायदा; जानिए क्या है पूरा प्लान?
दिल्ली से अलवर के बीच Namo Bharat ट्रेन चलाने की योजना में उद्योग विहार में स्टेशन के स्थान को लेकर विवाद है। एचएसआईआईडीसी शंकर चौक पर स्टेशन बनाने के पक्ष में नहीं है क्योंकि वहां पहले से ही ट्रैफिक का दबाव अधिक है। स्टेशन के लिए जगह निर्धारित करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है और जल्द ही इस पर फैसला होने की उम्मीद है।

आदित्य राज, गुरुग्राम। दिल्ली से अलवर के बीच नमो भारत ट्रेन (Namo Bharat) चलाने की योजना को जल्द ही पंख लगेंगे। उद्योग विहार इलाके को छोड़कर, कॉरिडोर पर कहां-कहां स्टेशन बनाए जाएंगे, यह फैसला हो चुका है।
उद्योग विहार इलाके में शंकर चौक पर नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) की ओर से स्टेशन बनाने का प्रस्ताव है। यह एचएसआइआइडीसी को मंजूर नहीं।
एचएसआइआइडीसी का मानना है कि शंकर चौक पर ट्रैफिक का दबाव पहले से ही काफी अधिक है। फिर नजदीक में ही दिल्ली मेट्रो का स्टेशन प्रस्तावित है। ऐसे में स्टेशन एलिवेटेड बनेगा या भूमिगत, चौक पर ट्रैफिक का दबाव काफी बढ़ जाएगा।
एनसीआर में ट्रैफिक का दबाव होगा कम?
स्टेशन चौक के आसपास कहां पर बने, इसके लिए जगह निर्धारित करने हेतु प्रदेश के टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के नेतृत्व में कमेटी का गठन कर दिया गया है। उम्मीद की जा रही है कि अगले 10 दिनों के भीतर जगह निर्धारित हो जाएगी। जगह निर्धारित जमीनी स्तर पर काम शुरू करने की आगे की कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
एनसीआर में ट्रैफिक के साथ ही आबादी का दबाव कम करने के लिए दिल्ली में सराय काले खां से लेकर राजस्थान में अलवर तक रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) विकसित करने की योजना है। इसे दिल्ली-जयपुर हाईवे के साथ-साथ विकसित किया जाएगा।
केंद्र सरकार का मानना है कि आरआरटीएस विकसित होने के बाद जो लोग आज दिल्ली व आसपास ही रहना पसंद करते हैं वे अलवर तक रहना पसंद करेंगे। इससे एनसीआर में ट्रैफिक का भी दबाव कम होगा और आबादी का भी।
स्टेशन के लिए जगह निर्धारित करने के लिए बनाई जा चुकी कमेटी
नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) द्वारा योजना को तीन चरणों में विकसित किया जाना है। पहले चरण में दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी (शाहजहांपुर-नीमराणा-बहरोड़) तक यानी 106 किलोमीटर कॉरिडोर विकसित किया जाएगा।
दूसरे चरण में बहरोड़ से सोतानाला तक एवं तीसरे व अंतिम चरण में सोतानाल से अलवर तक विकसित करने की योजना है। यह भी चर्चा है कि पहले चरण में दिल्ली से धारूहेड़ा तक ही कारिडोर को विकसित किया जाए क्योंकि ट्रैफिक का दबाव धारूहेड़ा तक ही अधिक है।
उद्योग विहार इलाके को छोड़कर कहां-कहां स्टेशन बनाए जाएंगे, यह फाइनल हो चुका है। एनसीआरटीसी का मानना है कि स्टेशन वहीं पर होना चाहिए, जहां पर अधिक से अधिक लोग विभिन्न इलाकों से पहुंचते हैं।
शंकर चौक इस हिसाब से परफेक्ट जगह है। एचएसआइआइडीसी का कहना है कि शहर में सबसे अधिक ट्रैफिक का दबाव शंकर चौक पर है। पीक आवर के दौरान ही नहीं बल्कि बाकी समय के दौरान भी ट्रैफिक का दबाव रहता है।
ऐसे में यदि स्टेशन बनाया जाता तो आगे काफी परेशानी सामने आएगी। बताया जाता है कि शंकर चौक के आगे कुछ दूरी पर जगह उपलब्ध है। वहीं पर स्टेशन के लिए जगह उपलब्ध कराने के बारे में विचार किया जा रहा है। एचएसआइआइडीसी के प्रबंध निदेशक डॉ. यश गर्ग का कहना है कि कमेटी गठित है। कहां पर स्टेशन बनाना उचित होगा, फैसला कमेटी लेगी।
एक साल पहले हो चुकी है मिट्टी की जांच
आरआरटीएस कारिडोर विकसित करने के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू करने से पहले मिट्टी की जांच का काम एक साल पहले ही पूरा किया जा चुका है। यही नहीं जहां पर भी बिजली के टावर तक शिफ्ट किए जाने थे, किए जा चुके हैं।
कहां पर पाइपलाइन है, सीवर की लाइन कहां है, टेलीफोन लाइनें कहां से गुजर रही हैं, इसकी जानकारी हासिल की जा चुकी है। बताया जाता है कि उद्योग विहार में स्टेशन के लिए जगह फाइनल होते ही केंद्र सरकार जमीनी स्तर पर काम शुरू करने को हरी झंडी दिखा देगी।
औसतन 100 किलोमीटर की रफ्तार से चलेगी नमो भारत ट्रेन
आरआरटीएस कॉरिडोर पर 160 किलोमीटर तक की रफ्तार से नमो भारत ट्रेनें चलेंगी। औसतन रफ्तार 100 किलाेमीटर प्रति घंटा होगी।
10 मिनट के अंतराल पर ट्रेन की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है। दिल्ली मेट्रो से कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए आरआरटीएस को हीरो होंडा चौक के साथ ही साइबर सिटी इलाके में जोड़ने की योजना है। कॉरिडोर पर कुल 19 स्टेशन होंगे।
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