साइबर सिटी में युवाओं के फेफड़े हो रहे बूढ़े, जांच रिपोर्ट में 20 से 30 साल के युवाओं में दिखा गंभीर बदलाव
गुरुग्राम में युवाओं के फेफड़ों पर वायु प्रदूषण और धूम्रपान का गंभीर असर हो रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार 20 से 30 वर्ष की आयु के युवाओं में बुजुर्गों जैसे फेफड़ों के बदलाव देखे जा रहे हैं। लगभग 29% मामलों में फेफड़ों की संरचना में बदलाव पाया गया है जिसके मुख्य कारण वायु प्रदूषण और धूम्रपान हैं। समय पर पहचान न होने पर गंभीर खतरा हो सकता है।

जागरण संवाददाता, गुरुग्राम। वायु प्रदूषण और धूम्रपान युवाओं के फेफड़ों को कम उम्र ही बूढ़े बना रहा है। ऐसे में अब कम उम्र के युवा भी फेफड़ों की बीमारियों की शुरुआती समस्याओं का सामना कर रहे हैं। गुरुग्राम के अलावा दिल्ली-एनसीआर के 20 से 30 वर्ष की आयु के करीब चार हजार से ज्यादा युवाओं के सीटी चेस्ट स्कैन की रिपोर्ट के विश्लेषण में यह तथ्य सामने आए हैं।
वायु प्रदूषण के चलते ऐसा होता है। देशभर में बढ़ती गाड़ियों की संख्या और अजीबोगरीब होती लाइफस्टाइल के चलते लोगों की जीवनशैली प्रभावित हो रही है। युवाओं में बुढ़ापे के लक्षण दिख रहे हैं। गुरुग्राम के युवाओं के फेंफड़े इस जद की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में यह िचंताजनक बात है।
निजी संस्थान महाजन इमेजिंग एंड लैब्स की रिपोर्ट की मानें तो करीब 29 फीसदी मामलों में फेफड़ों की संरचना में बदलाव दिखा, जो आमतौर पर ढलती उम्र के साथ बुर्जुगों के फेफड़ों में देखने को मिलते हैं।
इन बदलावों में ब्रोंकिइक्टेसिस, इम्फाइसीमा, फाइब्रोसिस और ब्रोंकियल वाल का मोटा होना आदि शामिल हैं।
संस्थान के विशेषज्ञों के मुताबिक, औसतन तीन में से एक युवा के फेफड़ों में ऐसे बदलाव नजर आ रहे हैं। इनके पीछे वायु प्रदूषण, धूम्रपान या वैपिंग व संक्रमण जैसे कारण कामन थे।
कुछ बदलाव स्थायी होते हैं, अगर समय रहते इन्हें न पहचाना जाए। तो आगे चलकर गंभीर बीमारी का खतरा पैदा कर सकते हैं।
जानें एक्सपर्ट के विचार...
गुरुग्राम जैसे शहरों में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब रहने से फेफड़े पहले से ही तनाव में होते हैं। ऐसे में धूम्रपान से स्थिति और बिगड़ सकती है। रिपोर्ट में औसतन तीन में से एक युवा के फेफड़ों में ऐसे बदलाव नजर आए हैं, जो पहले ज्यादातर बुजुर्गों में दिखते थे।
- डा. हर्ष महाजन, सीनियर रेडियोलाजिस्ट
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